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आगरा विश्ववविद्यालय के स्थापना दिवस पर डॉ. दिनेश शर्मा ने की बड़ी घोषणाएं, देखें तस्वीरें

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कुलपति के कार्यकाल का एक वर्ष पूर्ण होने पर ‘प्रगति पथ पर एक कदम” का विमोचन

कोरोना की तीसरी लहर के दृष्टिगत विश्वविद्यालयों में रोजगारपरक पाठ्यक्रम शुरू किए गए

डॉ. भानु प्रताप सिंह

Agra, Uttar Pradesh. डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय (आगरा विश्वविद्यालय) का 95वां स्थापना दिवस जेपी सभागार, खंदारी परिसर में मनाया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और आगरा के प्रभारी मंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने मंच से ही विश्वविद्यालयों में रिक्त पड़े हुए स्थाई पदों को भरने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राजभवन से प्राप्त निर्देशों के आधार पर पारदर्शी तरीके से यह नियुक्तियां की जाएं। हमारा प्रयास है कि सभी राज्य विश्वविद्यालयों की 15 अगस्त तक परीक्षा हो जाए, 31 अगस्त तक परिणाम आ जाए और सितंबर से नया सत्र प्रारंभ हो जाए, जिससे विद्यार्थियों के करियर में किसी प्रकार का व्यवधान ना आए। अध्यक्षता कुलपति प्रोफेसर अशोक मित्तल ने की।

प्रगति पथ पर एक कदम का विमोचन

कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन एवं ललित कला संस्थान की छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना से किया गया। कुलपति प्रोफेसर अशोक मित्तल ने मुख्य अतिथि डॉ. दिनेश शर्मा का शॉल ओढ़ाकर और माल्यार्पण कर स्वागत किया। कुलपति के कार्यकाल का एक वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष में एक स्मारिका ‘प्रगति पथ पर एक कदम” का विमोचन मंचासीन अतिथियों द्वारा किया गया।

स्मारिका का विमोचन करते अतिथिगण

तीन प्रधानमंत्री और दो राष्ट्रपति दिए हैं विवि ने

डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि डॉक्टर भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय ने 95 वर्षों की इस लंबी यात्रा में एक गौरवशाली इतिहास की संरचना की है । किसी भी विश्वविद्यालय की इतनी लंबी शैक्षिक यात्रा उसकी प्रामाणिकता को सिद्ध करने के लिए पर्याप्त है । 95 वर्ष की इस लंबी यात्रा में विश्वविद्यालय ने देश को 3 प्रधानमंत्री और 2 राष्ट्रपति के अतिरिक्त अन्य अनेक महत्वपूर्ण पदों पर आसीन व्यक्ति प्रदान किए हैं । एकात्म मानववाद के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी ने भी इसी विश्वविद्यालय में अध्ययन किया था।

समारोह को संबोधित करते डॉ. दिनेश शर्मा

कोरोना काल में उत्कृष्ट कार्य किया

उन्होंने कहा कि कोरोना काल में परंपरागत पठन-पाठन की प्रक्रिया के कई विकल्प हमारे सामने आए, जिन्हें हमने सहज रूप से अपनाया और उत्कृष्ट कार्य किया। ऑनलाइन शिक्षा, डिजिटल लाइब्रेरी, ई कंटेंट का अपलोड किया जाना, स्वयंप्रभा, शोधगंगा आदि नए आयामों में उत्तर प्रदेश ने अपना अग्रणी स्थान बनाया है। उत्तर प्रदेश में आजादी के बाद पहली बार दसवीं और बारहवीं कक्षाओं के पाठ्यक्रमों में बदलाव किया गया है । इन्हें एनसीईआरटी के आधार पर और स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप तैयार किया गया है। उत्तर प्रदेश पूरे भारतवर्ष में एक ऐसा अकेला राज्य है जिसमें राष्ट्रीय शिक्षा नीति को सुनियोजित रूप में बेहतर तरीके से अंगीकृत किया है । न्यूनतम साझा पाठ्यक्रम की व्यवस्था को लागू किया गया है, जिससे एक विद्यार्थी को एक विश्वविद्यालय से दूसरे विश्वविद्यालय में जाने पर आसानी हो।

जेपी सभागार खंदारी परिसर में मौजूद आमंत्रित अतिथि

कोरोना की तीसरी लहर के दृष्टिगत रोजगारपरक पाठ्यक्रम

डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर को दृष्टिगत रखते हुए नर्सिंग , फार्मेसी , बायोटेक्नोलॉजी आदि के अनेक रोजगारपरक पाठ्यक्रम प्रारंभ किए गए हैं । तीसरी लहर को रोकने के लिए हम सभी नागरिकों को भी मिलकर प्रयास करना होगा और कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना होगा। उन्होंने कहा कि किसी भी संस्था का स्थापना दिवस हमें प्राचीन स्मृतियों को याद दिलाता है। उन्होंने विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अशोक मित्तल को साधुवाद दिया कि दो दिन के अल्प समय में आपने इतना भव्य आयोजन किया। विश्वविद्यालय सफलता के उच्च मानदंडों को स्थापित करने की कामना की।

कुलपति प्रो. अशोक मित्तल ने डॉ. दिनेश शर्मा का शॉल ओढ़ाकर किया सम्मान।

क्या कहा कुलपति ने

अपने अध्यक्षीय उदबोधन में कुलपति प्रोफेसर अशोक मित्तल ने कहा – विश्वविद्यालय का स्थापना दिवस सबसे महत्वपूर्ण दिवस होता है। मेरे कार्यभार ग्रहण करने के तुरंत बाद ही लॉकडाउन शुरू हो गया था , लेकिन मैंने अकादमिक गतिविधियों को बंद नहीं होने दिया। लॉकडाउन अवधि में 4 दर्जन से भी अधिक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन विश्वविद्यालय द्वारा किया गया। ई-कंटेंट अपलोड करने में भी हमारा विश्वविद्यालय प्रदेश में प्रथम स्थान पर रहा है। 16 महीने के अल्प कार्यकाल में मैंने लंबित 400000 से भी अधिक मार्कशीट का वितरण करवाया है।  लंबित डिग्रियों का निस्तारण किया है। वर्ष 2004 -05 के बीएड के टेंपर्ड प्रकरणों का भी समिति बनाकर निस्तारण किया है । वर्ष 2012-13 के बीएड  का लंबित परीक्षा फल 90% घोषित करा दिया है । हमारे विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को अंगीकृत कर लिया है। आज से ही हमारे विश्वविद्यालय की प्रवेश प्रक्रिया प्रारंभ हुई है। कुलपति ने कहा कि मैं भी आगरा विश्वविद्यालय का छात्र रहा हूं और मेरा बहुत अधिक भावनात्मक लगाव यहां से है। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि मेरा कार्यकाल समाप्त होने पर आप गर्व से कह सकेंगे कि हमारा विश्वविद्यालय अपनी पुरानी गरिमा को प्राप्त कर चुका है।

प्रोफेसर साहब को भी डॉ. दिनेश शर्मा ने सम्मानित किया। साथ में है्ं कुलपति प्रो. अशोक मित्तल

उल्लेखनीय उपस्थिति

आगरा के सांसद प्रो. एसपी सिंह बघेल, फतेहपुर सीकरी के सांसद राजकुमार चाहर, राज्यमंत्री डॉ. जीएस धर्मेश, चौधरी उदयभान सिंह, उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति आयोग के चेयरमैन डॉक्टर रामबाबू हरित, विधायक राम प्रताप सिंह चौहान, योगेंद्र उपाध्याय, पुरुषोत्तम खंडेलवाल, महेश गोयल,  कुलपति की धर्मपत्नी उषा मित्तल, राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के डॉक्टर वीरेंद्र सिंह चौहान, कुलसचिव संजीव कुमार सिंह, परीक्षा नियंत्रक अजय कृष्ण यादव, पूर्व कुलपति प्रोफेसर जीसी सक्सेना, वित्त अधिकारी एके सिंह, प्रोफेसर उमेश चंद्र शर्मा, प्रोफेसर मनोज श्रीवास्तव, प्रोफेसर प्रदीप श्रीधर, प्रोफेसर पीके सिंह,  प्रोफेसर अनिल वर्मा, प्रोफेसर अजय तनेजा, प्रोफेसर बृजेश रावत, प्रोफेसर वीके सारस्वत, प्रोफेसर शरद उपाध्याय, औटा अध्यक्ष डॉक्टर ओमवीर सिंह, महामंत्री डॉ. भूपेंद्र चिकारा आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन प्रोफेसर संतोष बिहारी शर्मा ने किया।