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रेनबो हॉस्पिटल में जान हथेली पर रखकर कोविड संक्रमितों का कराया जा रहा प्रसव

HEALTH NATIONAL PRESS RELEASE REGIONAL

Agra, Uttar Pradesh, India. कोरोना वायरस ने किसी को भी नहीं छोड़ा है। बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं सब इसकी चपेट में आ रहे हैं। गर्भवती महिलाओं पर तो यह आफत बनकर टूट रहा है। रेनबो हॉस्पिटल में अब तक कई कोरोना संक्रमित गर्भवती महिलाओं के प्रसव कराए गए हैं। प्रसव कराने वाली इस टीम की हर कोई प्रशंसा कर रहा है।

हाथरस निवासी एक महिला गर्भवती महिला को 18 अप्रैल को रेनबो हॉस्पिटल लाया गया था। महिला का ऑक्सीजन लेवल बहुत कम था और वह दर्द से कराह रही थी। डॉक्टरों ने महिला को तुरंत क्सीजन सपोर्ट पर लेने का फैसला लिया, इसके बाद सांस लेने में और कठिनाई होने पर बाईपेप पर लिया गया। महिला प्रसव पीड़ा से कराह रही थी और सांस भी नहीं ले पा रही थी। डॉक्टरों ने प्रसव कराने का फैसला लिया। बाईपेप के सहारे ही प्रसव कराया गया। आगरा में ही गैलाना की रहने वाली एक महिला भी कोरोना संक्रमित थी। अस्पताल के निदेशक और वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. नरेंद्र मल्होत्रा ने प्रसव कराने का फैसला लिया। पूरी सुरक्षा और प्रोटोकॉल के साथ प्रसव कराया गया। महिला और उसका बच्चा पूरी तरह सुरक्षित है। इसी तरह एटा निवासी एक महिला का प्रसव कराया गया।

पृथक ओटी बनाया गया

अस्पताल कीं प्रमुख और वरिष्ठ स्त्री रोग, आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. जयदीप मल्होत्रा बताती हैं कि अब हालात पहले जैसे नहीं हैं। कोविड हर किसी को अपनी चपेट में ले रहा है। गर्भवती महिलाएं पिछली बार भी संक्रमित हुई थीं, लेकिन इस बार यह संख्या बहुत अधिक है। गर्भवती महिलाओं के संक्रमित हो जाने के मामले आते ही जाएंगे, डॉक्टरों को अपना फर्ज निभाना है। हालांकि वे प्रोटोकॉल का पालन कर रहे हैं, लेकिन इस बार वायरस बहुत तेजी से फैलता है और यह खतरनाक भी है। सुरक्षा के बावजूद डॉक्टर चपेट में आ रहे हैं। फिलहाल अस्पताल में गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी के लिए ऑपरेशन थियेटर और सभी व्यवस्थाएं पृथक कर दी गई हैं। वे महिलाएं जो कोरोना संक्रमित नहीं हैं, उनके प्रसव अलग से कराए जा रहे हैं, ताकि उनके संक्रमित होने का खतरा न रहे। सभी ऑपरेशन थियेटर्स के साथ ही पूरे अस्पताल को दिन में कई बार डिस्इंफेक्शन कराया जा रहा है।

कोरोना संक्रमण की भी दवाई

सीनियर गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. मनप्रीत शर्मा बताती हैं कि कोरोना संक्रमित गर्भवती महिलाओं को प्रसव से पहले और प्रसव के बाद कोरोना संक्रमण के खिलाफ भी दवाएं दी जाती हैं। इसमें आइवरमेक्टिन के साथ ही दिशा-निर्देशों के साथ अन्य दवाएं शामिल हैं।

अपनी टीम पर गर्व है

अस्पताल के निदेशक और वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. नरेंद्र मल्होत्रा कहते हैं कि अस्पताल के डॉक्टरों, नर्सों और अन्य सभी कर्मचारियों पर गर्व है. जो अपनी जान दांव पर लगाकर मरीजों की सेवा कर रहे हैं। कोरोना की दूसरी लहर में मचे हाहाकार के बीच 18 से 24 अप्रैल के बीच तीन कोरोना संक्रमित गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी कराई जा चुकी है। यह मामले अब आते ही रहेंगे। पूरी एहतियात बरत रहे हैं, लेकिन रिस्क फिर भी है।

ये हैं जांबाज

डॉ. जयदीप मल्होत्रा, डॉ. नरेंद्र मल्होत्रा, डॉ. मनप्रीत शर्मा के निर्देशन में जितेंद्र सुखरानी, बली मोहम्मद, निजाम मोहम्मद, विष्णु, अर्चना यादव आदि तकनीकी दल कोविड पॉजिटिव गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी कराने में सहयोग कर रहे हैं। वहीं डॉ. विनय तिवारी, डॉ. करिश्मा और डॉ. चक्रेश इस टीम में एनेस्थीसिया एक्सपर्ट हैं।