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ऑक्सीजन कमीः झूठों ने झूठों से कहा है सच बोलो, पढ़िए श्रीपारस हॉस्पिटल में मॉकड्रिल पर नई जानकारी

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डॉ. भानु प्रताप सिंह

Agra, Uttar Pradesh, India. सबको पता है कि करोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की भारी कमी थी। धड़ाधड़ मौतें हो रही थीं लेकिन ऑक्सीजन का इंतजाम नहीं हो पा रहा था। ऑक्सीजन की कमी को जिलाधिकारी स्वीकार नहीं कर रहे हैं। बावजूद इसके कि इलाज करने वाले भी चिकित्सक ऑक्सीजन की कमी बता रहे हैं। इस बारे में वीडियो भी वायरल हो रहे हैं। श्रीपारस हॉस्पिटल इसका उदाहरण है। एक और चिकित्सक का वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें ऑक्सीजन की इस तरह से गुहार लगाई जा रही कि संवेदनशील हृदय रो उठेगा।

ऑक्सीजन की कमी के वायरल वीडियो

पहले बात करते हैं श्रीपारस हॉस्टिल के सांलक डॉ. अरिंजय जैन के बाद वायरल हुए दूसरे वीडियो की। आगरा कार्डियक सेंटर की महिला चिकित्सक डॉ. अग्रवाल के वीडियो वायरल हुए हैं, जिनमें ऑक्सीजन की कमी बताई जा रही है। एक वीडियो तीमारदार का भी है। पहले जानते हैं वीडियो में क्या कहा जा रहा है-

वीडियो एक (27 सेकंड)

मैं हाथ जोड़कर विनती कर रही हूं सर, मेरे सेंटर आगरा कार्डियक सेंटर पर गैस खत्म हो गई है। हमने पुलिस को बुलाना शुरू कर दिया है। प्लीज… अगर हो सके तो सिलिंडर भिजवा दीजिए… मेरा आदमी वहां पर चार बजे से खड़ा हुआ है। मुझे आज 50 सिलिंडर में से सिर्र्फ 27 सिलिंडर मिले थे। 50 मरीजों पर मैंने 27 सिलिंडर से काम किया है। मैंने अंबु बैग मंगवा लिए हैं…। मुझे पता है आप लोग गैस नहीं भेजेंगे… और मैं जितना हो पाएगा उतना करूंगी…।

वीडियो दो (27 सेकंड)

मेरा आदमी एडवांस फिलिंग सेंटर के अंदर है.. सर। 23 सिलिंडर हैं उसके पास सर… प्लीज मुझे भिजवा दीजिए बहुत कैजुअलटी हो जाएंगी। बहुत यंग बच्चे हैं मेर पास 27 साल के 30 साल के… प्लीज सर बहुत रिक्वेस्ट करके कह रही हूं। मरने का वेट नहीं करिए कि मरने के बाद आप निकालना शुरू करेंगे और मुझे एहसान में पांच सिलिंडर दे देंगे…। मैं कल अपना सेंटर बंद कर दूंगी तब तक प्लीज मरीजों को उनका लाइफ सपोर्ट भिजवा दीजिए… उसके बाद आप उन्हें जहां ट्रांसफर करना चाहें, करें… उसके बाद मैं ताला लगा दूंगी।

वीडियो तीन (27 सेकंड)

इसके आगे मरीजों को जो भी होता है उसके लिए हायर अथॉरिटी रिस्पॉसिंबल होंगी… हमारे सीएम योगी आदित्यनाथ रिस्पांसिबल होंगे। हमारे डीएम रिस्पांसिबल होंगे। हमारी आईएमए के ऊपर वाले हैड रिस्पॉसिंबल होंगे… क्योंकि, यहां पर बहुत मिस मैनेजमेंट था… क्योंकि यहां उन 50 पेंशेंट की लाइफ की कोई वैल्यू नहीं है…। डॉक्टर ने मिलकर यहां 92 घंटे लगातार काम किया है। हम लोग जरा सा भी सोये नहीं है..। आप लोग भी नहीं सोये… पर किसी ने कुछ नहीं किया सर मेरा आदमी एडवांस फिलिंग सेंटर के अंदर फंसा है…।

वीडियो चार (24 सेकंड)

सुनीता मिश्रा है मेरा बेटा सफायर अस्पताल में भर्ती है। उसका नाम विशाल है। 26 साल का है कल हमने उसके लिए अपने हाथों से सिलिंडर अरेंज कराया है। उसकी हालत में सुधार आया है। अगर आज सिलिंडर नहीं मिला तो उसकी तबियत खराब हो जाएगी। इसके जिम्मेदार आदित्यनाथ जी और हमारे डीएम साहब होंगे… (महिला हाथ जोड़कर बोली) सर आप हमें ऑक्सीजन प्रोवाइड कराइए सर… प्लीज…।

इन वीडियो पर आईएमए की बैठक में पति-पत्नी ने क्या कहा

ऑक्सीजन की कमी का वीडियो वायरल होने के बाद इंडियन मेडिकल एसोसिशएन की बैठक में आगरा कार्डियक सेंटर की महिला चिकित्सक डॉ. अग्रवाल ने कहा उस समय वेंडर ने ऑक्सीजन खत्म होने की बात कह कर मेरे हाथ-पांव फुला दिए थे। उनके पति डॉ. अमित गुप्ता ने कहा व्हाट्सएप ग्रुप में वीडियो डालने के 15 मिनट बाद डीएम साहब ने हमें पांच-पांच कुल दस सिलिंडर भिजवा दिए थे। तब हमारे दोनों सेंटर सफायर और कार्डियक केयर में करीब 50 मरीज भर्ती थे। वीडियो किस तारीख का है इस सवाल पर उन्होंने जवाब दिया कि उन्हें तारीख याद नहीं। वीडियो रात में भेजे गए थे। उन्होंने कहा कि इस वीडियो के बाद हमें लगातार ऑक्सीजन की आपूर्ति जिला प्रशासन द्वारा कराई जाती रही थी।

हां, ऑक्सीजन की कमी थीः आईएमए

आईएमए की जनरल बॉडी की बैठक में चिकित्सकों ने कहा कि ऑक्सीजन की भारी कमी थी। सिलिंडर के लिए रातभर चक्कर लगाते रहे। प्रशासन अपना दबाव कम करने के लिए डॉक्टरों को बलि का बकरा बना रहा है। बैठक में श्रीपारस हॉस्पिटल को सील करने की कार्रवाई को गलत बताते हुए डॉ. अरिन्जय जैन के पक्ष में खड़े होने का निर्णय हुआ।  अध्यक्ष डॉ. राजीव उपाध्याय ने कहा कि पूरी कार्रवाई एक वीडियो के आधार पर की गई है। शासन-प्रशासन ने अपने दबाव को कम करने के लिए बिना जांच किए जल्दबाजी में अस्पताल सील और लाइसेंस निलंबित किया है। डीएम को ज्ञापन देकर विरोध जताएंगे। पूर्व अध्यक्ष डॉ. सुधीर धाकरे ने कहा कि प्रशासन अपने को बचाने के लिए डॉक्टरों को बलि का बकरा बना रहा है। डॉ. नरेंद्र मल्होत्रा ने कहा कि 25, 26 और 27 अप्रैल को ऑक्सीजन की भारी कमी थी। रातभर चक्कर काटने पड़े। डॉ. रजनीश मिश्रा, डॉ. राजेश गुप्ता ने भी ऑक्सीजन की कमी की बात कही। बैठक में सचिव डॉ. अनूप दीक्षित, डॉ. जेएन टंडन, डॉ. पवन गुप्ता, डॉ. सीमा सिंह, डॉ. संजय चतुर्वेदी, डॉ. अनंग उपाध्याय, डॉ. सचिन मल्होत्रा, डॉ. वीरेंद्र खंडेलवाल, डॉ. संजय अग्रवाल, डॉ. जयदीप मल्होत्रा, डॉ. आरके गुप्ता, डॉ. शम्मी कालरा, डॉ. संजय धवन, डॉ. वनज माथुर, डॉ. अरुण जैन मौजूद रहे। 

डॉ. अरिंजय जैन ने आईएमए को क्या बताया

श्री पारस हास्पिटल में पांच मिनट के लिए आक्सीजन बंद करने के साथ ही मौत के आंकड़ों की भी मॉकड्रिल की गई। आईसीयू के सीसीटीवी बंद कर दिए गए। कुछ घंटों के अंतराल पर मरीजों को मृत घोषित किया गया। जिला प्रशासन के माध्यम से 26 अप्रैल को चार मरीजों की मौत बताई गई। गुरुवार को आइएमए की जूम बैठक में डॉ. अरिजय जैन ने स्वीकार किया कि छह मौत हुई थीं, पहली मौत शाम पांच बजे हुई। सात जून को श्री पारस हास्पिटल के संचालक डॉ. अरिजय जैन का वीडियो वायरल हुआ। वीडियो 28 अप्रैल को बनाया गया। वीडियो में वे 26 अप्रैल की सुबह सात बजे पांच मिनट के लिए आक्सीजन बंद करने का माकड्रिल, इससे 22 मरीजों का शरीर नीला पड़ जाने की बात कह रहे हैं। इस मामले में डॉ. अरिजय जैन ने बताया कि 26 अप्रैल को तीन मरीजों की मौत हुई। रात को डीएम प्रभु एन. सिंह ने स्पष्ट किया कि 26 अप्रैल को चार और 27 अप्रैल को तीन मौत हुई थीं। आक्सीजन की कमी से एक भी मौत नहीं हुई। मगर, अब डॉ. अरिंजय जैन कह रहे हैं कि छह मरीजों की मौत हुई।

मृतकों के परिजनों ने लगाए ये आरोप

 26 अप्रैल को जिन मरीजों की मौत हुई, उनके तीमारदार को सुबह पांच से छह बजे के बीच फोन कर कहा गया कि आक्सीजन खत्म होने वाली है। मरीज को दूसरी जगह ले जाएं। ऐसा नहीं कर सकते तो अपने स्तर से आक्सीजन सिलेंडर का इंतजाम कर लें। आरोप है कि आईसीयू में लगे सीसीटीवी बंद कर दिए गए। वीआइपी मरीजों को आक्सीजन दी गई और 20 सिलेंडर रिजर्व में रखे गए।

केस-एक

15 अप्रैल से पत्नी राधिका अग्रवाल का श्री पारस हास्पिटल में इलाज चल रहा था। मेरी पत्नी ने हास्पिटल के कर्मचारियों से कहा कि आक्सीजन बंद मत करो, पत्नी की मौत हो गई। तीन लाख रुपये बिल बना दिया।

सौरभ अग्रवाल, न्यू राजा की मंडी

केस- दो

दामाद कार्तिकेय लवानियां 25 अप्रैल को ठीक थे, बेटी ने उनका दलिया खिलाया था। 26 अप्रैल को फोन आया कि मौत हो गई है। आक्सीजन बंद करने से ही मौत हुई है।

मीना शर्मा, विभव नगर

केस- तीन

पत्नी रामवती को 15 अप्रैल को भर्ती कराया था, 26 अप्रैल को सुबह आक्सीजन न होने पर मरीज को दूसरी जगह ले जाने के लिए कह दिया। एक सिलेंडर उन्हें दिया, इसके बाद एक और सिलेंडर मांगा। सिलेंडर का इंतजाम कर रहे थे तभी पत्नी की मौत हो गई। आरोप है कि हास्पिटल में सामान्य मरीजों की आक्सीजन बंद कर दी गई और वीआइपी मरीजों को आक्सीजन दी गई।

नत्थीलाल,मधु नगर

केस-चार

मैंने पत्नी मुन्नी देवी को 25 अप्रैल को भर्ती किया था, 26 अप्रैल की सुबह पांच बजे फोन आया कि आक्सीजन खत्म हो गई है, मरीज को ले जाओ। सुबह 10 बजे सीसीटीवी कैमरा बंद कर दिए गए।

अशोक कुमार, दहतोरा

पूरी बात पढ़कर आप समझ गए होंगे कि इलाज करने वाले चिकित्सक कह रहे हैं कि ऑक्सीजम की कमी थी। जिन्हें चिकित्सा की एबीसीडी भी नहीं आती है, वे कह रहे हैं कि ऑक्सीजन की कमी नहीं थी। वे पॉवर की धौंस में अन्य लोगों से भी कहलवा रहे हैं कि ऑक्सीजन की कमी नहीं थी। इस पूरे प्रकरण पर मुझे मशहूर शायर राहत इंदौरी का की प्रसिद्ध गजल के दो शेर याद आ रहे हैं। मुलाहिजा फरमाएं-

झूठों ने झूठों से कहा है सच बोलो 
सरकारी एलान हुआ है सच बोलो 

घर के अंदर तो झूठों की एक मंडी है 
दरवाज़े पर लिखा हुआ है सच बोलो