राजधानी में इन दिनों चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस के बीच सियासी खींचतान जारी है। शुक्रवार को भाजपा ने गठबंधन के खिलाफ आरोप पत्र जारी किया है। इस आरोपपत्र को भाजपा ने ‘कांग्रेस और आप लूट में भागीदार’ नाम दिया है। इस आरोप पत्र को दिल्ली भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और विधायक विजेन्द्र गुप्ता ने जारी किया है।
इस आरोप पत्र में भाजपा ने आरोप लगाते हुए कहा कि ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन से जन्मी आम आदमी पार्टी का पूरा वरिष्ठ नेतृत्व भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में है। पार्टी का यह पतन अचानक नहीं हुआ है। दरअसल, अपने 9 साल के शासनकाल में दिल्ली की जनता ने जो जनादेश दिया था, उसे धोखा देने का कोई मौका नहीं छोड़ा है। अराजकता और भ्रष्टाचार का राज कायम करने से लेकर दंगाइयों और राष्ट्र-विरोधियों का समर्थन करने और उन्हें बचाने तक, आप एक विघटनकारी शक्ति के अलावा और कुछ नहीं रही है जो अकेले ही सत्ता हथियाने पर केंद्रित है।
पहले 15 साल कांग्रेस और अब 9 साल आप ने दिल्ली की जनता का किया नुकसान
भाजपा ने आरोप लगाया कि पहले 15 साल कांग्रेस ने और अब पिछले 9 साल में दिल्ली सरकार ने दिल्ली की जनता को नुकसान पहुंचाया है। आप यह दावा करके सत्ता में आई थी कि वे भ्रष्टाचार से लड़ेंगे। अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की तत्कालीन मुख्यमंत्री दिवंगत शीला दीक्षित को 700 पन्नों की चार्जशीट के साथ जेल भेजने का वादा करके खुद को भ्रष्टाचार विरोधी योद्धा घोषित किया था और आज, वे एक बार फिर उसी कांग्रेस से हाथ मिला रहे हैं।
शराब घोटाले पर भी आप को घेरा
भाजपा ने आरोपपत्र में कहा है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शराब घोटाले में मुख्य आरोपी हैं। उन्होंने दिल्ली के लोगों के हितों पर अपना स्वार्थ रखकर इस्तीफा देने से इनकार कर दिया। आप सरकार बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार में डूबी हुई है और उसका सबसे वरिष्ठ नेतृत्व शराब घोटाले में शामिल है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक्साइज पॉलिसी घोटाले का किंगपिन (सरगना) बताया गया है। उनके डिप्टी, मनीष सिसोदिया, सुप्रीम कोर्ट से कोई राहत नहीं मिलने के कारण एक साल से जेल में हैं, जबकि आप के स्वास्थ्य मंत्री, सत्येन्द्र जैन भी पिछले 2 वर्षों से गिरफ्तार हैं। केजरीवाल और उनके सह-अभियुक्तों ने शराब घोटाले में सबूत नष्ट करने के लिए 170 मोबाइल फोन नष्ट कर दिए।
बड़े पैमाने पर आप ने नौ साल किया भ्रष्टाचार
– जिम्मेदारी से बचने के लिए पिछले 9 सालों में अरविंद केजरीवाल ने किसी भी विभाग का कार्यभार नहीं संभाला है उन्होंने किसी भी फाइल पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया।
– जल बोर्ड, शराब और महिला सुरक्षा, कक्षा निर्माण और 1000 डीटीसी बसों की खरीद से जुड़े घोटालों ने शासन को रोक दिया है। – पैनिक बटन का खोखला प्रचारः टैक्सियों, ऑटो, डीटीसी और क्लस्टर बसों में लगे पैनिक बटन के ऑडिट में लगभग 100 करोड़ का घोटाला सामने आया।
– आम आदमी पार्टी ने जल माफिया पर नकेल कसने का वादा किया था।
हालांकि, आप शासन में, जल माफिया अधिक शक्तिशाली हो गया है। – आप पार्टी ने लोकायुक्त को अपने विधायकों की संपत्ति का ब्योरा देने से इनकार कर दिया। दिल्ली के 50 से अधिक आप विधायकों को लोकायुक्त ने संपत्ति का विवरण सार्वजनिक कटने के लिए नोटिस दिया था।
– विज्ञापन आदमी केजरीवाल: दिल्ली सरकार ने सिर्फ 3 वर्षों में विज्ञापनों पर सार्वजनिक धन के 1073.16 करोड़ रुपये खर्च किए।
– आप सरकार ने बिल्डिंग और अन्य निर्माण श्रमिक अधिनियम, 1996 का उल्लंघन करते हुए निर्माण और अन्य क्षेत्रों में कार्यरत श्रमिकों के लिए कल्याण निधि को डायवर्ट कर दिया।
-एजेंसी
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