स्वयं फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कन्नौज में स्कूल का प्रधानाध्यापक
अपने भाई पुष्पेंद्र की मदद से करता था नौकरी लगवाने का काला धंधा
Kasganj (Uttar Pradesh, India)। अनामिका शुक्ला का नाम हर किसी की जुबान पर है। इस नाम के जरिये शिक्षा विभाग के सबसे अनोखे फर्जीवाड़े को अंजाम जो दिया गया है। इसी कड़ी में अनामिका शुक्ला केस में कासगंज पुलिस के हाथ बड़ी सफलता लगी है। पुलिस ने फर्जीवाड़ा करने वाले मास्टरमाइंड के भाई को गिरफ्तार किया है। यह भी शिक्षक है। इसकी गिरफ्तारी मैनपुरी से हुई है।

बीए फेल है जसवंत
पुलिस के मुताबिक मास्टरमाइंड जसवंत सिंह बीए फेल है और वैभव कुमार के नाम से फर्जी दस्तावेज लगा कर नौकरी हासिल की है। इसका भाई राज उर्फ नीतू उर्फ पुष्पेंद्र असली मास्टरमाइंड है जो अभी फरार है। पुलिस अधीक्षक सुशील कुमार घुले ने बताया कि सबसे पहले इस गैंग ने दीप्ति नाम की लड़की की नौकरी कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय पूर्वांचल के किसी जिले में लगवाई थी। उसके बाद उसने अपने भाई जसवंत की नौकरी लगवाई थी। अब तक पूरे प्रदेश में 25 से अधिक लड़कियों की नौकरी लगवा चुका है।
सुप्रिया जाटव की गिरफ्तारी से खुला खेल
इससे पहले कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय फरीदपुर में अनामिका शुक्ला के नाम से पढ़ा रही फर्रुखाबाद की सुप्रिया जाटव को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। पूछताछ में उसने मैनपुरी निवासी राज और अमरकांत के नाम बताए। राज ने उसको अनामिका के दस्तावेज डेढ़ लाख रुपये में बेचे थे। इस बीच पुलिस ने उसके भाई जसवंत सिंह उर्फ वैभव कुमार को गिरफ्तार किया है। यह शिक्षक के रूप कन्नौज जिले में तैनात है।
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