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महिला गृहणी, कारोबारी, कर्मचारी या मजदूर, अधिकार हैं भरपूर, करें ये काम

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आई ट्रैक इंडस्ट्रीज एवं वोर्न व्लैक्स जर्मनी में बताए अधिकार

यूपीसीडा की कार्यशाला में प्रो. ज्योति सिंह ने दी जानकारी

कंपनी की निदेशक पूर्वा जैन ने किया स्वागत, बांटे प्रमाणपत्र

Agra, Uttar Pradesh, India. आई ट्रैक इंडस्ट्रीज एवं वोर्न व्लैक्स जर्मनी, ईपीआईपी, शास्त्रीपुरम की महिला कर्मचारियों को उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) की ओर से आयोजित कार्यशाला में प्रोफेसर ज्योति सिंह ने केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने वे योजनाएं बताईं जिनसे महिला कर्मचारी सशक्त, आत्मनिर्भर और स्वावलंबी हो सकती हैं। आई ट्रैक इंडस्ट्रीज वोर्न व्लैक्स जर्मनी की निदेशक पूर्वा जैन ने ज्योति सिंह का स्वागत किया। कार्यशाला में भाग लेने वाली महिलाओं को प्रमाणपत्र वितरित किए गए।

श्रम कार्डः महिलाओं का आह्वान किया गया कि वे ई-श्रम पोर्टल में पंजीकरण कराएं। यहां से आपको श्रमिक कार्ड जारी होगा। कार्ड धारक  श्रमिकों को प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत 2 लाख रुपये तक का बीमा लाभ मिलता है। इसमें बीमा के लिए प्रीमियम देने की जरूरत नहीं पड़ती है। अगर श्रमिक की दुर्घटना में मृत्यु हो जाती है, अथवा पूर्ण रूप से विकलांग हो जाते हैं तो 2 लाख रुपये की बीमा राशि और आंशिक रूप से विकलांग होने पर 1 लाख रुपये की बीमा राशि मिलती है। यूपी की योगी सरकार ने श्रम कार्ड धारकों को 500 रुपये महीना देने की घोषणा की है। ई-श्रम पोर्टल में पंजीकरण के लिए श्रमिकों के पास आधार कार्ड, इससे जुड़ा मोबाइल नंबर और बैंक खाता होना आवश्यक है।

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कार्यशाला में शिरकत करने वाली महिला कर्मचारी प्रमाणत्रों के साथ। निदेशक पूर्वा जैन और ज्योति सिंह भी हैं।

महिला सुरक्षाः ड्यूटी से रात्रि में घर लौटने पर अगर असुरक्षा महसूस कर रही हैं तो 112, 181 पर संपर्क कर सकती हैं। 181 पर किसी भी तरह की समस्या बता सकती हैं। राष्‍ट्रीय राष्ट्रीय महिला आयोग ने देशभर में हेल्‍पलाइन नंबर 7827 170 170 जारी किया है जिस पर हर वो महिला 24 घंटे में कभी भी कॉल कर सकती है जो घरेलू हिंसा या फिर किसी भी तरह की हिंसा का शिकार हुई हैं। चिकित्सीय सहायता के लिए 108, पुलिस सहायता के लिए 112 व चाइल्ड लाइन हेल्पलाइन नंबर 1098 है।

एकेडमिक बैंक क्रेडिट (पीएम लक्षित बैंक क्रेडिट)- इस योजना के अंतर्गत जिनकी पढ़ाई बीच में छूट गई है, वो सात साल बाद तक वहीं से दोबारा पढ़ाई शुरू कर सकती हैं। 30-50 फीसदी क्रेडिट होने पर विश्वविद्यालय को भी बदल सकती हैं। 50-70 फीसद क्रेडिट होने पर दूरस्थ शिक्षा के अंतर्गत कोर्स कर सकती हैं।

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कार्यशाल में प्रतिभागी महिला कर्मचारी।

बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ- इस योजना में बेटी के छठवीं कक्षा में आने पर दो हजार रुपये फीस के लिए दिए जाते हैं। इसी तरह से नौवीं कक्षा में 3 हजार रुपये, 12वीं कक्षा के बाद स्नातक करने के लिए 5000 हजार रुपये की छात्रवृत्ति मिलती है।

एसएमएमई में महिला को 33 फीसदी छूट मिलती है।

लॉकडाउन के समय जनधन के अंतर्गत खोले गए महिला खाते में 1500 रुपये जमा किए गए। महिला जनधन खाता में 10 हजार रुपये ओवर ड्राफ्ट कर सकती हैं।

प्रधानमंत्री स्टूडेंट स्कॉलरशिप– इस योजना में शहीद और पूर्व सैनिक के बच्चों एवं पत्नी को व्यावसायिक या तकनीकी कोर्स करने के लिए छात्रवृत्ति दी जाती है। इसके तहत लड़कों को 30 हजार रुपये और लड़कियों को 40 हजार रुपये हर साल मिलते हैं।

प्रो. ज्योति सिंह ने कहा कि महिलाएं अपनी शक्ति को पहचानें। पुरुष प्रधान समाज होने के बाद भी देश के विकास में योगदान दे सकती हैं।

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Dr. Bhanu Pratap Singh