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राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के उपाध्यक्ष डॉ. देवी सिंह नरवार ने कहा, शिक्षक के अनैतिक कार्य से पीड़ा, स्वयं को सुधार लें

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Agra, Uttar Pradesh, India, Bharat. भारतीय संस्कृति की अवधारण है कि ब्रह्मा, विष्णु, महेश की प्रतिमूर्ति गुरु साक्षात् परमब्रह्म है। उक्त उद्गार चन्द्रा बालिका इण्टर कॉलेज, न्यू आगरा में राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के बैनर तले आयोजित ‘‘गुरु वन्दन‘‘ कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. देवी सिंह नरवार ने व्यक्त किये। कार्यक्रम के प्रारम्भ में माँ सरस्वती की प्रतिभा पर मुख्य अतिथि डॉ. देवी सिंह नरवार ने माल्यार्पण किया गया।

उन्होंने सृष्टि की रचना के आदिकाल से गुरू के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए बताया कि गुरु का समाज में सर्वोच्च स्थान रहा है। गुरु ज्ञान के प्रकाश से शिष्य को अज्ञानता के अंधकार से बाहर लाता रहा है। परिस्थितियों के परिवर्तन के कारण वर्तमान समय में गुरु अब शिक्षक के रूप में हमारे सामने हैं।

उन्होंने बताया कि शिक्षक बालकों के व्यक्तित्व व चरित्र का निर्माण कर उनके भविष्य को उज्ज्वल व मंगल बनाता है। बालक शिक्षक के व्यवहार व आचरण के अनुकरण से शिक्षा ग्रहण करता है। ऐसी स्थिति में जब किसी शिक्षक के अनैतिक आचरण की चर्चा होती है तो बड़ी पीड़ा होती है, दर्द की मात्रा बढ़ जाती है। इसलिये वर्तमान समय में शिक्षक को स्वयं को सुधारने की आवश्यकता है।

उन्होंने शिक्षा-नीति निर्माता व निर्धारण कर्ताओं से अपील की कि वे ‘‘राष्ट्र के हित में शिक्षा, शिक्षा के हित में शिक्षक और शिक्षक के हित में समाज की श्रेष्ठ अवधारणा पर आधारित शिक्षा नीति बनायें।

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 मुख्य वक्ता के रूप में दानिकुँवरि इण्टर कॉलेज आँवलखेड़ा की प्रधानाचार्या डॉ. ममता शर्मा ने गायत्री मंत्र के गायन से विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि गुरु-शिष्य परम्परा भारतीय संस्कृति की देन है। उन्होंने कौटिल्य, चाणक्य आदि गुरुओं के द्वारा शिक्षा प्रदान की चर्चा की।

लालबहादुर शास्त्री इण्टर कॉलेज, मधुनगर की प्रधानाचार्या डॉ. संगीता बघेल, वरिष्ठ शिक्षक नेता डॉ. सत्यप्रकाश शर्मा, जिला प्रभारी गिरीश त्यागी, जिला महामंत्री डॉ. दुष्यन्त कुमार सिंह, डॉ. केपी सिंह, एमडी जैन उ.मा. विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री अविनाश जैन, जिला कोषाध्यक्ष हरीओम अग्रवाल, जिला अध्यक्ष डॉ. योगेन्द्र सिंह, वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ. राघवेन्द्र सिंह, कॉलेज की छात्रायें माधवी, वैष्णवी दिवाकर ने विचार किये।

 कॉलेज की प्रधानाचार्या डॉ. रचना शर्मा ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉ. रचना शर्मा ने गुरु वशिष्ठ, गुरु विश्वामित्र व गुरु संदीपनी आदि गुरुओं के अनेक मार्मिक प्रसंग सुनाये। कार्यक्रम में मंचासीन अतिथियों का माल्यार्पण द्वारा स्वागत किया गया। कॉलेज की कक्षा-11 की छात्रा शिल्पा ने कार्यक्रम का सफल संचालन किया।

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Dr. Bhanu Pratap Singh