5 मई से होगा यूपी बोर्ड कॉपियों का मुल्यांकन, शिक्षक संगठनों ने शुरू किया विरोध

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Prayagraj (Uttar Pradesh, India)। लॉकडाउन में पांच मई से यूपी बोर्ड की कॉपियों का मूल्यांकन दोबारा शुरु करने के राज्य सरकार के फैसले का विरोध शुरु हो गया है। शिक्षक संगठनों ने लॉकडाउन के दौरान मूल्यांकन शुरू करने के फैसले का विरोध किया है। शिक्षक संगठनों का कहना है कि लॉकडाउन में मूल्यांकन कार्य कराये जाने से शिक्षकों के सामने कई व्यवहारिक दिक्कतें आयेंगी। लॉकडाउन के चलते कई शिक्षक अपने गृह जनपद में फंसे हुए हैं। ऐसे शिक्षकों को मूल्यांकन के लिए आने के लिए पास की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। इसके साथ ही लाक डाउन में पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सुविधा न शुरु होने से भी कई शिक्षकों के मूल्यांकन केन्द्रों तक पहुंचने में भी दिक्कतें आयेंगी।

जून माह का समय शेष रहेगा
अटेवा पेंशन बचाओ मंच के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ हरि प्रकाश यादव ने लॉकडाउन 17 मई तक कॉपियों का मूल्यांकन शुरू न किए जाने की मांग की। उन्होंने कहा 17 मई के बाद मूल्यांकन कार्य शुरू होने पर एक हफ्ते में हाई स्कूल और इंटरमीडिएट की कापियों का मूल्यांकन खत्म हो सकता है। उन्होंने कहा है कि ऐसे में यूपी बोर्ड के पास 10वीं और 12वीं का रिजल्ट घोषित करने के लिए पूरे जून माह का समय शेष रहेगा। गौरतलब है कि यूपी बोर्ड की परीक्षायें इस साल 18 फरवरी से 06 मार्च के बीच आयोजित की गई थी। यूपी बोर्ड की हाई स्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा में इस बार 56 लाख सात हजार 118 परीक्षार्थी पंजीकृत थे। लेकिन नकल की सख्ती के चलते चार लाख 70 हजार 846 परीक्षार्थियों ने परीक्षा बीच में ही छोड़ दी थी।

शिक्षक संगठनों ने किया विरोध
जिसके बाद हाई स्कूल और इंटर की लगभग साढ़े तीन करोड़ उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन का कार्य 16 मार्च से शुरु हुआ था। तीन दिनों में प्रदेश भर में लगभग 19 लाख कापियों का मूल्यांकन भी किया गया था। जिसके बाद 19 मार्च से लाक डाउन के चलते मूल्यांकन कार्य पर रोक लगा दी गई थी। वहीं शासन ने पांच मई से 25 मई के बीच कापियों का मूल्यांकन लॉकडाउन का पालन कराते हुए पूरा करने का निर्देश जारी किया है। जिसका शिक्षक संगठन विरोध कर रहे हैं।