आजकल आगरा शहर में कांजी बड़े वाले बाबा चर्चा में चल रहे हैं। कमलानगर की प्रोफेसर कॉलोनी में 90 वर्षीय नारायण सिंह ने पिछले 40 साल से कांजीबड़ा-दहीबड़ा और मोंठ की बिक्री कर रहे हैं। बॉलीवुड अभिनेत्री परिणिती चोपड़ा, स्वरा भास्कर के ट्वीटर पर अपील करते ही आगरा के बाबा की मदद के लिए सोशल मीडिया पर मुहिम चल निकली। जिलाधिकारी प्रभु एन सिंह पहुंचे, सारे दही पड़े खरीद लिए तो तो सर्वत्र चर्चा होने लगी। अभी हाल में ही स्मृति संस्था ने अपील की किसी खिलोने वाले की सहायता के लिए। कहने का अर्थ है आप इधर सर उठाएंगे और उधर मुंह घुमाएंगे तो कांजी बड़े वाले बाबा एक नहीं, हजारों मिल जाएँगे। केवल सोशल मीडिया पर वीडियो डालकर मदद मांगने से बेहतर यह है कि हम सरकार से यह मांग करें कि सोशल रिफॉर्म हो। कोविड-19 के बाद रोजमर्रा कमाकर खाने वालों के सामने भूखे मरने के कारण आत्महत्या करने की नौबत तक आ गई है। यह केवल एक ठेला लगाने वाले की स्थिति नहीं है, बल्कि मजदूर, रंगाई -पुताई ,कारपेंटरी ,मिस्त्री, रिक्शे वाले, पल्लेदारी आदि का काम करने वाले और मध्यम वर्ग भी इसमें शामिल है। सबकी हालत खराब है। नौकरी का पता नहीं। आगे कमाई का ठिकाना नहीं।
व्यापारी वर्ग को भी अपने व्यापार को बचाने के लिए सरकार को टैक्स, बैंक ब्याज और अन्य दस तरह के कर समय पर चुकाने ही पड़ेंगे। साथ ही समय पर न देने पर अर्थ दंड या सजा भुगतनी पड़ सकती है। उन्हें दो दिन की भी मोहलत नहीं है। फिर उन्हें अपने मातहत कर्मचारियों का भी पेट पालना है। तब जाकर वह अपने परिवार का पेट पाल पाएंगे। जिन कर्मचारियों की नौकरी चली गयी है वह बेचारे कहां जाएं। कर्ज के बोझ के कारण आत्महत्या की घटनाएं दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं। हम सबको इस तरफ़ भी सोचना चाहिए।
कोई ऐसा तरीका हो जिसे सोशल मीडिया पर डाल कर जन जागृति को और मजबूत किया जा सके। किसी एक व्यक्ति या पीड़ित की मदद करने से कुछ हासिल नहीं होगा। जब तक इस जागृति को हम हम पूरे समाज या जगत में नही उठाएंगे तब तक इस विकराल समस्या का निराकरण नहीं होगा। निश्चित रूप से न समाज, न प्रदेश और देश कोई भी तरक्की नहीं कर पाएंगे।
मेरा तो यही मानना है कि आज कोविड-19 के बाद प्रबुद्धजनों को चिंतन करना चाहिए कि किस तरीके से हर भारतीय के हाथ में काम हो, अनाज हो, मकान हो और वह खुशहाल हो। मुझे लगता है सरकार को अपने खर्चे कम करने के साथ अपने पैसे व काम की जवाबदेही करनी चाहिए। यह नितांत मेरी सोच है। अगर आप मेरी बात से सहमत हो तो इस विषय को संबंधित व उचित पटल पर उठाएं ताकि सरकार ने समाज के उत्थान ,समाज की निर्बल और कमजोर लोगों के उत्थान के लिए जो तमाम योजना बना रखी हैं, उनका सही क्रियान्वयन हो और सबको उनका लाभ मिल सके। साथ ही किसी भी पीड़ित की सहायता का वीडियो वायरल न हो, इसका भी विशेष ध्यान रखा जाए।
मेरा सभी केंद्र सरकार व राज्य सरकार के नुमाइंदों के साथ जिला प्रशासन और समाज के नागरिकों व समाज को आइना दिखाने व समाज की आवाज उठाने वाला चौथा स्तंभ अखबार ( मीडिया ) से आग्रह है उन्हें यह जिम्मेदारी लेनी पड़ेगी कि वह सरकार को आगाह करें। आग्रह करें कि इस तरीके के नियम कायदे कानून बनाएं जिससे आज हर घर में रोजी-रोटी और चिकित्सा की व्यवस्था हो जिससे हर व्यक्ति अपने आप को सुरक्षित महसूस करें।

राजीव गुप्ता जनस्नेही
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