राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की कर्नाटक इकाई के लीडर रुद्रेश की हत्या के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को बड़ी सफलता मिली है। दूसरी केंद्रीय एजेंसियों के सहयोग से एनआईए ने पांच लाख रुपये के ईनामी और मोस्ट वांटेड पीएफआई आतंकी को विदेशी धरती से पकड़ा है। आतंकी का नाम मोहम्मद गौस नियाजी है। आतंकी पर बेंगलुरु में आरएसएस के नेता की हत्या का आरोप है। गौस नियाजी को साउथ अफ्रीका से भारत लाया गया है।
एनआईए को मिली इस बड़ी सफलता के बाद अब 2016 के आरएसएस लीडर की हत्या के मामले में इंसाफ की उम्मीद बढ़ गई है।
साउथ अफ्रीका से किया अरेस्ट
साल 2016 में बेंगुलरु के शिवाजीनगर क्षेत्र में आरएसएस नेता रूद्रेश की हत्या कर दी थी। रूद्रेश बेंगुलरु में संघ के एक कार्यक्रम में हिस्सा लेकर लौट रहे थे। तभी उनक पर हमला कर दिया गया था। इसमें हमले में रूद्रेश की मौत हो गई थी। घटना के बाद कर्नाटक बीजेपी के अध्यक्ष बी एस येदियुरप्पा तब रुदेश के परिजनों से मिलने भी पहुंचे थे। तब उन्होंने इस मामले की जांच आखिर तक कराने का आश्वासन दिया था। हत्याकांड के छह साल बाद अब एनआईए को आतंकी गौस नियाजी को भारत भी डिपोर्ट करवाने में कामयाबी मिली है।
गुजरात एटीएस ने ट्रैक की लोकेशन
पीएफआई से जुड़ा आतंकी गौस नियाजी ने 2016 में बेंगुलरु में संघ के नेता रुद्रेश की हत्या की थी। इसके बाद वह भारत से फरार हो गया था। इसके बाद उसने विदेश में भी ठिकाने बदले। इसके चलते जांच एजेंसियों से वह बचता रहा। बाद में बीजेपी सरकार ने इस मामले की जांच एनआईए को सौंपी।
इसी दौरान गुजरात एटीएस ने साउथ अफ्रीका में गौस की लोकेशन गुजरात ट्रैक की। इसकी जानकारी केंद्रीय एजेंसियों को साझा की। इसके बाद एनआईए की एक टीम साउथ अफ्रीका गई और फिर से उसे मुंबई लेकर आई।
-एजेंसी
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