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व्यापारी ने अपनी हत्या की ऐसी साजिश रची कि पुलिस वाले भी हैरान रह गए

Crime NATIONAL PRESS RELEASE

Hisar, Haryana, India. हरियाणा ने व्यापारी ने बड़ी चालाकी दिखाई, लेकिन पुलिस महाचालाक निकली। व्यापारी ने 1.60 करोड़ रुपये की बीमा राशि हड़पने और कर्जदारों से छुटकारा पाने के लिए खुद को हत्या और लूट की साजिश रची। पुलिस ने कड़ी से कड़ी मिलाई और व्यापारी को जीवित गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद पूरे नाटक से पर्दा उठ गया। व्यापारी ने अपने दोस्त की हत्या कर कार में शव जला दिया था। वो भी डाटा गांव का ही रहने वाला रमलू था।

मंगलवार की रात में हिसार जिले के हांसी में जली हुई कार में डाटा गांव निवासी डिस्पोजल फैक्ट्री संचालक राममेहर नाम के कारोबारी का शव मिला था। परिजनों के हवाले से मीडिया में समाचार छपा कि बदमाशों ने व्यापारी से 11 लाख रुपये लूट लिए और कार में जिन्दा जला दिया। विपक्ष ने इस घटना के बाद सरकार को घेरा और जंगलराज तक कह डाला।

पुलिस ने इस घटना को चुनौती के रूप में लिया। घटना के 65 घंटे बाद ही छत्तीसगढ़ राज्य के बिलासपुर से व्यापारी को जीवित बरामद कर लिया। पुलिस हांसी ले आई। यहां आकर पूछताछ हुई तो उसने अपने षड्यंत्र का खुद ही पर्दाफाश कर दिया।

पूछताछ में व्यापारी ने पुलिस को बताया “ मैंने अपने घर वाले को झूठी जानकारी दी कि मोटर साइकिल व एक  गाड़ी महजद-भाटला रोड़ पर उसके पीछे लगी है। मेरे को मारेंगे व पैसे छीनेंगे। उसके बाद गाड़ी में अपनी पहचान का लोकेट डालकर कार को आग लगा दी। कार के लगभग जलने के बाद मैं मौके से खेतों के रास्ते हांसी के लिये पैदल चला। रास्ते में अपने नये मोबाइल नम्बर का प्रयोग करके अपने साथियों से सामान पैक करके तैयार रहने को कहा। हांसी पहुँच कर अपने साथियों के साथ गाड़ी में सवार होकर छतीसगढ के बिलासपुर पहुँचा।

पुलिस अधीक्षक लोकेंद्र सिंह ने खुलासा करते हुए बताया कि जिस रात को वारदात घटी थी, उसके बाद से लगातार तीन टीमें इसी केस की छानबीन में जुटी हुई थी। पुलिस की टीमें अलग-अलग एंगल से मामले में जांच कर रही थी। मंगलवार की रात को करीब 11 बजे यह घटना घटी थी, जिसके करीब एक घंटे बाद पुलिस को सूचना मिली थी।

पुलिस को संदेह हो रहा था कि इस केस में कुछ छुपाया जा रहा है। पुलिस टीम जब मौके पर पहुंची तो देखा कि गाड़ी को साइड में किया हुआ था और जली हुई थी। लूट की वारदात होती तो गाड़ी को साइड में लगाकर और गाड़ी के हैंडब्रेक लगाने का समय नहीं मिलता।

पुलिस को इस कारण शक हुआ

कार की ड्राइवर सीट की बजाय साइड सीट पर कंकाल मिलना

कार के लॉक होने के बाद चाबी ना मिलना

गाड़ी के अंदर का हैडब्रेक लगा होना

कार चालक के पास समय होते हुए बाहर ना निकल पाना

कार जलने के बाद भी व्यापारी के मोबाइल का चलना

कार में कंकाल के साथ मोबाइल ना मिलना

परिजनों को कॉल के बाद भी सामान्य रहना

पुलिस को करीब एक घंटे बाद सूचित करना