प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का लाभ लेने में दिक्कत आये तो हेल्पलाइन की मदद लें

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Hathras (Uttar Pradesh, India)  कोरोना काल में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत लाभार्थियों को किसी प्रकार की समस्या हो तो उसके निराकरण के लिए शासन स्तर से एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है। लाभार्थी योजना का लाभ पाने में यदि कोई दिक्कत महसूस कर रहे हों या इस योजना से संबंधित कोई जानकारी लेना चाहते हों तो राज्य हेल्पलाइन नंबर 7998799804 पर कॉल कर सकते हैं।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. बृजेश राठौर ने बताया कि हेल्प लाइन से लाभार्थी कॉल करके योजना के आवेदन संबंधी तथा भुगतान न होने पर आ रही समस्या का निराकरण प्राप्त कर सकेंगे। उन्होंने बताया इस नंबर पर कॉल करने पर और बताए गये निर्देश का पालन करने पर प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना प्रतिनिधि स्वयं लाभार्थी को फोन कर उनकी समस्या का निस्तारण करेंगे।

योजना के जिला कार्यक्रम समन्वयक अवनेंद्र कुमार राठौर ने बताया कि योजना से संबंधित कोई भी प्रतिनिधि लाभार्थी से ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) नहीं पूछता है और न ही सवेंदनशील सूचनायें जैसे अकाउंट नंबर, सीवीवी पिन मांगता है। यदि कोई व्यक्ति लाभार्थी से इस तरह की जानकारी मांगता है तो उसे यह जानकारी कतई न दें। इस तरह की जानकारी मांगने वाला व्यक्ति पीएमवीवाई प्रतिनिधि नहीं हो सकता। उन्होंने बताया कि 27064 लाभार्थियों को योजना का लाभ मिल चुका है। उपलब्धि मार्च 2021 के लक्ष्य के सापेक्ष 76.52 प्रतिशत है।

योजना के तहत पहली बार गर्भवती होने वाली महिला को तीन किश्तों में 5000 रुपये दिए जाते हैं , चाहे प्रसव सरकारी या निजी अस्पताल में कराया हो। पंजीकरण के लिए माता-पिता का आधार कार्ड, मां के बैंक अकाउंट (पासबुक की फोटो कापी) की डिटेल जरूरी है। मां का बैंक अकाउंट ज्वाइंट नहीं होना चाहिये। निजी अकाउंट ही मान्य होगा।  यदि बच्चे का जन्म हो चुका है तो मां और बच्चे दोनों के टीकाकरण का प्रामाणिक पर्चा होना जरूरी है। उन्होंने बताया पंजीकरण कराने के साथ ही गर्भवती को प्रथम किश्त के रूप में 1000 रूपये दिए जाते हैं। प्रसव पूर्व कम से कम एक जाँच होने पर (गर्भावस्था के छह माह बाद) दूसरी किश्त के रूप में 2000 रूपये और बच्चे के जन्म का पंजीकरण होने और बच्चे के प्रथम चक्र का टीकाकरण पूरा होने पर तीसरी किश्त के रूप में 2000 रूपये दिए जाते हैं। यह सभी भुगतान गर्भवती के बैंक खाते में ही किये जाते हैं।  योजना के लिए आवेदन फार्म सिप्सा की वेबसाइट sifpsa.org पर भी उपलब्ध हैं।