आज के समय में फेक न्यूज सबसे बड़ी चुनौती

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Aligarh, Uttar Pradesh, India.  फेक न्यूज आज पत्रकारिता के क्षेत्र में सबसे चुनौतीपूर्ण मुद्दों में से एक है। यह तकनीक की प्रगति और सोशल मीडिया के विकास के साथ दिन-ब-दिन चुनौतीपूर्ण होती जा रही है। मुख्यधारा का मीडिया इस समस्या से कड़ा संघर्ष कर रहा है, लेकिन दर्शकों की बदलती खपत और मीडिया साक्षरता की कमी से समस्या और भी गंभीर हो रही है। यह बातें जम्मू केंद्रीय विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग में वरिष्ठ सहायक प्रोफेसर अर्चना कुमारी ने मंगलायतन विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित की जा रही सेमिनार श्रृंखला के तृतीय दिन कहीं।

मंविवि के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग द्वारा “फेक न्यूज, बिजनेस, प्रोपेगेंडा और पोस्ट ट्रुथ” विषय पर आयोजित सेमिनार में अर्चना कुमारी ने आगे बताया कि वर्तमान समय में लोगों को यह बताना बेहद आवश्यक है कि समाचार किसी अन्य जानकारी से कैसे भिन्न है। मुख्यधारा के मीडिया के स्रोत और विश्वसनीयता महत्वपूर्ण हैं और नकली समाचार क्या है और साथ ही इससे कैसे लड़ना है। उन्होंने फेक न्यूज वेरिफिकेशन पर अपना ज्ञान साझा किया। उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया पर फर्जी खबरों की पहचान और सत्यापन कैसे किया जाता है।

उन्होंने कहा कि प्रिंट मीडिया या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में केवल प्रशिक्षित और विशेषज्ञ लोग यानी पत्रकार ही खबरें लिखते थे, लेकिन आजकल सोशल मीडिया के आने से हर कोई पत्रकार बन गया है। वे समाचारों की प्रामाणिकता की जांच किए बिना सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर समाचार और तस्वीरें लिखते और साझा करते हैं। इस समाचार और तस्वीरों को संशोधित किया जा सकता है और सोशल मीडिया में अलग-अलग संदर्भ में अपलोड या साझा किया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि नकली छवियों और वीडियो को सत्यापित करने के लिए हमें सर्च इंजन की मदद लेनी होगी।

संचालन पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के डीन एन्ड डायरेक्टर प्रो शिवाजी सरकार ने किया। प्रो उल्लास गुरूदास ने आभार व्यक्त किया। इस दौरान प्रो आरके शर्मा,  डॉ अंकुर अग्रवाल, डॉ सैयद दानिश, डॉ पूनम रानी, मनीषा उपाध्याय, राजेश उपाध्याय, अभिषेक गुप्ता, डॉ आरके घोष, डॉ. संतोष कुमार गौतम, मयंक जैन, विकास वर्मा, नियति शर्मा आदि मौजूद थे।