vidhya shankar sharma

विद्या शंकर शर्मा ने चाणक्य नीति को अपनाया, जन्म जयंती पर जानिए उनके बारे में

PRESS RELEASE REGIONAL

माता शत्रु: पिता वैरी येन बालो न पाठित:। 

न शोभते सभामध्ये हंसमध्ये बको यथा।। 

चाणक्य इस श्लोक में कहते हैं कि वह माता-पिता बच्चों के शत्रु हैं जिन्होंने बच्चों को पढ़ाया-लिखाया नहीं। चाणक्य के अनुसार, अनपढ़ बालक बुद्धिजीवियों के बीच मान-सम्मान नहीं पाते हैं। उनका हमेशा अपमान होता है। विद्वानों के समूह में उसी प्रकार उनका अपमान होता है जैसे हंसों के झुंड में बगुले की स्थिति होती है। चाणक्य की इस नीति को अपनाया आगरा के शिक्षा जगत की प्रमुख हस्ती विद्या शंकर शर्मा ने। उन्होंने स्कूलों की श्रृंखला शुरू की ताकि हर कोई शिक्षित हो सके। ऐसा विदया शंकर शर्मा का जन्म  आज ही के दिन 30-6-1960 को आगरा के गढ़ी भदौरिया में हुआ।

विद्या शंकर शर्मा मुड़ौतिया परिवार से ताल्लुक रखते थे। यह परिवार अनुमानत: पिछले एक हजार वर्ष से पीढ़ी दर पीढ़ी अपनी सेवाएं किसी न किसी रूप में देता आ रहा है। विद्या शंकर शर्मा ने शिक्षा जगत में इतनी लंबी लकीर खींची है कि उसकी बराबरी कर पाना हर किसी के लिए आसान नहीं होगा। उनकी मां बैजंती देवी गृहणी और पिता छदम्मीलाल अध्यापक थे। भरे पूरे परिवार में 4 भाई और 2 बहनों में दूसरे नंबर के स्व. विद्या शंकर शर्मा ने परिवार के प्रति जिम्मेदारी को देखते हुए किशोरावस्था से ही माता-पिता के साथ खेती और घर के कामों में हाथ बंटाना शुरू कर दिया था। छात्र जीवन में वह ट्यूशन पढ़ाकर अपनी पढ़ाई का खर्चा खुद वहन करने लगे थे।

वर्ष 1987 में शिक्षा के क्षेत्र में दिवंगत विद्याशंकर शर्मा ने अपने करियर की शुरुआत एक निजी स्कूल में बतौर अध्यापक की। अपने कड़े परिश्रम की बदौलत उन्होंने उस विद्यालय को स्थापित ही नहीं किया, बल्कि उसे इलाके के सबसे प्रतिष्ठित स्कूलों की फेहरिस्त में शुमार भी किया। हालांकि कुछ समय बाद स्कूल प्रबंधन से मनभेद के चलते वर्ष 1989 में स्कूल संचालक ने उन्हें विद्यालय से पदमुक्त कर दिया। स्कूल प्रबंधन के इस फैसले ने उन्हें और उनके परिवार को गहरा आघात पहुंचाया। इस बीच वर्ष 1988 में तपेश शर्मा (प्रबंधक एवं मुद्रक दैनिक जनसंदेश टाइम्स) और वर्ष 1989 में नितेश शर्मा (संपादक जनसंदेश टाइम्स) उन्हें दो पुत्रों की प्राप्ति हुई। इसके बाद उन पर परिवार की जिम्मेदारियां और अधिक बढ़ गर्इं।

बैजंती देवी स्कूल की सफलता के बाद विद्याशंकर शर्मा ने अपनी मां के नाम से बिचपुरी में बैजंती देवी इंटर कॉलेज की दूसरी शाखा शुरू करने के साथ ही वर्ष 2005 में बैजंती देवी क्रिकेट एकेडमी बिचपुरी में खोलने का फैसला लिया। वर्ष 2006 में पूर्व भारतीय क्रिकेटर चेतन शर्मा से विद्यालय का उद्घाटन कराया। आज बिचपुरी क्षेत्र में बैजंती देवी विद्यालय किसी पहचान की मोहताज नहीं है। यही नहीं वर्ष 2009 में उन्होंने बिचपुरी के बैजंती देवी इंटर कॉलेज में ही बैजंती देवी क्रिकेट अकादमी की स्थापना करते हुए भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व विकेट कीपर विजय यादव को आगरा बुलाया और आगरा की खेल प्रतिभाओं को प्लेटफार्म देने का प्रयास किया।

मां बैजंती देवी के नाम पर शिक्षा जगत में इतिहास रचने के बाद विद्या शंकर शर्मा ने गढ़ी भदौरिया में ही अपने पिता के नाम से वर्ष 2013 में सीएल कॉन्वेंट स्कूल का निर्माण कार्य शुरू किया। सीएल कॉन्वेट स्कूल को भी बैजन्ती देवी शिक्षा परिवार का होने की वजह से अभिभावकों का भरपूर दुलार मिला और पिता के नाम से खोला गया स्कूल भी कामयाबी का परचम लहराने लगा। इस बीच छोटे भाई योगेश शर्मा के साथ उनके दोनों बेटे तपेश शर्मा और नितेश शर्मा भी उनके काम में बराबर हाथ बंटाने लगे। लेकिन वह खुद कक्षा 6 से कक्षा 10 तक के विद्याथिर्यों को अंग्रेजी पढ़ाते थे। विद्यालय में अनुसाशन उनके लिए सर्वोपरि था, जिसकी वजह से कई बार उनको मुश्किलों का सामना भी करना पड़ा।

क्रिकेटर बनने का जुनून उनमें बचपन से था। अपने क्रिकेटर बनने के सपने को सच करने के लिए दिवंगत विद्याशंकर शर्मा कड़ा परिश्रम किया करते थे। अंग्रेजी से एमए,बीएड के बाद उन्होंने लॉ भी किया। क्रिकेट के शौक के चलते आगरा की कई बड़ी टीमों मसलन एत्मादपुर के मौजूदा विधायक रामप्रताप सिंह चौहान की टीम और विजडन क्रिकेट क्लब टीम के वह प्रमुख खिलाड़ी रहे। हालांकि घर की परिस्थिति को देखते हुए उन्हें अपने क्रिकेट के सपने को त्यागना पड़ा और उन्होंने शिक्षा को अपने जीवन का आधार बनाया।

वर्ष 2020 आते-आते बैजंती शिक्षा परिवार के प्रमुख विद्याशंकर शर्मा का स्वास्थ्य कमजोर पड़ने लगा। कोरोना काल में उन्होंने बेसहारा लोगों की भोजन, दवा सामग्री से लेकर हरसंभव मदद की। सेवा कार्यों के लिए शर्मा जी को ताजनगरी हमेशा याद रखेगी। लेकिन लगातार कोरोना के समय विद्यालय में ना जा पाना और छात्रों के बीच ना रह पाना उनको झकझोरने लगा। उनके स्वास्थ्य में लगातार गिरावट आने लगी। अंतिम दौर में जिंदगी से हर कदम पर जंग लड़ते हुए आगरा के शिक्षा जगत की ये महान शख्सियत हार्ट अटैक आने के चलते 15 मई 2021 को शाम चार बजे करीब दुनिया से रुखसत कर गई।

शिक्षा के पुरोधा विद्या शंकर शर्मा की जयंती पर गरीब परिवारों को खाद्य सामग्री वितरित की गई। चित्र में अर्जुन उदेनिया, शैलू पंडित, उमाशंकर शर्मा, सरवन कश्यप, योगेश शर्मा, तपेश शर्मा, रोहित शर्मा।

विद्या के पुरोधा विद्याशंकर शर्मा जयंती पर श्रीमती बैजंतीदेवी ग्रुप ऑफ एजूकेशन की ओर से गरीब और असहाय 21 परिवारों को खाद्य सामग्री वितरित की गई। निर्धन महिलाओं को जीवन का सहारा मिला तो दुआ के साथ आशीर्वाद दिया। श्रीमती बैजंती देवी ग्रुप ऑफ एजूकेशन के संस्थापक स्व. विद्याशंकर शर्मा की जयंती पर श्रीमती बैजंती देवी प्राइमरी स्कूल, गढ़ी भदौरिया में समारोह को आयोजन किया गया। इस मौके पर गरीब और असहाय लोगों की मदद के लिए अनाज और आवश्यक खाद्य सामग्री का वितरण किया गया। कार्यक्रम में श्रीमती बैजंती देवी शिक्षण संस्थान के निदेशक तपेश शर्मा और नितेश शर्मा ने उनकी यादों को ताजा किया। इस मौके पर उमाशंकर शर्मा, योगेश शर्मा, तपेश शर्मा, नितेश शर्मा, गौरव शर्मा, कमल शर्मा, शैलू पंडित, आयुष्मान शर्मा, रोहित शर्मा, अर्जुन उदेनिया और मनोनीत पार्षद सरवन कश्यप भी मौजूद रहे।