विद्या शंकर शर्मा ने चाणक्य नीति को अपनाया, जन्म जयंती पर जानिए उनके बारे में
माता शत्रु: पिता वैरी येन बालो न पाठित:। न शोभते सभामध्ये हंसमध्ये बको यथा।। चाणक्य इस श्लोक में कहते हैं कि वह माता-पिता बच्चों के शत्रु हैं जिन्होंने बच्चों को पढ़ाया-लिखाया नहीं। चाणक्य के अनुसार, अनपढ़ बालक बुद्धिजीवियों के बीच मान-सम्मान नहीं पाते हैं। उनका हमेशा अपमान होता है। विद्वानों के समूह में उसी प्रकार […]
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