उत्तर प्रदेश के अयोध्या में अतिविशिष्ट लोगों के आगमन को लेकर विशेष दिशा- निर्देश जारी किए गए हैं। सरकार ने VVIP से अनुरोध किया है कि वे रामलला के दर्शन का प्लान बनाने के बाद सात दिन पहले सरकार और मंदिर प्रबंधन को सूचित कर दें। इससे उनके लिए उचित व्यवस्था को बनाया जा सकेगा। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस प्रकार सूचना देने से हर पक्ष को सुविधा होगी।
दरअसल, रामलला का दरबार भक्तों के लिए खुलने के बाद लोगों की भारी भीड़ उमड़ी हुई है। यूपी पुलिस की ओर से विशेष कार्यक्रम तैयार किए गए हैं। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए 200- 200 की संख्या में श्रद्धालुओं को रवाना किया जा रहा है। अयोध्या में व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए राम जन्मभूमि पथ पर जाने वाले सभी अन्य मार्गों को पूर्ण रूप से बंद कर दिया गया है। बैरियर गिराकर सुरक्षा बलों की तैनाती कर दी गई है। राम भक्त केवल राम जन्मभूमि पथ के मुख्य द्वार से ही प्रवेश कर सकेंगे। बैरियर पर तैनात सुरक्षा बलों को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि किसी को भी अन्य मार्ग से प्रवेश नहीं दिया जाएगा। अमावां मंदिर हनुमानगढ़ी से आने वाले मार्गों पर पूर्ण रूप से बैरिकेडिंग की गई है।
रामलला का दर्शन कराना कर्तव्य
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हर रामभक्त को रामलला का सुगम दर्शन कराना हमारा कर्तव्य है। सीएम ने अयोध्याधाम में दर्शनार्थियों की व्यवस्था की समीक्षा की है। उन्होंने कहा कि कतारबद्ध कर सबको दर्शन कराया जाए। भीड़ न लगने देने का निर्देश दिया गया है। सीएम के निर्देश पर श्रद्धालुओं के लिए होंगे पेयजल, व्हीलचेयर, जूट मैटिंग और अलाव के इंतजाम किए गए हैं। इसके अलावा अयोध्या की प्रमुख सड़कों को राम भजनों से गुंजायमान किया गया है।
सीएम योगी ने कहा कि दर्शन के बाद श्रद्धालुओं को गंतव्य तक पहुंचाने के पर्याप्त परिवहन साधन होने चाहिए। बसों के अलावा रेलवे से भी समन्वय बनाने का निर्देश दिया गया है। सीएम ने परिवहन मंत्री, मुख्य सचिव, डीजीपी, अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव परिवहन और प्रमुख सचिव नगर विकास की टीम को आवश्यक इंतजाम का निर्देश दिया है। इसके लिए उन्हें मंदिर न्यास से समन्वय का निर्देश दिया गया है।
अधिकारियों की बैठक में अहम निर्देश
सीएम योगी आदित्यनाथ ने अयोध्याधाम में रामलला के दर्शन की आकांक्षा लिए उमड़े आस्था के महासागर के बीच हर श्रद्धालु के सहज, सुगम और संतोषपूर्ण दर्शन के लिए सभी आवश्यक प्रबंध करने के निर्देश दिए हैं। मंगलवार को अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि ट्रस्ट के पदाधिकारियों और स्थानीय प्रशासन के साथ परिस्थितियों का जायजा लेने के बाद बुधवार को मुख्यमंत्री ने शासन स्तर के अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
सीएम योगी ने ये निर्देश दिए
अयोध्याधाम में आस्था का जनसमुद्र देखा जा सकता है। पूरे देश से श्रद्धालुओं का आगमन हो रहा है। हर कोई अपने आराध्य प्रभु के दर्शन का पुण्य लाभ चाहता है। भारी संख्या में श्रद्धालुओं का आगमन स्वाभाविक है। ऐसी परिस्थितियों में हर श्रद्धालु की सुरक्षा, सुविधा व सुगम दर्शन की व्यवस्था करना हम सभी का कर्तव्य है।
स्थानीय प्रशासन और मंदिर न्यास के बेहतर समन्वय के साथ क्राउड मैनेजमेंट किया जाना चाहिए। राम पथ, भक्ति पथ, धर्म पथ और जन्मभूमि पथ पर, जहां भी दर्शनार्थी हों, कतारबद्ध खड़े हों। भीड़ न लगे। कतार चलायमान रहे। बुजुर्गों, बच्चों, महिलाओं का विशेष ध्यान दें। दर्शनार्थियों की भावनाओं का सम्मान करते हुए प्रमुख पथों पर लो-ट्यून में राम भजन बजने चाहिए। सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों का व्यवहार मर्यादित होना चाहिए।
कतारबद्ध श्रद्धालुओं के लिए जगह-जगह पर पेयजल की व्यवस्था कराएं। दिव्यांग अथवा अति बुजुर्ग श्रद्धालु के लिए आवश्यकतानुसार व्हीलचेयर के प्रबंध भी होने चाहिए। ठंड बहुत है, ऐसे में अलाव की व्यवस्था कराएं। भक्ति पथ और जन्मभूमि पथ पर पर जूट मैटिंग कराएं। प्लास्टिक की कुर्सियां लगाएं ताकि बुजुर्ग एवं वृद्धजन आवश्यकतानुसार विश्राम कर सकें। सभी घाटों सहित पूरे नगर में साफ-सफाई-स्वच्छ्ता लगातार होती रहे। मशीन से सफाई कराई जाए।
जो श्रद्धालु दर्शन-पूजन कर चुके हों, उन्हें उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए परिवहन के पर्याप्त साधन उपलब्ध हों। परिवहन निगम की बसों की व्यवस्था हो। विभिन्न नगरों से अयोध्या आने के लिए अतिरिक्त बसों का संचालन अभी स्थगित रखें। दर्शन के उपरांत जिस रूट के श्रद्धालु अधिक हों, उस ओर बसों को लगाकर श्रद्धालुओं को गंतव्य तक पहुंचाने की व्यवस्था हो। ऐसे रूट चिन्हित कर आवश्यकतानुसार रेलवे से कोऑर्डिनेट करते हुए ट्रेनों के संचालन के प्रयास होने चाहिए। परिवहन मंत्री स्वयं इस व्यवस्था को सुनिश्चित कराएं।
मुख्य सचिव, डीजीपी, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री, प्रमुख सचिव परिवहन और प्रमुख सचिव नगर विकास बेहतर समन्वय से श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए आवश्यक प्रबंधन सुनिश्चित कराएंगे।
अयोध्या की सीमा से लगे जिलों के साथ अयोध्या प्रशासन और सरकार स्तर के अधिकारी अंतरराज्यीय संवाद और संपर्क बनाये रखें। किस दिशा से कितने श्रद्धालुओं का आगमन हो रहा है, इसका आकलन करते हुए तदनुसार आवश्यक प्रबंध किए जाएं।
26 जनवरी को राष्ट्रीय पर्व ‘गणतंत्र दिवस’ है। उल्लासमय-उत्साहपूर्ण वातावरण में कतिपय अराजक तत्व माहौल को खराब करने का कुत्सित प्रयास कर सकते हैं। यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी गीत-संगीत, नारेबाजी अथवा किसी भी अन्य कृत्य से किसी की धार्मिक भावनाओं का अपमान अथवा तिरस्कार न हो। यदि कोई विद्वेष फैलाने वाले ऐसे प्रयास करता हुआ पाया जाए तो उनके विरुद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति के अनुरूप कठोरतम कार्रवाई हो।
अयोध्याधाम में अपने आराध्य प्रभु श्रीरामलला के दर्शन की आकांक्षा लिए पूरे देश से भारी संख्या में श्रद्धालुओं के आगमन से उत्पन्न अविस्मरणीय स्थिति के दृष्टिगत अति विशिष्ट, विशिष्ट या गणमान्य जन के अयोध्या आगमन का कार्यक्रम बनाने से एक सप्ताह पूर्व स्थानीय प्रशासन, श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास अथवा राज्य सरकार को सूचित करना हितकर होगा।
एक होल्डिंग एरिया तैयार करें, जहां दर्शनार्थियों का बड़ा समूह एकत्रित हो सके। यहां से श्रद्धालुओं को धीरे- धीरे दर्शन के लिए छोड़ा जाना उचित होगा। यहां पर उनके सामान, जूता, चप्पल, मोबाइल आदि सामान की सुरक्षा के प्रबंध होने चाहिए।
-एजेंसी
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