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श्री चिंतामणि पार्श्वनाथ श्वेताम्बर जैन मंदिर रोशन मोहल्ला बना भगवान महावीर का जन्मस्थल, माता त्रिशला के स्वप्न की बोली का रिकॉर्ड

RELIGION/ CULTURE

कमल चंद जैन और ध्रुव जैन ने चौथे स्वप्न की बोली 1.11 लाख मन में ली

परमात्मा का पालना बैंडबाजों के साथ दादाबाड़ी पहुंचा, हुई भजन संध्या

29 अगस्त को कुमारपाल महाराज 108 दीपकों से करेंगे आरती

 

Agra, Uttar Pradesh, India.  हीर विजय सूरि उपाश्रय, श्री चिंतामणि पार्श्वनाथ श्वेताम्बर जैन मंदिर, रोशन मोहल्ला आज भगवान महावीर के जन्मस्थल बन गया। बच्चे भगवान महावीर के स्वरूप में आए। भगवान के माता-पिता बनने वाले स्वयं को सौभाग्यशाली मान रहे थे। भगवान को पालने में झुलाने की होड़ लग गई। हर ओर उल्लास। हर ओर उमंग। परमात्मा की जयकार। भगवान का जन्मकल्याणक परमविदुषी जैन साध्वी वैराग्य निधि महाराज की निश्रा में मनाया गया।

परमात्मा की माता ने जो सपने देखे थे, उनको लेकर छोटी-छोटी बच्चियों ने मनभावन नृत्य प्रस्तुत किया। साथ में राजेंद्र सूरी महिला मंडल की सदस्य थीं। साध्वी महाराज के सामने कल्पसूत्र वाचन में परमात्मा महावीर के जन्म कल्याणक होने का प्रसंग सुनाया पूरा, उपाश्रय वर्धमान महावीर स्वामी के जयकारों से गूंज उठा। जैसे ही परमात्मा को छजलानी परिवार ने पालने में झुलाया तो गीत गाया गया- महावीरा झूले पलने में…। इसके साथ ही भक्तिभाव से पूर्ण श्रद्धालु परमात्मा की जयकार करने लगे। सभी ने परमात्मा के जन्म कल्याणक की एक दूसरे को कई शुभकामनाएं दीं। परमात्मा को पालना झुलाने का लाभ दिनेश कुमार, रोबिन  छजलानी परिवार ने लिया।

स्वागत करते राजकुार जैन

इस मौके पर साध्वी वैराग्य निधि ने कहा कि भूत, भविष्य व वर्तमान, इन तीन कालों के सापेक्ष जो जीवन जीता है, वही धर्म को सही अर्थों में समझ पाता है। दीक्षित मेघ मुनि का उदाहरण देते हुए कहा कि अहंकार ही भाई-भाई में दरार खड़ी करता है, जो द्वेष की दीवार में तब्दील हो जाता है। द्वेषाग्नि को क्षमाजल से उपशांत कर परस्पर प्रेमजल से रिश्तों को स्निग्ध व मधुर बनाएं।

एकासना एवं स्वधर्म वात्सल्य का लाभ जैन यूथ सोसाइटी ने लिया। प्रभावना संजय दूगड़ एवं कमल राय सुराना की ओर से की गई। कमल चंद जैन, सुनील जैन, प्रदीप लोढ़ा, वीरू, मनोज बोहरा, बृजेंद्र लोढ़ा, विनय वागचर, अतिन, अर्पित वेद, दुष्यंत जैन, विमल जैन, विपिन जैन,  प्रमोद, निशांत ललवानी, संदेश जैन आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। महेन्द्र जैन ने रोमांचक ढंग से बोली लगवाई।

 

जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक श्री संघ के अध्यक्ष राजकुमार जैन ने बताया परमात्मा के पिता सिद्धार्थ राजा एवं माता त्रिशला रानी के रूप में थे आशीष जैन एवं पूर्वा जैन। ध्रुव जैन, प्रियंका जैन, प्रदीप, संगीता लोढ़ा, अर्पित, नेहा वेद, धीरज, रश्मि सिलवानी, अभिलाष ललवानी आदि ने साथ दिया। परमात्मा के पालने को छजलानी परिवार बैंडबाजों के साथ जैन मंदिर दादाबाड़ी लेकर पहुंचा, जहां पर परमात्मा की बहुत ही भक्ति भाव से भजन संध्या हुई।

कमल चंद जैन, ध्रुव जैन ने जब माता त्रिशला ने चौथा स्वप्न लक्ष्मी का देखा तो उसकी बोली एक लाख 11 हजार मन  में ली, जो एक रिकॉर्ड है। बोली सुनकर सभी परमात्मा की जय जयकार करने लगे

 

श्री संघ अध्यक्ष राजकुमार जैन ने बताया 29 अगस्त को शाम 6:30 बजे सुभाष बाजार चौराहे से विजय सेठिया जी परिवार कुमारपाल महाराजा का रूप लेकर बैंडबाजों के साथ चिंतामणि पार्श्वनाथ श्वेतांबर जैन मंदिर पहुंचेंगे, जहां पर हजारों दीपक से मंदिर को सजाया जाएगा। कुमारपाल महाराजा 108 दीपकों से परमात्मा चिंतामणि पार्श्वनाथ की आरती करेंगे।  शीतल नाथ मंदिर में भजन संध्या भी होगी।

Dr. Bhanu Pratap Singh