rajgopal singh verma

देशभर के पाठकों ने आगरा के राजगोपाल सिंह वर्मा को चुना सर्वश्रेष्ठ कहानीकार

NATIONAL REGIONAL

चर्चित पत्रिका कथाबिम्ब में प्रकाशित कहानी के आधार पर मिला कमलेश्वर स्मृति कथा पुरस्कार2019’
Agra (Uttar Pradesh, India) ऐतिहासिक नगरी आगरा में रह कर साहित्य रचना में लीन साहित्यकार राजगोपाल सिंह वर्मा को कथा-जगत के सम्मानित “कमलेश्वर स्मृति कथा पुरस्कार-2019“ के श्रेष्ठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार उनकी कहानी “पेइंग गेस्ट“ के लिए घोषित किया गया है।


पाठकों ने किया फैसला
विगत् 41 वर्षों से मुम्बई से लगातार प्रकाशित साहित्य की चर्चित पत्रिका “कथाबिम्ब” विख्यात साहित्यकार स्वर्गीय कमलेश्वर की स्मृति में यह आयोजन कराती है। उल्लेखनीय यह है कि इस सम्मान का निर्धारण कोई ज्यूरी नहीं करती है, अपितु उसे पाठकों की अभिरुचि और मत से मिले आकलन के आधार के अनुसार निर्धारित किया जाता है।


क्या है पेइंग गेस्ट कहानी में
सन्दर्भित कहानी “पेइंग गेस्ट“ “कथाबिम्ब“ के विगत् अक्टूबर-दिसम्ब, 2019 अंक में प्रकाशित हुई थी, जिसे पाठकों की बहुत सराहना मिली थी। यह कहानी कश्मीर से निकल कर देश के विभिन्न भागों में पढ़ने के लिए संघर्षरत युवा वर्ग के प्रति स्थानीय लोगों के पूर्वाग्रहों से उपजी कुंठाओं और व्यथाओं को प्रतिबिंबित करती है।


सूचना विभाग में उच्च पदों पर तैनात रहे
राजगोपाल सिंह वर्मा आगरा मण्डल और लखनऊ में उत्तर प्रदेश सरकार के सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग में उप निदेशक पद पर सेवारत रहे हैं।  वे पूर्व में भारत सरकार के विभिन्न विभागों में प्रकाशन, प्रचार और प्रसार के विभिन्न पदों पर कार्यरत रहे हैं। लखनऊ में वह प्रदेश सरकार की साहित्यिक पत्रिका “उत्तर प्रदेश“ का कई वर्षों तक लगातार संपादन भी कर चुके हैं।


आने वाली हैं कई पुस्तकें
आगरा में रहते हुए ही उन्होंने सरधना की बेगम, बेगम समरू के व्यक्तित्व और कृतित्व पर एक उपन्यासपरक जीवनी, “बेगम समरू का सच“ लिखा, जिसकी व्यापक चर्चा हुई है। कहानियों और ऐतिहासिक धारा की उनकी कई पुस्तकें विभिन्न प्रकाशकों से प्रकाशन के लिए विचाराधीन हैं। जिनमें प्रमुख हैं- पाकिस्तान के प्रथम प्रधानमंत्री लियाकत अली खां की पत्नी राना बेगम, माधव जी सिंधिया के फ्रेंच सेनापति डी बॉन और हरियाणा के हांसी राज्य के यूरोपियन राजा जॉर्ज थॉमस के व्यक्तित्व और कृतित्व पर आधारित पुस्तकें।


मुजफ्फरनगर में 1857 की क्रांति पर कार्य
श्री वर्मा अपने गृह जनपद मुजफ्फरनगर में सन 1857 की क्रांति के इतिहास के योगदान और जनपद के उद्गम पर भी विशिष्ट किस्म के लेखन में रत हैं। वह अपनी रुचि के अनुसार फोटोग्राफी और ब्लॉगिंग में भी योगदान देते रहते हैं।