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दादाजी महाराज का 91वां ‘जन्मोत्सव सतसंग’, राधास्वामी नाम से गुंजायमान हो उठा हजूरी भवन, देखें Video

NATIONAL PRESS RELEASE REGIONAL RELIGION/ CULTURE

Agra, Uttar Pradesh, India. राधास्वामी मत के आचार्य एवं अधिष्ठाता दादाजी महाराज (प्रो. अगम प्रसाद माथुर, पूर्व कुलपति आगरा विश्वविद्यालय) का 91वें जन्मदिवस पर आध्यात्मिक चेतना जाग्रत की गई। करीब सवा दो घंटे चले ‘जन्मोत्सव सत्संग’ में भक्ति का ऐसा प्रवाह हुआ कि हजूरी भवन राधास्वामी नाम से गुंजायमान हो उठा। हर किसी को प्रेम और भक्ति का प्रसाद मिला। दादाजी के चरणों में मत्था टेकने के लिए व्यग्रता दिखाई दी। पूरा कार्यक्रम सादगी के साथ किया गया। शहर के प्रतिष्ठितजनों ने दादाजी महाराज को जन्मदिवस की बधाई दी।

राधास्वामी मत के आदि केन्द्र पीपल मंडी स्थित हजूरी भवन में दादाजी महाराज के साधना कक्ष में सत्संग आयोजित हुआ। हजूर महाराज की समाध पर कोरोना प्रोटोकॉल के कारण सत्संग नहीं किया गया। सीमित संख्या में श्रद्धालुओं को आने की अनुमति दी गई। लाखों लोगों ने सतसंग का लाइव प्रसारण देखा। हजूरी भवन को सजाया गया। रात्रि में झिलमिल झालरों की आभा देखते ही बन रही थी।

दादाजी महाराज ने समारोह में आए सतसंगियों को संदेश दिया- मेरे पास लेने को भी प्रेम है और देने को भी प्रेम के सिवाय कुछ नहीं है। मालिक से प्रेम पाता हूँ और बांट भी देता हूँ। आप सबसे एक ही अनुरोध है कि कुलमालिक राधास्वामी दयाल को मानें, उनकी मौज को निहारें और जो भी काम करें, उसमें उनकी प्रसन्नता देखें। ऐसा हर काम करें जिसमें मालिक प्रसन्न हों।

दादाजी महाराज का मानना है कि वर्तमान समय विकराल रूप धारण किए हुए है। राधास्वामी दयाल के सामने काल कहीं नहीं ठहरता है। इसलिए काल का कुसंग छोड़कर दयाल के संग में रहना है।  निर्मल प्रेम की अविरल धारा का पान करना है। अंतर्विरोधों को धैर्य और सहजता से मिटाएं। प्रेम, शांति और सद्भाव को अपनी जिन्दगी के मूल तत्व मानें। जिन्दगी हँसकर जिएं। मैं मुरझाए चेहरों पर मुस्कान देखना चाहता हूँ।

Dr. Bhanu Pratap Singh