Agra, Uttar Pradesh, India. कोरोना काल चल रहा है। ऑक्सीजन के अभाव में तमाम लोगों ने दम तोड़ा। जो चले गए, वे लौटकर नहीं आएंगे, लेकिन जो हैं, उन्हें बचाने की जरूरत है। कोरोना की तीसरी लहर से बचने के लिए सरकार ने पर्याप्त ऑक्सीजन का भंडार कर लिया है। कृत्रिम ऑक्सीजन के स्थान पर प्राकृतिक रूप से ऑक्सीजन मिले तो कैसा रहे? आज हम आपको ऐसे ही पांच पौधों के बारे में बता रहे हैं, जो रात्रि में भी ऑक्सीजन देते हैं।
पीपल का पेड़
यह सर्वविदित है कि पौधे दिन में ऑक्सीजन और रात्रि में कार्बनडाइऑक्साइड छोड़ते हैं। ऑक्सीजन प्राणवायु है। मानव को जीवित रहने के लिए ऑक्सीजन चाहिए। कार्बनडाइऑक्साइड प्राणघातक है। अभी तक हम यह जानते हैं कि पीपल का पेड़ दिन-रात ऑक्सीजन देता है। पीपल के पेड़ को लेकर तमाम तरह की धार्मिक मान्यताएं हैं, जैसे पीपल के पेड़ पर भूत रहते हैं आदि। इसी डर से लोग पीपड़ का पेड़ अपने घर के सामने नहीं लगाते हैं। साथ ही पीपल का पेड़ काटते भी नहीं हैं। अब तो पीपल को गमले में भी लगाया जा सकता है, फिर भी लोग इसे लगाने से डरते हैं।
ये पौधे भी रातभर देते हैं ऑक्सीजन
पर्यावरण पर काम कर रहे डॉ. देवाशीष भट्टाचार्य ने बताया कि ऐलोवेरा पौधा औषधीय गुणों के लिए प्रसिद्ध है। तमाम प्रकार की सौंदर्यवर्धक क्रीम ऐलोवेरा से बनाई जाती हैं। यह कम लोगों को ज्ञात है कि ऐलोवेरा पौधा रात्रि में भी ऑक्सीजन देता है। इसी तरह से स्नेक प्लांट, एरिका पाम, आर्चिड, क्रिसमस कैक्टस और मनी प्लांट भी रात्रि में ऑक्सीजन देते हैं। मनी प्लांट तो अधिकांश घरों में मिल जाता है। इसकी बेल सिर्फ पानी डालने से ही फैल जाती है। उन्होंने बताया कि इन पौधों को अपने शयन कक्ष में रख सकते हैं। आपको प्राकृतिक रूप से ऑक्सीजन मिलती रहेगी और फिर कृत्रिम ऑक्सीजन की जरूरत नहीं पड़ेगी।
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