jawaharlal nehru

नेहरू जी के लिए बेटी का सिर काट लाया था, पुण्यतिथि पर पढ़िए ऐसे किस्से जो आपने सुने भी न होंगे

NATIONAL POLITICS PRESS RELEASE REGIONAL

नेहरू जी के लिए बेटी का सिर काट लाया था, पुण्यतिथि पर पढ़िए ऐसे किस्से जो आपने सुने भी न होंगे

India first Prime Minister Jawaharlal Nehru story in hindi on death anniversary

Jawaharlal Nehru, India first Prime Minister, First Prime minister of India, Nehru death anniversary, Allahabad, Prayagraj, Agra, tourist village barara, Jawahar pul, Eklavya stadium, Agra, Uttar Pradesh, India, live story time, Indira Gandhi, Motilal Nehru, congress, Bharat ratna,

Agra, Uttar Pradesh, India. भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने आजादी के बाद देश में औद्योगिक क्रांति की। वे आजन्म प्रधानमंत्री रहे। महात्मा गांधी से प्रभावित थे। पंचशील सिद्धांत प्रतिपादित करने के लिए सर्वोच्च सम्मान ‘भारत रत्न’ दिया गया। 27 मई, 2021 को उनकी पुण्यतिथि है। प्रधानमंत्री रहते हुए वे छह बार आगरा आए। इस मौके पर ‘जनसंदेश टाइम्स बता रहा है जवाहर लाल नेहरू के आगरा से जुड़े कुछ रोचक किस्से।

पुल का उद्घाटन और नाराजगी

जवाहर लाल नेहरू ने 1963 में यमुना पर बने जवाहर पुल का उद्घाटन किया था। यमुना पर नया पुल बन गया है, लेकिन जवाहर पुल आज भी शान से खड़ा हुआ है। जवाहर पुल के उद्घाटन समारोह में एक और घटना हुई। महावीर दिगम्बर जैन इंटर कॉलेज, हरीपर्वत में एक कांग्रेस नेता ने नेहरू जी की मूर्ति स्थापित की थी। उसने नेहरू जी से आग्रह किया था कि इस पर माल्यार्पण कर दें। इस पर नेहरू जी ने नाराजगी प्रकट की। माल्यार्पण नहीं किया।

जब घोड़े पर हुए सवार

1962 में स्टेडियम में पंडित जवाहर लाल नेहरू की सभा होनी थी। खेरिया हवाई अड्डे से स्टेडियम तक भारी भीड़ थी। हर कोई नेहरू जी के स्वागत को आतुर था। यह देख जवाहरल लाल नेहरू घोड़े पर सवार होकर स्टेडियम पहुंचे।

बेटी का सिर काट लाया, मची खलबली

जब नेहरू जी स्टेडियम जा रहे थे, तो एक व्यक्ति चिल्लाकर कह रहा था कि वह पंडितजी के लिए कुछ भी कर सकता है। सबसे प्रिय मेरी बेटी है और उसी का सिर पंडितजी के चरणों में समर्पित करना चाहता हूं। उसके हाथ में बेटी का सिर था। यह देख हर को भौंचक रह गया। पुलिस उसके पीछे दौड़ी। उस व्यक्ति ने भी दौड़ लगा दी। गुदड़ी मंसूर खां में उस व्यक्ति को पकड़ा गया। वरिष्ठ पत्रकार रमाशंकर शर्मा ने बताया कि लम्बे समय तक इस घटना का जिक्र होता रहा।

हवाई अड्डे पर दिखाई दिए निराश

1962 में चीन से युद्ध के दौरान आगरा हवाई अड्डे पर सैनिकों का मनोबल बढ़ाने आए थे। कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष दुष्यंत शर्मा के अनुसार, बुजुर्ग कांग्रेस नेता बताते हैं कि तब नेहरू जी निराश दिखाई दे रहे थे। बाद में भारत यह युद्ध हार गया था।

बैलगाड़ी से पहुंचे लड़ामदा

1958 में आरबीएस कॉलेज के तत्कालीन प्राचार्य ड़ॉ. आरके सिंह के साथ नेहरू जी बिचपुरी विकास खंड के गांव लड़ामदा में आए थे। उन्हें कॉलेज के बिचपुरी कैम्पस से लड़ामदा तक बैलगाड़ी में लाया गया था। उनके साथ अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति आइजनहाबर भी थे। पर्यटन गांव बरारा निवासी प्रगतिशील किसान डॉ. हर्षवर्धन ने बताया कि उनक पिता रामबाबू सिंह भी नेहरू जी को देखने गए थे। उन्हें हमारे गांव बरारा में आना था लेकिन सुरक्षा कारणों से ऐसा न हो सका।

जब पहनाई माला

नेहरू जी 1958 में सेन्ट जॉन्स कॉलेज में हुई ऑल इंडिया सांइस कांग्रेस में भाग लेने आए थे। डॉ. अशोक शिरोमणि ने नेहरू जी को माला पहनाई। बाद में नेहरू जी ने वही माला डॉ. शिरोमणि के गले में पहना दी।

आगरा वाले बड़ी सभा करना भूल गए हैं

1953 में आगरा में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की बैठक हुई थी। अंतिम दिन रामलीला मैदान में सभा हुई थी। सभा में भीड़ उमड़ पड़ी थी। चिल्ल-पौं होती रही। यह देख नेहरू जी ने टिप्पणी की थी- लगता है आगरा वाले बड़ी सभा करना भूल गए हैं।

नेहरू जी के बारे में

जन्मः 14 नवंबर, 1889 इलाहाबाद

पिताः मोतीलाल नेहरू

माताः स्वरूपरानी

कांग्रेस से जुड़ेः 1912 में

कांग्रेस अध्यक्षः छह बार

प्रधानमंत्रीः आजादी के बाद 1947 में भारत के प्रधानमंत्री बने

सिद्धांतः पंचशील

भारत रत्नः 1954 में दिया गया

पुत्रीः इंदिरा गांधी

बच्चों में लोकप्रिय नामः चाचा नेहरू

निधनः 27 मई, 1964 हृदयाघात से।