Agra, Uttar Pradesh, India. विकल चौक से लेकर वाटर वर्क्स चौराहा तक एलीवेटेड रोड (Elevated road यानी उत्थित मार्ग) बनने के आसार बन रहे हैं। इस बारे में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (National Highway Authority of India) ने मैसर्स यूआरएस स्कॉट विल्सन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के टीम लीडर केके गुप्ता को निर्देश जारी किए हैं कि एलिवेटेड रोड बनाये जाने के सम्बन्ध में जांच कर एनएचएआई को अपनी रिपोर्ट प्रेषित करें।
नेशनल चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज (National Chamber of Commerce and Industries ) आगरा के अध्यक्ष मनीष अग्रवाल (President Manish Agrawal) ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के चेयरमैन से सुल्तानगंज से वाटर वर्क्स चौराहा तक एलिवेटेड रोड बनाने की मांग की थी। उस समय स्वीकृति नहीं मिली थी। इसलिए अब विकल चौक से वाटर वर्क्स तक एलीवेटेड रोड बनाने की मांग की गई। चैम्बर के पत्र पर संज्ञान लेते हुए परियोजना निदेशक, गलियारा प्रबंधन इकाई, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, फरीदाबाद ने मैसर्स यूआरएस स्कॉट विल्सन इंडिया से रिपोर्ट मांगी है।
श्री अग्रवाल ने बताया कि एनएच 2 (अब एनएच 29) को जब छह लेन का बनाया जा रहा था तब चैम्बर ने रुनकता से वाटर वर्क्स चौराहे तक एलिवेटेड रोड बनाए जाने की मांग की थी। उस समय किन्हीं कारणों से चैम्बर की इस मांग पर स्वीकृति नहीं मिली थी। इस कारण एनएचएआई को बहुत कम दूरियों पर कई फ्लाईओवर बनाने पड़े। इनकी लागत संभवत एलिवेटेड रोड के बराबर है। इसके बाद भी जनता को आवागमन की समस्या से बुरी तरह जूझना पड़ रहा है।
चैम्बर के पूर्व अध्यक्ष एवं नागरिक सुविधा, शहरी विकास एवं सड़क यातायात प्रकोष्ठ के चेयरमैन सीताराम अग्रवाल ने बताया कि भगवान टॉकीज से वाटर वर्ष तक इस मार्ग के एक ओर शहर की पॉश कॉलोनी कमला नगर स्थित है जिसकी आबादी लगभग एक लाख की है। इस कॉलोनी से 50 अन्य कॉलोनियां भी लगी हुई हैं जिससे शहर का एक बहुत बड़ा भाग इस मार्ग के इस ओर आबादी क्षेत्र का बन चुका है। मार्ग के दूसरी ओर, व्यापारिक प्रतिष्ठान, प्रतिष्ठित मार्केट, सभी सरकारी कार्यालय, तहसील, न्यायपालिका, रेलवे स्टेशन, सभी बस स्टैंड, एयरपोर्ट आदि स्थित हैं। इसके कारण इस मार्ग के दोनों ओर दिनभर भारी संख्या में व्यक्तियों का आवागमन होता है। छः लेन बनाए से पूर्व इस दूरी में कमला नगर एवं बलकेश्वर कॉलोनी जिनसे लगभग 50 अन्य कॉलोनियां लगी हुई है, के लिए रोड को पार करने के लिए लगभग 10 मार्ग थे, जो अब दो रह गए हैं। छोटे वाहनों को रोड पार करने के लिए सुलतानगंज की पुलिया से या वाटर वर्क्स चौराहा जिसकी दूरी लगभग दो-ढाई किलो मीटर है, पर बने फ्लाईओवर से ही संभव है। इस कारण यहां के निवासियों को इस राष्ट्रीय राजमार्ग से दिनभर परेशानी का सामना करना पड़ता है। साइकिल व पैदल यात्री तो इस सड़क को बीच में ही पार करते रहते हैं जिससे दुर्घटनाएं होती रहती हैं और साथ ही एनएच-29 के उपभोक्ताओं को इस दूरी में बड़ी असुविधा होती है।
चैम्बर अध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने बताया कि आज की वर्तमान परिस्थितियों में सुल्तानगंज से वाटर वर्क्स चौराहे तक एलिवेटेड रोड बनाए जाने की नितांत आवश्यकता है, तभी इस समस्या का समाधान हो सकता है। निकट भविष्य में यह आबादी और अधिक बढ़ेगी जिससे यह समस्या विकराल रूप धारण कर सकती है। यदि विकल चौक (सुल्तानगंज पुलिया) से वाटर वर्क्स चौराहे तक एलिवेटेड रोड बन जाता है तो दोनों तरफ से आवागमन की समस्या का समाधान सदैव के लिए हो जाएगा और यह आगरा के उद्योग व्यापार को बढ़ावा देने के लिए एक प्रभावी कदम साबित होगा।
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