यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा मामले का मुख्य आरोपी नीरज यादव गिरफ्तार, पुलिस ने कोर्ट में किया पेश

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लखनऊ : यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में अभ्यर्थी को सवालों के उत्तर व्हाट्सएप पर भेजने वाले बलिया के नीरज यादव को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ के बाद आरोपी को कोर्ट में पेश किया गया। जहां से उसे जेल भेजा दिया गया। नीरज को मथुरा निवासी एक उपाध्याय ने ये उत्तर कुंजी भेजी थी। पुलिस अब उसकी तलाश में मथुरा में दबिश दे रही है। गिरोह का सरगना कौन है? उसको पेपर के प्रश्न कहां से मिले? इन सभी के सवाल फिलहाल अनसुलझे हैं। पुलिस के साथ मुख्य रूप से एसटीएफ प्रकरण की जांच कर रही है।

लखनऊ के कृष्णानगर के अलीनगर सुनहरा स्थित सिटी मॉडर्न अकेडमी स्कूल को भी परीक्षा केंद्र बनाया गया था। 18 फरवरी को आयोजित परीक्षा की दूसरी पाली के दौरान शाम करीब 4:55 बजे कक्ष संख्या-24 के निरीक्षक वंदना कनौजिया और विश्वनाथ सिंह ने परीक्षार्थी सत्य अमन कुमार को पर्ची से नकल कर ओएमआर शीट भरते पकड़ा था। उन्होंने पर्ची बरामद कर ली थी। सूचना पर पहुंची पुलिस टीम ने सत्य अमन को गिरफ्तार कर लिया था। पूछताछ में उसने बताया कि नीरज यादव नाम के शख्स ने उत्तरकुंजी व्हाट्सएप पर भेजी थी। नीरज ने पुलिस को बताया कि मथुरा निवासी उपाध्याय ने उसको उत्तरकुंजी भेजी। व्हाट्सएप चैट से इसकी तस्दीक भी हुई। पुलिस अब उपाध्याय की तलाश कर रही है।

मर्चेंट नेवी में था नीरज

आरोपी नीरज यादव मर्चेंट नेवी में था। वर्तमान में वह नौकरी छोड़ रखी है। सूत्रों के मुताबिक वह परीक्षाओं में सेंधमारी का काम कुछ वक्त से कर रहा है। इसके एवज में मोटी रकम वसूलता है। अब तक पुलिस की जांच में ये साफ नहीं हो सका है कि उसका नेटवर्क कहां तक है? उसको उत्तर कुंजी उपलब्ध कराने वाले उपाध्याय को उत्तर कुंजी किसने उपलब्ध कराई। पुलिस का दावा है कि ये भी सामने नहीं आ सका है कि आखिर उत्तर कुंजी उपलब्ध कराने के लिए सत्य अमन ने नीरज को कितनी रकम देने वाला था।

दबिश से पहले भाग निकला

मथुरा निवासी उपाध्याय का पूरा नाम पता आदि पुलिस को पता है। फिलहाल अभी उसकी पूरी जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई हैं। सूत्रों के मुताबिक उपाध्याय को जानकारी हो गई थी कि सत्य अमन पकड़ा गया है। इसलिए वह दबिश से ठीक पहले वह भाग निकला।

प्रिंटिंग प्रेस में रची गई साजिश, 18 फरवरी को वायरल हुई पर्ची

यूपी पुलिस अधिकारियों की मानें तो परीक्षा को लेकर किसी जिले से गड़बड़ी के सुराग नहीं मिले हैं। इससे आशंका जताई जा रही है कि इसकी साजिश प्रश्न पत्रों की छपाई करने वाली प्रिंटिंग प्रेस में रची गयी थी। वहां के कुछ कर्मचारियों ने पेपर की सेटिंग के दौरान प्रश्नों को नोट किया, जिसे बाद में अपने संपर्क में आए कुछ कोचिंग संस्थानों से लाखों रुपये लेकर सौंप दिया। अब एसटीएफ इसी दिशा में अपनी जांच आगे बढ़ाने की तैयारी में है।

-एजेंसी

Dr. Bhanu Pratap Singh