राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग NCPCR ने फिल्मों, टीवी, रियलिटी शो, सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफार्मों में बाल कलाकारों को शारीरिक और मनोवैज्ञानिक तनाव से बचाने के लिए दिशा-निर्देशों का मसौदा तैयार किया है.
मसौदे के तहत निर्माताओं को शूटिंग में बच्चे को शामिल करने के लिए जिला मजिस्ट्रेट से अनुमति लेनी होगी. ये अनुमति उस जिले के मजिस्ट्रेट से लेनी होगी जहां शूटिंग की जानी है. इसके साथ उन कामों के बारे में भी बताना होगा जिससे ये सुनिश्चित हो कि बच्चे के साथ दुर्व्यवहार या शोषण नहीं किया गया है.
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट में इस मसौदे के हवाले से कहा गया है कि बच्चे को लगातार 27 दिनों से अधिक काम करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. बच्चे को एक शिफ्ट में तीन घंटे के बाद ब्रेक दिया जाएगा. वहीं बच्चे को किसी ऐसे समझौते पर हस्ताक्षर नहीं करवाए जा सकते हैं जो बंधुआ मजदूर प्रणाली (उन्मूलन) अधिनियम का उल्लंघन करता हो.
निर्माता को यह सुनिश्चित करना होगा कि शूटिंग में लगे बच्चों की स्कूली शिक्षा प्रभावित न हो. मसौदे के अनुसार शूटिंग में लगे बच्चे की स्कूली शिक्षा ना छूटे उसके लिए निर्माता को एक प्राइवेट ट्यूटर से पढ़ाया जाएगा.
बच्चे को मिलने वाला पैसे की बीस फीसदी किसी राष्ट्रीय बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट होना चाहिए जिसे वो व्यस्क होने पर निकाल सके.
-एजेंसियां
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