पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर लाखों कर्मचारियों ने दिल्ली के राम लीला मैदान में भरी हुंकार – Up18 News

पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर लाखों कर्मचारियों ने दिल्ली के राम लीला मैदान में भरी हुंकार

NATIONAL

 

नई दिल्ली। देशभर के पुरानी पेंशन नीति बहाल करने की मांग को लेकर देशभर के केंद्र व राज्य सरकार के कर्मचारियों ने एक अक्टूबर को हुंकार भरी। दिल्ली के रामलीला मैदान में शंखनाद महारैली में शक्ति प्रदर्शन कर सरकार पर दबाव डालेंगे।

कर्मचारी पुरानी पेंशन को लेकर लगातार आंदोलन कर रहे हैं। इसी बीच आज 1 अक्टूबर को नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम के बैनर तले देशभर से लाखों कर्मचारियों दिल्ली के राम लीला मैदान पहुंचे हैं। अलग-अलग कर्मचारियों के संगठन ने सरकार के खिलाफ हल्ला बोल दिया है। इसी को लेकर कर्मचारी संगठन दिल्ली के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस रैली को पेंशन शंखनाद महारौली का नाम दिया गया है। इस रैली को देश के किसान और अन्य मजदूर संगठनों ने भी अपना समर्थन दिया है। इस प्रदर्शन के माध्यम से सभी एकजुट होकर पुरानी पेंशन को बहाल करने की मांग कर रहे हैं।

रामलीला मैदान में आज एक बार फिर से पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर देश भर के अलग-अलग राज्य जिसमें उत्तर प्रदेश, हरियाणा जैसे अलग-अलग राज्यों से शिक्षक डॉक्टर रेलवे अलग-अलग विभाग से कर्मचारी पहुंचे और सभी ने पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर सरकार को चेतावनी दी है। प्रदर्शन करने पहुंचे कर्मचारियों का कहना है कि कई राज्यों में वोट की चोट पर पुरानी पेंशन बहाल हुई है, लेकिन अगर केंद्र सरकार हमारी मांगे नहीं मानती है तो आने वाले 2024 के चुनाव में इसका नुकसान केंद्र सरकार को उठाना पड़ेगा और हमें उम्मीद है कि हमारी मांग सरकार मानेगी।

उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जगह से आए कर्मचारियों ने बताया कि सरकार नई पेंशन लागू कर रही है, लेकिन हम सरकार से पूछना चाहते हैं जो एक बार का सांसद या विधायक या पार्षद है, उसे जिंदगी भर पेंशन क्यों दी जाती है? इतना ही नहीं उसे तीन बार पेंशन अलग-अलग दी जाती है, लेकिन सिर्फ कर्मचारियों को पेंशन देने से सरकार कतरा रही है। यह दोहरी नीति बिल्कुल नहीं चलेगी। आज देश भर से यहां पर लोग इकट्ठा हुए हैं। सरकार अगर हमारी बातें मानती है तो ठीक, नहीं तो इस बार की चुनाव में सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।

Dr. Bhanu Pratap Singh