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भागवत कथा में हुआ कुछ ऐसा कि पुष्प वर्षा होने लगी, देखें तस्वीरें

REGIONAL RELIGION/ CULTURE

Agra, Uttar Pradesh, India. हर ओर उल्लास का माहौल था। जयघोष किए जा रहे थे। उपहारों का वितरण किया जा रहा था, एक दूसरे को कान्हा के जन्म की बधाइयां दी जा रही थीं। परिसर में गूंज रहा था-नंद के आनंद भए, जै कन्हैयालाल की।

महाराजा अग्रसेन भवन, लोहामंडी में माधवी अग्र महिला मंडल द्वारा कोरोना काल में दिवंगत लोगों की आत्मा की शांति के लिए श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। इसके चौथे दिन शनिवार को

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krishna janm के समय भावविभोर महिलाओं ने कान्हा के चरण स्पर्श किए

भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया गया। भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की व्यासपीठ से घोषणा करते ही श्रद्धालु पुष्प की वर्षा करने लगे। नंद के आनंद भए, जै कन्हैयालाल की, जयघोष से वातावरण गूंजायमान हो उठा। उससे पूर्व व्यासपीठ से पूज्य श्री नीरज नयन महाराज जी ने भगवान श्रीकृष्ण के जन्म रहस्य का वर्णन किया। धर्म, अर्थ, काम एवं मोक्ष की महत्ता पर विस्तार पूर्वक प्रकाश डाला।

उन्होंने कहा कि जब-जब पृथ्वी पर अत्याचार, दुराचार, पापाचार बढ़ता है, तब-तब प्रभु का अवतार होता है। प्रभु का अवतार अत्याचार को समाप्त करने और धर्म की स्थापना के लिए होता है। महाराज जी ने कहा कि जीवन में भागवत कथा सुनने का सौभाग्य मिलना बड़ा दुर्लभ है। जब भी हमें यह सुअवसर मिले, इसका सदुपयोग करना चाहिए। कथा का सुनना तभी सार्थक होगा, जब उसके बताए मार्ग पर चलकर परमार्थ का काम करेंगे। ईश्वर को अर्पण किया हुआ पत्र, पुष्प, समय, संपत्ति सब अनंत गुना होकर हमें प्राप्त होता है।

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कृष्ण जन्म होते ही स्वयं को नृत्य करने से रोक न सकीं महिलाएं।

हेमंत व रजनी अग्रवाल नन्द बाबा व यशोदा के स्वरूप बने। वामन अवतार की भूमिका में अद्वेत रहे। मुख्य यजमान  सुरेश अग्रवाल, शशि अग्रवाल ने भागवत पूजन किया।

आरती उतारने वालों में बीडी अग्रवाल (पुष्पांजलि), समाजसेवी राजेश खुराना, सहित्यसेवी भावना वरदान, पुष्पा अग्रवाल, मिट्ठनलाल अग्रवाल, डॉ. सुधा बंसल, महेशचंद, संजू अग्रवाल, पुष्पा अग्रवाल, उषा बंसल, राजकुमारी, प्रीति, बबीता, आभा जैन, वंदना, शशि अग्रवाल, रजनी अग्रवाल आदि थे। संस्था की सचिव उषा बंसल के अनुसार रविवार को गोवर्धन पूजन का प्रसंग सुनाया जाएगा। कथा का समय एक बजे से चार बजे तक है।

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कन्हा के दर्शन को व्याकुल हो उठे श्रद्धालु।

 

 

Dr. Bhanu Pratap Singh