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कोरोना के इलाज में होम्योपैथी और आयुर्वेद अपनाएं

HEALTH NATIONAL PRESS RELEASE REGIONAL

Agra, Uttar Pradesh, India. मनीष अग्रसेना और स्वदेशी सनातन संघ के उत्तर प्रदेश संयोजक मनीष अग्रवाल ने एक बयान जारी कर कहा है कि जन सामान्य स्वस्थ जीवन शैली के लिए आयुर्वेदिक एवं होम्योपैथिक चिकित्सक पद्धति को अपनाए। इससे धन बचेगा। स्वस्थ रहेंगे। परिवार को खुशहाल रखें l

उन्होंने कहा कि एलोपैथी चिकित्सा पद्धति शीघ्र स्वास्थ्य लाभ दिलाने के लिए अत्यंत उपयोगी और कारगार है, किन्तु बीमारी  को पूर्णतः कदापि समाप्त नहीं कर पाती । शरीर में एलोपैथिक दवाइयों के साइडइफेक्ट्स से अन्य बीमारी उत्पन्न होने का अत्यधिक खतरा बना रहता है। भारत के हजारों साल पुरानी  आयुर्वेदिक पद्धति से बीमारी समूल जड़ से नष्ट हो जाती है।

कोरोना के द्वितीय विनाश काल में कई रिसर्च से प्रमाणित हुआ कि कोरोना वायरस को आयुर्वेदिक पद्धति एवं जड़ी बूटी दवाई जैसे कि अश्वगंधा, नीम गिलोय, तुलसी, काली मिर्च, लॉन्ग अदरक आदि से पूर्णता लाभ प्राप्त कर काफी संख्या में लोग स्वस्थ हुए हैं। आगरा में ही नेमिनाथ आयुर्वेदिक हॉस्पिटल में डॉक्टर प्रदीप गुप्ता जी के द्वारा सैकड़ों मरीजों का सफल इलाज कर उन्हें पूर्णता स्वस्थ किया गया है।

एलोपैथिक चिकित्सा पद्धति इतनी महंगी है कि भारत के बहुत सारे परिवार अपना जमीन, खेत, घर बेचकर भी इलाज नहीं करा पाते। पूरा का पूरा परिवार भारी कर्जे की गिरफ्त में आ जाता है। दूसरी ओर आयुर्वेदिक एवं  होम्योपैथिक पद्धति बहुत ही सुलभ और सस्ती है । भारतीय जनता जानकारी के अभाव में इन भारतीय चिकित्सा पद्धतियों पर अविश्वास की भावना से ग्रसित है।