जानिए! आखिर क्यों लगी है भारत से दोस्‍ती के लिए खाड़ी देशों में बढ़ती होड़

लेख

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खाड़ी के दो सबसे अहम देशों संयुक्‍त अरब अमीरात और कतर के दौरे की शुरुआत कर रहे हैं। पीएम मोदी यूएई के अबूधाबी शहर में जहां भव्‍य हिंदू मंदिर का उद्घाटन करेंगे वहीं वह अहलान मोदी कार्यक्रम में हजारों भारतीयों को संबोधित करेंगे। यह पीएम मोदी की यूएई की सातवीं यात्रा है। इसके बाद पीएम मोदी कतर के दौरे पर जाएंगे। कतर ने भारत के पूर्व नौसैनिकों को रिहा कर दिया है और इसके ठीक बाद पीएम मोदी की यात्रा को काफी अहम माना जा रहा है।

इससे पहले खाड़ी के ही सबसे अहम देश सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्‍मद बिन सलमान जी-20 बैठक के दौरान भारत के राजकीय दौरे पर आए थे। भारत से दोस्‍ती के लिए खाड़ी देशों में बढ़ती होड़ को विशेषज्ञ हिंदुस्‍तान की बढ़ती ताकत से जोड़कर देख रहे हैं।

पश्चिम एशियाई मामलों के विशेषज्ञ कमर आगा का कहना है कि खाड़ी देशों की भारत में बढ़ती दिलचस्‍पी की एक सबसे बड़ी वजह भारतीय हैं। खाड़ी देशों में 75 लाख के करीब भारतीय काम करते हैं और हर साल यहां से करीब 40 अरब डॉलर विदेशी मुद्रा भारत आती है। इसके अलावा भारत का खाड़ी देशों के साथ व्‍यापार 150 अरब डॉलर तक पहुंच गया है जो लगातार बढ़ रहा है। इनमें से एक बड़ा सेक्‍शन खाड़ी देशों में बिजनेस करता है। इन भारतीयों के बिजनेस काफी बड़े हैं। इन लोगों ने यूएई में बहुत लंबे समय से मंदिर बनाए जाने की मांग की थी। इसे अब यूएई ने पूरा कर दिया है। इसके अलावा भारत और खाड़ी देशों के बीच इस्‍लाम के आने से पहले हजारों साल से ही बहुत अच्‍छा रिश्‍ता रहा है।

खाड़ी देशों के साथ भारत की दोस्‍ती हजारों साल पुरानी

आगा ने कहा कि खाड़ी देश तेल से मालामाल हैं और भारत यूक्रेन युद्ध से पहले तक 75 फीसदी तेल इन्हीं खाड़ी देशों से खरीदता था। अब भी भारत बहुत बड़े पैमाने पर तेल खाड़ी देशों से खरीदता है। भारत कतर के गैस का सबसे बड़ा खरीदार है। भारत ने कतर के साथ अरबों डॉलर की डील की है। खाड़ी देशों में भारत की बहुत अच्‍छी छवि रही है। पहले विश्‍वयुद्ध के बाद फलस्‍तीन के मुद्दे पर अरब देशों के रुख के साथ रहा।

गांधी जी और नेहरू जी ने फलस्‍तीनी लोगों का समर्थन किया। यहूदियों के फलस्‍तीन में आने का भारत ने विरोध किया। गांधी जी ने कहा कि फलस्‍तीन अरब लोगों का है। इससे अरब जगत में भारत की बहुत अच्‍छी छवि बनी। भारत की नीति खाड़ी देशों के प्रति बहुत अच्‍छी रही।

भारतीय विशेषज्ञ ने कहा कि भारत ने खाड़ी देशों के आंतरिक मामलों में कभी भी हस्‍तक्षेप नहीं किया। मुस्लिम देशों के झगड़े में भारत कभी भी शामिल नहीं रहा। भारत अरब देशों के विकास के प्‍लान का समर्थक रहा है। कमर आगा ने कहा कि एक चीज और महत्‍वपूर्ण है कि भारत की अर्थव्‍यवस्‍था बहुत मजबूत हो रही है और करीब 4 ट्रिलियन तक पहुंच गई है। विश्‍वबैंक का अनुमान है कि भारत की अर्थव्‍यवस्‍था आने वाले समय में आगे भी बढ़ती रहेगी।

खाड़ी देश भारत में निवेश कर रहे हैं और भारत का भी निवेश इन देशों में बढ़ रहा है। सऊदी अरब ने अमेरिका में आर्थिक मंदी के बाद पूरब की ओर देखो नीति बनाई। इसके बाद उसने भारत, जापान, दक्षिण कोरिया और चीन के साथ रिश्‍ते मजबूत करने शुरू किए।

पाकिस्‍तान से उठा खाड़ी देशों का भरोसा

कमर आगा ने कहा कि भारतीय वर्कर का खाड़ी देशों में जहां सम्‍मान है, वहीं पाकिस्‍तान से उनका भरोसा हट गया है। सऊदी अरब ने हूतियों की जंग में जब पाकिस्‍तान से मदद मांगी तो उसने मदद से इंकार कर दिया। पाकिस्‍तानी नागरिक सऊदी अरब में अपराध में शामिल हो जाते हैं। भारतीय वर्कर वहां अच्‍छे से रहता है और काम करता है।

भारत की बॉलीवुड फिल्‍म इंडस्‍ट्री भी बहुत पॉपुलर हैं। इससे पहले राजकपूर बहुत पॉपुलर थे। इससे खाड़ी देशों के लोगों और भारतीयों के बीच रिश्‍ते बहुत अच्‍छे हो गए। उन्‍होंने कहा कि कतर के साथ भारत के रिश्‍ते बहुत अच्‍छे होने जा रहे हैं।

-एजेंसी

Dr. Bhanu Pratap Singh