टेरर फंडिंग केस में कश्मीरी अलगाववादी यासीन मलिक को उम्रकैद की सजा और 10 लाख का जुर्माना, श्रीनगर में मोबाइल एवं इंटरनेट सेवा बंद

टेरर फंडिंग केस में कश्मीरी अलगाववादी यासीन मलिक को उम्रकैद की सजा और 10 लाख का जुर्माना, श्रीनगर में मोबाइल एवं इंटरनेट सेवा बंद

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कश्मीरी अलगाववादी यासीन मलिक को टेरर फंडिंग केस में आईपीसी की 121 के तहत उम्रकैद की सजा सुनाई गई। यूएपीए की धारा 18 में यासीन मलिक को 10 साल की सजा मिली है। यासीन मलिक की सभी सजा एक साथ चलेंगी। उधर श्रीनगर के मैसूमा में विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं। यासीन मलिक के समर्थक सुरक्षाबलों पर पथराव कर रहे हैं। श्रीनगर में मोबाइल इंटरनेट बंद कर दिया गया है।
जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के प्रमुख मलिक ने टेरर फंडिंग केस के एक मामले में सभी आरोप स्वीकार कर लिए थे, जिनमें गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम कानून (UAPA) के तहत आरोप भी शामिल हैं। इस बीच केस की जांच कर रही एनआईए ने यासीन मलिक को सजा-ए-मौत यानी फांसी की मांग की है। दिल्ली की स्पेशल एनआईए कोर्ट ने इस मामले में 19 मई को यासीन को दोषी करार दिया था।
इससे पहले मलिक ने अवैध गतिविधियां (रोकथाम) कानून (UAPA) के तहत लगाए गए आरोपों समेत सभी आरोपों को स्वीकार कर लिया था। यासीन मलिक के गुनाहों की लिस्ट काफी लंबी है और उसके दिए दर्द से भारत के कई परिवार आज भी तड़प रहे हैं। यासीन मलिक ने कैमरे के सामने भी अपने गुनाहों को कबूल किया है। दूसरी ओर पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान है, जो यासीन मलिक की सजा से पहले ही आंसू बहा रहा है। सांसद, क्रिकेटर, पत्रकार इसे मानवाधिकारों का उल्लंघन बता रहे हैं।
यासीन मलिक का भी पाकिस्तान प्रेम किसी से छिपा नहीं है। साल 2013 में यासीन मलिक और लश्कर ए तैयबा चीफ हाफिज सईद दोनों पाकिस्तान में भूख हड़ताल पर बैठे। अफजल गुरु को फांसी दिए जाने विरोध में पाकिस्तान में विरोध प्रदर्शन आयोजित किया गया था। भारत में इसको लेकर काफी हंगामा भी हुआ। विवाद बढ़ने के बाद यासीन मलिक की ओर से कहा गया कि मैं पाकिस्तान आया था, इस बीच अफजल गुरु के फांसी की खबर आई गई। मैंने इस्लामाबाद में प्रेस क्लब के सामने 24 घंटे की भूख हड़ताल का ऐलान किया।
25 जनवरी 1990 को श्रीनगर के बाहरी इलाके रावलपोरा में आतंकियों ने वायुसेना के जवानों पर हमला किया। इस घटना में 40 लोग घायल हुए थे, जबकि चार जवान शहीद हो गए थे। वायुसेना के जवान एयरपोर्ट जाने के लिए बस का इंतजार कर रहे थे तभी आतंकियों ने उन पर हमला कर दिया था। यासीन मलिक ने अंतर्राष्ट्रीय मीडिया को दिए इंटरव्यू में भी इस बात का जिक्र किया था।
-एजेंसियां

Dr. Bhanu Pratap Singh