Vikas Dubey

Breaking विकास दुबे प्रकरण की जांच SIT को, जानिए किन बिन्दुओं पर होगी इनवेस्टीगेशन

Crime REGIONAL

संजय भूसरेड्डी को अध्यक्ष बनाया, हरिराम शर्मा और जे रवीन्द्र गौड़ को सदस्य बनाया गया

विकास दुबे के खिलाफ 60 अभियोग दर्ज फिर भी लाइसेंसी हथियार थे, आखिर कैसे मिल गए

पुलिस कर्मचारियों की मिलीभगत, फाइनेंसर्स की संपत्तियों न आय के स्रोत की जांच भी शामिल

Lucknow (Uttar Pradesh, India)। जनपद कानपुर नगर में विकास दुबे ने यूपी पुलिस के नौ जवानों की हत्या कर दी। इनमें पुलिस क्षेत्राधिकारी भी शामिल हैं। इस घटना के सम्बन्ध में शासन द्वारा विशेष अनुसंधान दल से कराने का निर्णय लिया गया है। इस सम्बन्ध में अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता में विशेष अनुसंधान दल (एस0आई0टी0) का गठन किया गया है। अपर पुलिस महानिदेशक हरिराम शर्मा तथा पुलिस उपमहानिरीक्षक जे0 रवीन्द्र गौड़ को एस0आई0टी0 का सदस्य नामित किया गया है। विशेष अनुसंधान दल प्रकरण घटना से जुड़े विभिन्न बिन्दुओं और प्रकरण की गहन अभिलेखीय व स्थलीय जांच सुनिश्चित करते हुए 31 जुलाई, 2020 तक जांच आख्या शासन को उपलब्ध कराएगा।

जांच के बिन्दु
पूरे घटनाक्रम की पृष्ठभूमि में आये कारणों जैसे अभियुक्त विकास दुबे के विरुद्ध जितने भी अभियोग प्रचलित हैं, उन पर अब तक क्या प्रभावी कार्यवाही की गयी? इसके तथा इसके साथियों को सजा दिलाने हेतु कृत कार्यवाही क्या पर्याप्त थी? इतने विस्तृत आपराधिक इतिहास वाले अपराधी की जमानत निरस्तीकरण की दिशा में क्या कार्यवाही की गयी? मु0अ0सं0-65/2020 के आलोक में जमानत निरस्तीकरण की कार्यवाही क्यों नहीं की गयी?

कितनी जनशिकायतें आईं  

अभियुक्त विकास दुबे के विरूद्ध कितनी जन-शिकायतें आयीं और उन पर थानाध्यक्ष चौबेपुर द्वारा तथा जनपद के अन्य अधिकारियों द्वारा क्या जांच की गयी व पाये गये तथ्यों के आधार पर क्या कार्यवाही की गयी इसका विस्तृत परीक्षण करना।

इन मामलों में क्या कार्रवाई

अभियुक्त विकास दुबे तथा उसके साथियों के विरूद्ध गैंगेस्टर एक्ट, गुण्डा एक्ट, एन0एस0ए0 आदि अधिनियमों के अन्तर्गत क्या कार्यवाही की गयी तथा यदि कार्यवाही किये जाने में लापरवाही रही तो किस स्तर पर लापरवाही रही?

सीडीआर का परीक्षण
अभियुक्त विकास दुबे एवं उसके साथियों के पिछले 01 वर्ष के सी0डी0आर0 का परीक्षण करना एवं उसके सम्पर्क में आये सभी पुलिस कर्मियों के विरुद्ध संलिप्तता की साक्ष्य मिलने की दशा में उपयुक्त एवं कडी कार्यवाही करने की अनुशंसा करना।

हथियार कहां से आए 

घटना के दिन क्या अभियुक्तों के पास उपलब्ध हथियारों एवं उसके फायर पावर के विषय में सूचना संकलन में लापरवाही की गयी। यह किस स्तर पर हुई, क्या थाने में इसकी समुचित जानकारी नहीं थी। इस तथ्य को भी जांच करना एवं दोषी यदि कोई हो तो चिन्ह्ति करना।

लाइसेंसी हथियार कैसे मिले

विकास दुबे एवं उसके साथियों के पास शस्त्र लाइसेंस एवं शस्त्र होना ज्ञात हुआ है। यह देखा जाना होगा कि इतने अधिक अपराधों में संलिप्त रहने के बाद भी इनका हथियार का लाइसेंस किसके द्वारा एवं कैसे दिया गया और लगातार अपराध करने के बाद भी यह लाइसेंस और हथियार उसके पास कैसे बना रहा?

स्थानीय पुलिस की भूमिका
अभियुक्त विकास दुबे एवं उसके साथियों के द्वारा अवैध रूप से अर्जित सम्पत्ति, व्यापारों एवं आर्थिक गतिविधियों का परीक्षण करते हुए उनके संबंध में युक्तियुक्त अनुशंसाएं करना तथा यह भी इंगित करना कि स्थानीय पुलिस ने इस मामले में किसी प्रकार की ढिलाई, लापरवाही या संलिप्तता तो प्रदर्शित नहीं की एवं यदि ऐसा हुआ है, तो किस स्तर के अधिकारी दोषी है?

सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे में अफसरों की भूमिका
अभियुक्त विकास दुबे एवं उसके साथियों के द्वारा क्या सरकारी तथा गैर सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा किया गया है? यदि हां तो इसमें क्या अधिकारियों की भी भूमिका है तथा वह अधिकारी कौन-कौन है, उनका उत्तरदायित्व निर्धारित किया जाय। अवैध कब्जा हटवाना जिन अधिकारियों की जिम्मेदारी थी, यदि उनके द्वारा अवैध कब्जा नही हटवाया गया है तो उनका भी उत्तरदायित्व निर्धारित किया जाना सुनिश्चित किया जाय।

पुलिसकर्मियों की मिलीभगत
प्रकरण के अभियुक्तों व उनके साथियों के साथ पुलिस कर्मियों की संलिप्तता तथा अभियुक्तों व उनके फाइनेंन्सर्स की सम्पत्तियों व आय के स्रोतों की जांच प्रवर्तन निदेशालय तथा आयकर विभाग से कराने पर भी विशेष अनुसंधान दल (एस0आई0टी0) द्वारा अभिमत उपलब्ध किया जाय।