Lucknow (Uttar Pradesh, India)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घर-घर मेडिकल स्क्रीनिंग में संदिग्ध लक्षणों वाले लोगों का सैम्पल लेकर टेस्ट कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि जांच के पश्चात अस्वस्थ पाए गए लोगों के समुचित उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
मुख्यमंत्री आज यहां अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्च स्तरीय बैठक में अनलाॅक व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कोविड-19 से बचाव ही इस रोग का उपचार है। इसलिए मास्क का उपयोग तथा सोशल डिस्टेंसिंग अत्यन्त महत्वपूर्ण है। उन्होंने लोगों को कोविड-19 के बचाव के सम्बन्ध में निरन्तर जागरूक किए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि इसके लिए पब्लिक एड्रेस सिस्टम, पोस्टर-बैनर के साथ-साथ प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का उपयोग किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने टेस्टिंग क्षमता में निरन्तर वृद्धि किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि आर0टी0पी0सीआर0 विधि से 30 हजार टेस्ट प्रतिदिन, रैपिड एन्टीजन टेस्ट के माध्यम से 15 हजार से 20 हजार टेस्ट प्रतिदिन तथा ट्रूनैट मशीन के द्वारा 2 हजार टेस्ट प्रतिदिन किए जाएं। उन्होंने कोविड चिकित्सालयों में बेड की संख्या में बढ़ोत्तरी करने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि बिना लक्षण वाले कोविड संक्रमित मरीजों को एल-1 कोविड चिकित्सालय में उपचारित किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनपद कानपुर नगर, झांसी व मथुरा में विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। उन्होंने निर्देश दिए कि जनपद झांसी में विशेष सचिव स्तर के नोडल अधिकारी तथा स्वास्थ्य विभाग एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी संक्रमण को नियंत्रित करने की प्रभावी रणनीति तैयार करें। उन्होंने कहा कि संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए ट्रेन व हवाई जहाज से आने वाले यात्रियों की मेडिकल स्क्रीनिंग की बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने पुलिस व पी0ए0सी0 कार्मिकों को संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए सभी आवश्यक उपाय किए जाने के निर्देश दिए।
स्वच्छता को जीवनचर्या का अंग बनाए जाने पर बल देते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि साफ-सफाई अनेक बीमारियों से लोगों सुरक्षित रखती है। स्वच्छता के कार्यों में जनसहभागिता की बड़ी भूमिका है। उन्होंने ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में सेनिटाइजेशन, फॉगिंग एवं स्वच्छता की प्रभावी कार्यवाही किए जाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि कहीं भी जलभराव न हो। शुद्ध पेयजल हेतु पाइप पेयजल योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन किया जाए। पीने के पानी में क्लोरीन की टैबलेट आदि का उपयोग किया जाए। ग्राम पंचायतों में तेजी से सामुदायिक शौचालयों का निर्माण कराया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक ग्राम पंचायत में सॉलिड वेस्ट के लिए खाद का गड्ढा अनिवार्य रूप से तैयार किया जाए। इस प्रक्रिया से जहां एक ओर गांव में साफ-सफाई रहेगी, वहीं दूसरी ओर किसानों को जैविक खाद भी मिलेगी। उन्होंने टिड्डी दल पर प्रभावी नियंत्रण के लिए सभी जरूरी कदम उठाने के निर्देश देते हुए कहा कि यह सुनिश्चित करें कि किसानों को कोई हानि न हो। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के प्रोटोकाॅल का पालन करते हुए औद्योगिक इकाइयों का संचालन सुनिश्चित किया जाए।
इस अवसर पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना, स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह, मुख्य सचिव आर0के0 तिवारी, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त आलोक टण्डन, कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं गृह अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव वित्त संजीव मित्तल, अपर मुख्य सचिव राजस्व रेणुका कुमार, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एस0पी0 गोयल, पुलिस महानिदेशक हितेश सी0 अवस्थी, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद, अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा रजनीश दुबे, अपर मुख्य सचिव ग्राम्य विकास तथा पंचायतीराज मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री संजय प्रसाद, सचिव मुख्यमंत्री आलोक कुमार एवं सूचना निदेशक शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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