रामभद्राचार्य

जगदगुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने आगरा में की रामराज्य की स्थापना, स्वामी जी को भारत रत्न दिया जाएः कठेरिया

RELIGION/ CULTURE

आगरा से विदा होते होते समय रामभद्राचार्य हो गए भावुक

मंगल चाहिए तो सुंदरकांड पाठ करने का व्रत ले लो चकाचक

11 अप्रैल को कोठी मीना बाजार मैदान पर विश्व शांति यज्ञ

खूब प्रचार करने के बाद भी नहीं आए धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री

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Agra, Uttar Pradesh, India.  जय श्री राम सेवा समिति की ओर से आयोजित श्रीराम कथा का समापन श्री राम का राज्याभिषेक और रामराज्य की स्थापना के साथ हुआ। रामकथा नौ दिन तक चित्रकूट धाम कोठी मीना बाजार (सीता बाजार) पर हुई। धर्म चक्रवर्ती पद्मविभूषण तुलसी पीठाधीश्वर जगदगुरु स्वामी रामभद्राचार्य महाराज ने कहा कि आगरा में ठाकुर श्याम बिहारी जी मंदिर के लिए भूमि क्रय करने के बाद मैं भूमि पूजन करने आगरा आऊंगा और श्रीमद् भागवत कथा भी सुनाऊंगा। श्री राम और श्रीकृष्ण में कोई अंतर नहीं है। एक मर्यादा पुरुषोत्तम हैं तो एक लीला में है। भारत को विकसित बनाना है तो रामकथा की शरण में जाना पड़ेगा।

 

साधु की महिमा

रामभद्राचार्य महाराज ने कहा कि साधु बनने को भगवान को भी लालच आता है। एक तो साधु घर वाली मारती है तब बनता है, दूसरा जब उसकी बैटरी डिस्चार्ज हो जाती है तब यह साधु बन जाता है और हम लोग तो बालकालीन साधु हैं।

 

मंगल चाहिए तो सुंदरकांड का पाठ करो

संत के पास अभिमान नहीं होता। राम जी ने हनुमान जी से पूछा लंका कैसे जलाई तब हनुमान जी ने कहा- लंका आपने जलाई। उन्होंने श्रद्धालुओं से कहा कि मंगल चाहिए तो सुंदरकांड का पाठ करो और व्रत ले लो चकाचक। राम नाम का विश्वास हो जाए तो सारे सागर पार हो जाते हैं। स्वामी जी ने कहा कि जितनी बार जन्म देना हो उतनी बार देना पर आंख मत देना। सारे पापों की जड़ आंख ही है।

 

ऐसे ली विदा

पद्म विभूषण स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज ने कहा कि आगरा को छोड़कर जाने से मैं भावुक हो रहा हूं। ऐसा लग रहा है जैसे पिता अपने बच्चों को छोड़ कर जा रहा है। फिर उन्होंने ‘रहेगा ना चंदा ना तारे रहेंगे परंतु आगरा वालो हम तुम्हारे रहेंगे’ पंक्तियों के साथ आगरा में अपनी वाणी को विराम दिया।

राम कथा
राम कथा में रामायण का पूजन करते डॉ. मृदुला कठेरिया, डॉ. रामशंकर कठेरिया, शालिनी जैन और धन कुमार जैन।

फ्लैश लाइट पर हुई आरती

श्रीराम कथा के समापन की आरती मोबाइल की फ्लैश लाइट जला कर की गई। मोबाइल की लाइट से पूरा पंडाल का मनोरम दृश्य सबको आकर्षित कर रहा था।

 

मंच से उठी भारत रत्न देने की मांग

उत्तर प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना के सामने सांसद कठेरिया ने रामभद्राचार्य महाराज को  भारत रत्न देने की मांग उठाई तो श्रद्धालुओं ने भी एक सुर में उनकी आवाज प्रखर की।

 

मंच पर भावुक हो गए सांसद कठेरिया

मंच से आभार व्यक्त करते हुए जब सांसद कठेरिया तब भावुक हो गए जब महाराज जी को विदाई का समय आया। उनका गला भर आया और इस दौरान श्रद्धालु भी उन्हें विदाई देते समय अपने को भावुक होने से रोक न सके।

 

दृष्टिहीन बालक ने भेंट की अपनी सभी गुल्लक

पश्चिमपुरी निवासी अरविंद सिंह के दृष्टिहीन बालक विठ्ठल सिंह इंदौलिया ने प्रेमनिधि मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए अपनी दस गुल्लक मंदिर के लिए स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज को भेट कर दी। उन्होंने वो सभी गुल्लक डा. मृदुला कठेरिया को सौंप दी।

रामकथा
रामकथा में उपस्थित श्रद्धालु।

11 अप्रैल को विश्व शांति यज्ञ

बुधवार को कथा स्थल पर प्रातः 9 बजे से विश्व शांति के लिए हवन व यज्ञ का आयोजन होगा। उसके उपरांत प्रातः 10 बजे से भोजन प्रसादी का आयोजन किया जाएगा।

 

ये रहे यजमान

मुख्य यजमान धनकुमार जैन- शालिनी जैन रही। दैनिक यजमान गोपाल बंसल, विशाल मित्तल, प्रवीन बंसल, टीकम सिंह तोमर, सुरेंद्र सिंह त्यागी, मोहित शिवहरे, पप्पू चौहान, प्रशांत मित्तल, राहुल गोयल, संजीव अग्रवाल और आशीष अग्रवाल रहे।

 

ये रहे मौजूद

आयोजक प्रो. रामशंकर कठेरिया, डॉ. मृदुला कठेरिया, मीडिया प्रभारी विमल कुमार, अजय गर्ग, गौरव बंसल, केशव अग्रवाल, हरी नारायण चतुर्वेदी, सुशीला चौहान, सुरेंद्र चौधरी, राकेश अग्रवाल, दिनेश अग्रवाल, ममता शर्मा, निधि बंसल, रजनी अग्रवाल, रेखा अग्रवाल आदि मौजूद रहे।

मुख्य यजमान, प्रमुख सराफा कारोबारी और समाजसेवी धनकुमार जैन ने बताया कि राम कथा क्यों सुननी चाहिए

Dr. Bhanu Pratap Singh