rainbow IVF

रेनबो आई.वी.एफ. में 3 मरीजों का In vitro fertilization होगा Free

HEALTH REGIONAL

– 25 साल पहले आगरा में जन्मा था उत्तर प्रदेश का पहला टेस्ट ट्यूब बेबी

– 9 साल पहले शुरू हुआ था रेनबो आईवीएफ, अब तक कराईं 12501 प्रेग्नेंसी

Agra, Uttar Pradesh, India. रेनबो आईवीएफ (In vitro fertilization) में मंगलवार का दिन खुशियां भरा रहा। चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों ने एक-दूसरे को शुभकामनाएं दीं। दरअसल रेनबो आईवीएफ अब तक आगरा में 12500 से अधिक निसंतान दंपतियों के सपने पूरे कर चुका है। इस अवसर पर सेलिब्रेट किया गया। घोषणा की गई कि एक सप्ताह तक उपचार के लिए आने वाले सभी दंपतियों के नाम की पर्ची डाली जाएंगी, लकी ड्रॉ के जरिए तीन मरीजों की आईवीएफ साइकिल मुफ्त की जाएगी। लकी ड्रॉ शनिवार को खुलेगा, सभी मरीज लकी ड्रॉ के लिए आवेदन कर सकते हैं।

रेनबो आईवीएफ की निदेशक डॉ. जयदीप मल्होत्रा ने बताया कि दुनिया की पहली टेस्ट ट्यूब बेबी लुईस ब्राउन का जन्म 1978 में 25 जुलाई को हुआ था और भारत की 06 अगस्त 1986 को। इसके 11 साल बाद आगरा के मल्होत्रा टेस्ट ट्यूब बेबी सेंटर में उत्तर प्रदेश का पहला आईवीएफ शिशु जन्मा। डॉ. नरेंद्र मल्होत्रा और डॉ. जयदीप मल्होत्रा के प्रयासों से उत्तर प्रदेश के पहले टेस्ट ट्यूब बेटी का जन्म कराया गया। इस तरह आगरा के इतिहास में 25 वर्ष पूर्व 01 अगस्त 1998 को विज्ञान की एक बड़ी उपलब्धि दर्ज हुई।

डॉ. नरेंद्र मल्होत्रा ने बताया कि इसके बाद यह पद्धति आगरा ही नहीं बल्कि प्रदेश भर के दंपतियों के लिए एक वरदान साबित हुई। पहले आईवीएफ शिशु के जन्म की खबर फैलते ही इस नई प्रणाली के जरिए संतान प्राप्त करने की इच्छा जाहिर होने लगी। तमाम ऐसे दंपति संपर्क करने लगे जिन्हें प्राकृतिक रूप से माता-पिता बनने में दिक्कतें पेश आ रही थीं। उत्सव के दो महीने बाद ही मल्होत्रा टेस्ट ट्यूब बेबी सेंटर में ही दूसरे आईवीएफ बेबी ने जन्म लिया और वर्ष 2013 तक यहां बांझपन के इलाज से 2000 से अधिक दम्पतियों के सपने पूरे किए गए।

मल्होत्रा दंपति द्वारा शुरू किया गया यह कारवां धीरे-धीरे बढ़ने लगा और वर्ष 2013 में ही आगरा में रेनबो आईवीएफ सेंटर की स्थापना के बाद इस केंद्र की नेपाल, बांग्लादेश, लुधियाना, जालंधर, हिसार, दिल्ली, बरेली, इलाहाबाद, वाराणसी आदि 18 शाखाओं को मिलाकर करीब 20000 से अधिक आईवीएफ शिशुओं का जन्म कराया जा चुका है। डॉ. जयदीप मल्होत्रा की देखरेख में यहां डॉ. के शव मल्होत्रा, डॉ. नीहारिका मल्होत्रा, डॉ. शैली गुप्ता, डॉ. नीरजा सचदेव की सर्वश्रेष्ठ टीम काम कर रही है।

Dr. Bhanu Pratap Singh