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‘हिन्दी से न्याय’ के लिए उत्तर प्रदेश में 10 लाख हस्ताक्षर कराए जाएंगे

NATIONAL PRESS RELEASE REGIONAL

शिक्षाविद डॉ. देवी सिंह नरवार दूसरी बार उ.प्र. संचालन समिति के प्रान्त प्रमुख घोषित

Agra, Uttar Pradesh, India. सर्वोच्च न्यायालय एवं 25 उच्च न्यायालयों में हिन्दी व अन्य भारतीय भाषाओं में कामकाज लागू कराने के लिए ‘हिन्दी से न्याय’ अभियान तीन दशक से कार्य कर रहा है। इस देशव्यापी अभियान के प्रणेता हैं न्यायविद चन्द्रशेखर उपाध्याय। उनका कहना है कि संविधान के अनुच्छेद 348 में संशोधन होते ही न्यायालयों में हिन्दी में कामकाज होने लगेगा। इसी कारण हिन्दी से न्याय को सार्थक बनाने के लिए केन्द्रीय अधिष्ठाता मंडल, केन्द्रीय अमात्य मंडल और केन्द्रीय संचालन मंडल का गठन किया है।

केन्द्रीय संचालन मण्डल की बैठक में शिक्षाविद् डॉ. देवी सिंह नरवार को दूसरी बार वृहद उत्तर प्रदेश की संचालन समिति का प्रान्त प्रमुख घोषित किया है। उन्हें केन्द्रीय संचालन समिति में भी रखा है। केन्द्रीय संचालन समिति की सम्पन्न बैठक में लिये गये निर्णय की जानकारी देते हुए उ0प्र0 संचालन समिति के प्रान्त प्रमुख डॉ. देवी सिंह नरवार ने बताया कि वृहद उत्तर प्रदेश को चार प्रान्तों में विभक्त कर उनके अलग-2 प्रान्त प्रमुख बनाये गये है। हाईकेार्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रवीण श्रीवास्तव को पूर्वाचंल प्रान्त, समाजसेवी आशा सिंह चौधरी को पश्चिमांचल प्रान्त, प्रख्यात ज्योतिषाचार्य डॉ. चन्द्रेश कौशिक को दक्षिणांचल प्रान्त था श्री राजीव शर्मा निस्पृह को विध्यांचल प्रान्त का प्रान्त प्रमुख बनाया गया है।

डॉ. नरवार ने  बताया है भारतीय संविधान के अनुच्छेद 348 में हस्ताक्षर अभियान चलाकर संशोधन कराने के लिए समर्थन जुटाया जा रहा है। ‘‘हस्ताक्षर अभियान‘‘ के तहत उत्तर प्रदेश में दस लाख हस्ताक्षर कराने का लक्ष्य रखा है। अब तक बीस हजार हस्ताक्षर कराये जा चुके है। अगले दो माह में हस्ताक्षर का लक्ष्य प्राप्त कर लिया जायेगा।

डॉ. देवी सिंह नरवार ने बताया कि संविधान के अनुच्छेद 348 में संशोधन हेतु पुनः राष्ट्रीय सहमति बनाई जाएगी। इसके लिए देश के लगभग 22 से अधिक राजनीतिक दलों के शीर्ष नेतृत्व से वार्ता कर पुनः नया समर्थन माँगा जायेगा। जिसके लिए संवाद विस्तारक नियुक्त किए गए हैं। संवाद विस्तारकों की टोली के गठन का जिम्मा विनायक कुलाश्री को सौंपा गया है। शीघ्र ही संवाद विस्तारकों की एक टोली भारत के प्रधानमंत्री व लोकसभा अध्यक्ष से भी मिलेगी। इसके लिए पीएमओ व लोकसभा अध्यक्ष कार्यालय से समय माँगा गया है। यह टोली भारत के प्रधानमंत्री व लोकसभा अध्यक्ष से संसद का विशेष सत्र बुलाने की माँग करेगी। साथ ही यह भी माँग करेगी कि अनुच्छेद 348 में संशोधन हेतु संसद के दोनों सदन सामूहिक संकल्प पारित करें।