आंध्र प्रदेश के अनकापल्ली जिले के कोटावुराटला मंडल के कैलासा पटनम में एक धार्मिक संगठन (आराधना ट्रस्ट) की तरफ से संचालित छात्रावास में मिलावटी खाना खाने के कारण चार बच्चों की मौत हो गई। जानकारी के मुताबिक अभी अनकापल्ली और विशाखापत्तनम जिलों के कई अस्पतालों में मिलावटी खाना खाने से बीमार पड़े कुल 37 बच्चों का इलाज चल रहा है।
मामले में अनकापल्ली कलेक्टर विजय कृष्णन ने बताया कि ये घटना जिले के कोटावुराटला मंडल के कैलासा गांव में हुई है। वहीं इस घटना पर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने गहरा दुख व्यक्त किया। मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने अनकापल्ली जिला कलेक्टर विजय कृष्णन को अन्य प्रभावित बच्चों के लिए बेहतर उपचार प्रदान करने का निर्देश दिया, जिनका वर्तमान में कई अस्पतालों में इलाज चल रहा है।
मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने इस घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं और उनके निकटतम परिजनों या अभिभावकों को 10-10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि भी दी। यह घटना शनिवार को कोटौराटला मंडल के अनकापल्ली जिले के कैलाश गांव में हुई थी। एक अधिकारी ने बताया कि यहां अनाथालय 37 बच्चे दूषित बिरयानी खाने से बीमार पड़ गए थे। उनमें से पांच को सोमवार सुबह गंभीर हालत में विशाखापत्तनम केजीएच में भर्ती कराया गया। उनमें से चार की स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं के कारण मौत हो गई और अन्य प्रभावित बच्चों का अभी इलाज चल रहा है।
उधर, मानव संसाधन विकास मंत्री नारा लोकेश ने बताया कि मृतकों की पहचान हो गई है। सोशल मीडिया में उन्होंने कहा, मैंने अधिकारियों को अनकापल्ली क्षेत्र के अस्पताल में इलाज करा रहे 17 छात्रों को बेहतर उपचार देने का निर्देश दिया है। सरकार मृतक बच्चों के परिवारों के साथ खड़ी है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
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