Mathura (Uttar Pradesh, India)। विश्व प्रसिद्ध द्वारिकाधीश मंदिर Dwarkadhish Mandir के कपाट 77 दिन बाद खुल गए हैं। ठाकुर द्वारकाधीश जी महाराज Dwarkadhish Maharaj के दर्शन किए जा सकते हैं। मंदिर खुलने का समय बदल गया है। दर्शन के दौरान कई तरह के प्रतिबंध लगाए गए हैं। श्रद्धालुओं से आग्रह किया गया है कि नियमों का पालन करें। तीन तरह के श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगाई गई है।
दिन में दो बार दर्शन
कोरोना वायरस की महामारी में केंद्र सरकार व प्रदेश सरकार की गाइड लाइन के अनुरूप मंदिरों को 25 मार्च को बंद किया गया था। आठ जून से जिला प्रशासन द्वारा केंद्र सरकार राज्य सरकार की गाइडलाइन के तहत मंदिर खोलने की अनुमति दी गई थी। इसके बाद मंदिर के गोस्वामी 108 बृजेश कुमार महाराज व काकरोली युवराज डॉ. वागीश कुमार महाराज के निर्देशानुसार सभी गाइड लाइनों पर विचार करते हुए 10 जून से प्रातः 9:30 से 11:00 बजे तक सुबह और शाम को 6:00 बजे से 7:00 बजे तक भक्तों के लिए दर्शन खोले गए। मंदिर के मीडिया प्रभारी राकेश तिवारी एडवोकेट ने बताया कि मंदिर की ओर से आने वाले सभी भक्तों को सर्वप्रथम थर्मल स्कैनिंग की गई। जो व्यक्ति मास्क पहन कर आया, उसे ही प्रवेश दिया गया।
इन्हें प्रवेश नहीं
उन्होंने बताया कि मुख्य रूप से 65 वर्ष से ऊपर की उम्र के व्यक्ति, गर्भवती महिलाएं, 10 साल से कम उम्र के बच्चों को प्रवेश नहीं दिया गया। जो भी व्यक्ति आया उसे सैनिटाइज करते हुए सर्किल के अंदर उसको भेज कर मुख्य द्वार से प्रवेश कराया गया। दूसरे द्वार से उसे निकाला गया। वैसे तो पुष्टिमार्गीय संप्रदाय में 8 झांकियां होती है परंतु इस महामारी में भक्तों को दर्शन मिले, इसलिए केवल राजभोग और शयन के दर्शन खोले गए। जैसे-जैसे धीरे-धीरे समय जाएगा, व्यवस्थाएं बदलेंगी।
फूल माला लेकर न आएं
मंदिर के मीडिया प्रभारी राकेश तिवारी व मंदिर के अधिकारी वैद्य अशोक कुमार शर्मा ने आग्रह किया है कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए दर्शन करें। धैर्य रखें। जो भक्त अपने आराध्य की सेवा करना चाहते हैं, वह एक दिन पूर्व अपनी ओर से सेवा मंदिर में दे सकते हैं। इस दौरान यह भी ध्यान रखें कि मंदिर में किसी प्रकार के फूल माला नहीं लेके आएं। किसी को कोई प्रसाद नहीं दिया गया।
मुख्य परिक्रमा बंद
मुख्य परिक्रमा बंद की गई है। किसी भी प्रकार लोग मंदिर में एकत्रित ना हो बैठे नहीं इस दौरान पुलिस प्रशासन और कमेटी के मेंबर और सिविल डिफेंस वालों का विशेष सहयोग रहा। इस अवसर पर मुखिया बृजेश कुमार, सुधीर कुमार, बलदेव भंडारी, समाधानी बृजेश चतुर्वेदी, बीएन चतुर्वेदी, बनवारी लाल, कन्हैया लाल, जीतू आदि का सराहनीय योगदान रहा। इस अवसर पर लॉक डाउन पीरियड में लगातार 50 दिन तक मंदिर के अंदर रहकर जिन सभी कर्मचारियों ने सेवा की, उन सभी का सम्मान किया गया। सहयोग की सराहना करते हुए उन्हें ठाकुर जी का प्रसादी बीड़ा और दुपट्टा पहनाकर सम्मानित किया गया।
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