डायबीटीज दो तरह की होती है। टाइप-1 डायबिटीज शुगर की बीमारी की उस स्थिति को कहते हैं, जिसमें रोगी को यह रोग विरासत में मिला हो। यानी उसकी पुरानी पीढ़ी में किसी को यह रोग रहा हो और जेनेटिकली यह उसमें ट्रांसफर हुआ हो। जबकि टाइप-2 डायबिटीज शुगर का वह रूप है, जो हमारी खराब जीवनशैली के कारण हमें अपनी चपेट में ले लेता है। यहां जानें किस तरह प्लांट बेस्ड डायट और खासतौर पर फलियां खाने से हम इस खतरनाक बीमारी से बच सकते हैं…
इन खूबियों से भरपूर होती हैं फलियां
ज्यादातर लोग यह जानकर हैरान रह जाएंगे कि फलियां किस कदर सेहत बनाने वाली होती हैं। फलियों में फाइबर, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट के साथ ही विटमिन-B,आयरन, कॉपर, मैग्नीशियम, मैग्नीज, जिंक और फासफोरस जैसे खनिज होते हैं। जो हमारे शरीर को पूरा पोषण देते हुए ब्लड फ्लो मेंटेन करते हैं। साथ ही खून को पतला रखने में मददगार हैं।
नेचुरली फैट फ्री होती हैं फलियां
फलियों में प्राकृतिक रूप से फैट बेहद कम होता है। खासतौर पर बॉडी के लिए हार्मफुल सैचुरेटेड फैट तो फलियों में होता ही नहीं है क्योंकि फलियां प्लांट फूड होती हैं इसलिए ये पूरी तरह कोलेस्ट्रॉल फ्री भी होती हैं। एक कटोरी फलियां खाने से हमें करीब 115 कैलोरीज, 20 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 7 से 8 ग्राम फाइबर, 8 ग्राम प्रोटीन और मात्र 1 ग्राम फैट होता है।
डायबिटीज टाइप-2 का खतरा कम
हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि फल, सब्जियां, अनाज, बीच और फलियां खाने से हार्ट डिजीज और ब्लड प्रेशर और डायबिटीज टाइप-2 का खतरा कम होता है। अमेरिकन डायबिटीज एसोशिएशन की न्यूट्रिशन थेरेपी में डायबिटीज टाइप-2 के पेशंट्स को रिकमंड किया जाता है कि इस बीमारी से गुजर रहे अडल्ट्स को अपनी फूड हैबिट्स में अधिक से अधिक प्लांट बेस्ड डायट को शामिल करना चाहिए।
शुगर कंट्रोल करे
हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार डायबिटीज टाइप-2 से ग्रसित मरीज अपनी इस बीमारी के लिए खुद ही जिम्मेदार होते हैं। क्योंकि यह बीमारी फिजिकली एक्टिव ना रहने और सही डायट ना लेने के कारण होती है। अगर आप इस बीमारी से बचना चाहते हैं तो अपने खाने में अधिक से अधिक फलियां खाना शुरू करें। जिन लोगों को यह बीमारी हो चुकी है, वे भी लेगम्स यानी फलियों के नियमित सेवन से अपनी बीमारी को कंट्रोल कर सकते हैं।
वेट कंट्रोल में फायदेमंद
अगर आप हर रोज अपने खाने में फलियां खाते हैं तो ये आपके बढ़ते वजन को नियंत्रित करने का काम करती हैं क्योंकि इनमें प्रोटीन, फाइबर और धीमी गति से डायजेस्ट होने वाला कार्बोहाइड्रेट होता है। इससे आपका पेट अधिक समय तक भरा-भरा रहता है और आपको भूख कम लगती है जबकि बॉडी को लगातार एनर्जी मिलती रहती है।
-एजेंसियां
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