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गर्भ संस्कार और मंत्र से गर्भ में उल्टा बच्चा सीधा हो गया, डिलीवरी भी नॉर्मल हुई

HEALTH NATIONAL REGIONAL RELIGION/ CULTURE

विश्व का पहला गर्भ संस्कार एवं मेटरनिटी होम आगरा में बन रहा

दीपक कपूर ने बताई पूरी कहानी, डॉक्टर ने बताया था ऑपरेशन

दोनों अल्ट्रासाउंड हैं प्रमाण, श्वेता अग्रवाल ने पाया मनचाहा गर्भ

डॉ. भानु प्रताप सिंह

Agra, Uttar Pradesh, India. हिन्दू धर्म में मंत्रों की विशेष महत्ता है। मंत्र हमारे कानों के माध्यम से आत्मा में प्रवेश करते हैं। जब हम कुछ भी आत्मसात कर लेते हैं तो निश्चित रूप से अनेक चमत्कार होने लगते हैं। यह कोई अतिश्योक्ति नहीं बल्कि ऐसी सच्चाई है, जिस पर सहज विश्वास नहीं होता। आइए, एक उदाहरण से अपनी बात शुरू करते हैं-

केशवकुंज, प्रतापनगर निवासी दीपक कपूर ने बताया–  मेरी कपड़े की फैक्ट्री है। मेरी इच्छा है कि सूरत में कारोबार शुरू करूं। जब मैंने इस बारे में श्री अशोक गोयल (अध्यक्ष श्री क्षेत्र बजाजा कमेटी) को याद किया तो वे मेरे निवास पर आए। एक बार रात्रि में जब मेरा एक्सीडेंट हुआ तो भी उन्होंने बड़ी मदद की थी। बातचीत के दौरान उन्होंने गर्भ संस्कार के बारे में जानकरी दी। उस समय मेरी पुत्रवधु प्रज्ञा कपूर को तीन महीने का गर्भ था। उन्होंने मुझे श्रीमती मीता जैन का नम्बर दिया और कहा कि वे जो उपाय बताएं वह करें। उस समय मीता जैन आगरा से बाहर थीं। फोन किया लेकिन बात आई गई हो गई। हमारा मन तो नहीं था, लेकिन श्री अशोक गोयल के सम्मान की खातिर फोन किया। पुत्रवधु का इलाज डॉ. अलका सेन कर रही थीं। आठ माह के बाद उन्होंने अल्ट्रासाउंड किया तो बताया कि बेबी उल्टा है। डॉक्टर ने कहा कि बच्चा ऑपरेशन से होगा। इससे हमारी चिन्ता बढ़ गई। घबरा गए। फिर अचानक मेरे दिमाग में श्री अशोक गोयल का नाम आया। उन्होंने उपाय बताया था। मैंने फिर श्रीमती मीता जैन से बात की। उन्हें फोन किया। वे औरंगाबाद में थीं। उन्होंने दिन में 10-12 बार फोन किया और ऑडियो भेजा। कुछ उपाय बताए। मंत्र बताए। मेरी पुत्रवधू ने मनोयोग से बताए गए मंत्र का जाप और अन्य उपाय किए। 15 दिन बाद नौ माह पूरे होने था। डॉक्टर ने बुलाया कि चेक करके सर्जरी की डेट देनी है। डॉक्टर ने दोबारा अल्ट्रासाउंड किया तो कहा कि बच्चा सीधा है। फिर डिलवरी नॉर्मल हुई। हमने श्री अशोक गोयल और श्रीमती मीता जैन को जानकारी दी। हमारी तो खुशी की ठिकाना नहीं है। प्रत्येक गर्भवती को श्रीमती मीता जैन के बताए मंत्र के अनुसार काम करना चाहिए।

श्री चंद्रभान साबुन वाले सेवा ट्रस्ट के अंतर्गत प्रतापनगर में गर्भ संस्कार एवं मेटरनिटी होम का निर्माण किया जा रहा है। शहर में गर्भ संस्कार से संबंधित कार्यशाला आयोजित की जा रही है। इस प्रोजेक्ट के कर्ताधर्ता श्री अशोक गोयल हैं। श्री अशोक गोयल ने बताया कि दीपक कपूर व उनकी धर्मपत्नी इंदू कपूर से चर्चा के दौरान गर्भ संस्कार अपनी पुत्रवधू को गर्भ अवस्था में हो रही कुछ परेशानी का जिक्र किया। उन्हें मीता जैन व सुनीता अग्रवाल से संपर्क करने का सुझाव दिया। सुपरिणाम आप सबके सामने है। पिछले दिनों दीपक कपूर ने अपने निवास पर श्री चंद्रभान साबुन वाले सेवा ट्रस्ट के पदाधिकारियों को बुलाकर धन्यवाद ज्ञापित किया। संदेश जैन ने कहा कि भारतीय संस्कृति हमारी विरासत है। हम सबको इसका निरंतर अनुपालन करते रहना चाहिए। इस दौरान गर्भ संस्कार व मेटरनिटी होम भवन निर्माण के विषय में भी चर्चा की गई। जिसमें रमेश चंद्र अग्रवाल पनकी वाले, निधि विनय अग्रवाल, इंदु कपूर आदि की भूमिका रही। उल्लेखनीय है कि विश्व का पहला गर्भसंस्कार एवं मेटरनिटी होम आगरा में बन रहा है। आगरा नगर की जनता व गणमान्य लोग भरपूर सहयोग प्रदान कर रहे हैं।

श्रीमती मीता जैन बताती हैं जैसी स्थिति है, उसी के अनुसार मंत्र दिया जाता है। करने वाले के ऊपर निर्भर है कि वब कितने मन और विश्वास से करता है। गर्भ संस्कार हमने गुरु प्रवीन ऋषि जी से सीखा है। उन्हीं की दिया हुआ है। हमारे यहां ये सब चीजें पहले से हैं, लेकिन हम भूल गए हैं। हर मां चाहती है कि बच्चे का शुभ हो। बच्चे के लिए सबकुछ करने को तैयार रहती है मां। बस विश्वास होना चाहिए। जैन ग्रंथों में हैं सबकुछ। श्रीमती जैन बताती हैं कि यह कई चमत्कार नहीं है, करने वाले पर निर्भर करता है। मैं तो बताने वाली हूँ। मां को विश्वास के साथ करना होता है। निश्चित परिणाम मिलते हैं। जो लोग गर्भ संस्कार कर रहे हैं, उन्हें वास्तविक रूप से अजूबा देखने को मिल रहा है।

दो साल पहले एक मंत्र श्वेता अग्रवाल को दिया था। उनका प्रथम बेबी ऑपरेशन से हुआ और हैंडीकैप्ड था। ढाई साल का हो गया लेकिन वह दूसरा बेबी करने को तैयार नहीं था। भय था कि कहीं दूसरा बेबी भी हैंडीकैप्ड न हो। जब उन्होंने उपाय करना शुरू किया तो हैंडीकैप्ड बच्चा खड़ा होने लग गया। दूसरा बेबी बहुत अच्छा हुआ। डिलीवरी नॉर्मल हुई। उनके परिवार में अनबन थी। वह दूर हुई। समृद्धि भी आई।

 

Dr. Bhanu Pratap Singh