डॉ. गोपाल चतुर्वेदी को मिला “मिथिला-रत्न” सम्मान

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Mathura (Uttar Pradesh, India) मथुरा,वृन्दावन। रमणरेती क्षेत्र स्थित फोगला आश्रम में चल रहे दो दिवसीय 18 वें अंतर्राष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन में नगर के वरिष्ठ साहित्यकार व आध्यात्मिक पत्रकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी को उनके द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर किये गए उत्कृष्ट आध्यात्मिक लेखन के लिए “मिथिला रत्न-2020” सम्मान से अलंकृत किया गया। उन्हें यह सम्मान दरभंगा (बिहार) के सांसद गोपालजी ठाकुर, संतप्रवर गोविंदानंद तीर्थ, सम्मेलन के मुख्य संरक्षक व दक्षिणांचल विद्युत निगम, आगरा के मुख्य अभियंता अजय कुमार चौधरी व स्वागताध्यक्ष पण्डित गंगाधर पाठक आदि ने प्रशस्ति-पत्र, पटुका प्रसादी, शॉल, पाग व नगद धनराशि भेंट कर दिया।

प्राचीन काल से ही मिथिला संस्कृति, संस्कार और विद्या की पावन भूमि रही है

डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने अपने उद्बोधन में कहा कि जनक नन्दिनी सीता की जन्मभूमि मिथिला का भगवान श्रीराम के समय से ही भारतीय संस्कृति में महत्वपूर्ण स्थान है। प्राचीन काल से ही मिथिला संस्कृति, संस्कार और विद्या की पावन भूमि रही है। मिथिला संस्कृति और सभ्यता के संरक्षण का प्रमुख केंद्र है। यह ज्ञान व प्रेम के समन्वय का स्थान है। इसीलिए मैथिली भाषा को 22 दिसम्बर 2003 को भारतीय संविधान की अष्टम सूची में शामिल किया गया था। तब से मिथिला वासी इस तारीख को “मैथिली अधिकार दिवस” के रूप में अत्यंत धूमधाम के साथ मनाते हैं। चूंकि मैथिली समूचे विश्व में विराजते हैं इसलिए प्रतिवर्ष इस तिथि को समूचे विश्व के किसी एक स्थान पर अंतर्राष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन आयोजित किया जाता है।

मैथिली के संवर्धकों द्वारा यह गौरवपूर्ण सम्मान प्राप्त हुआ है

उन्होंने कहा कि हमारा यह परम् सौभाग्य है कि “मैथिली अधिकार दिवस” के शुभ अवसर पर हमें मिथिला, मैथिल और मैथिली के संवर्धकों द्वारा यह गौरवपूर्ण सम्मान प्राप्त हुआ है। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा, श्रीमहन्त फूलडोल बिहारी दास, प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के प्रदेश सचिव जगदीश चंद्र शर्मा “वत्स”, डॉ. वैद्यनाथ चौधरी (बैजू), डॉ. महेन्द्र नारायण राम, प्रो. विजयकांत झा, डॉ. उमेश शर्मा, आचार्य बद्रीश, अधीक्षण अभियंता (विद्युत) राजीव कालरा, संयोजक राजीव शर्मा ( विद्युत अभियंता, अलीगढ़), विनोद कुमार झा, बूड़ा भाई, प्रो. जीवकांत झा, प्रवीण कुमार झा, चंद्रशेखर झा, उपखण्ड अधिकारी (विद्युत) विकास शर्मा व सचिन द्विवेदी, श्री रंगलक्ष्मी संस्कृति महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. रामसुदर्शन मिश्रा एवं राधाकांत शर्मा आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

Dr. Bhanu Pratap Singh