murder in azamgarh

यूपी में ‘सत्यमेव जयते’ की हत्या, बवाल मचा, आगजनी, मायावती का सरकार पर प्रहार

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Azamgarh (Uttar Pradesh, India) उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में सत्यमेव जयते की हत्या कर दी गई। सत्यमेव जयते कोई नारा नहीं है बल्कि नाम है एक दलित ग्राम प्रधान का। स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संन्ध्या पर उसने सवर्णों के एक दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया। बस इसी बात पर सरेआम गोली मार कर हत्या कर दी गयी। फिर सवर्णों ने गालियां देते हुए कहा-सत्यमेव मर गया, मादर.. सा.. अधिकारों की बात करता था।

पुलिस की गाड़ी से बच्चे की मौत, पथराव, आगजनी

यह घटना तरवां थाना क्षेत्र के बांसगांव में हुई। यहां के दलित ग्राम प्रधान सत्यमेव जयते उर्फ पप्पू राम (42) की दंबगों ने गोली मारकर हत्या कर दी। हत्या की वजह यह थी कि सवर्णों को दलित प्रधान का इनकार रास नहीं आया। एसपी का कहना है कि मनरेगा से जुड़े किसी दस्तावेज पर हस्ताक्षर न करने पर प्रधान को गोली मारी गई। घटना के बाद ग्रामीण आक्रोशित हो गए। इसी बीच मौके पर पहुंची पुलिस की जीप से दबकर एक बच्चे की भी मौत हो गई। इसके बाद भीड़ ने पत्थरबाजी की। एक पुलिस चेक पोस्ट में आग लगा दी।

मां से कहा- जाकर लाश उठा लाओ

सत्यमेव जयते की पत्नी मुन्नी देवी की तहरीर पर पुलिस ने विवेक सिंह उर्फ भोलू, सूर्यांश कुमार दुबे, बृजेंद्र सिंह उर्फ गप्पू और वसीम के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। मुन्नी देवी के अनुसार आरोपित सत्यमेव को घर से ट्यूबवेल के पास ले गये और वहीं गोली मार दी। मृतक के भतीजे लिंकन ने बताया कि हत्या के बाद चारों आरोपित सत्यमेव की मां के पास आये और जातिसूचक गालियां देते हुए कहा, सत्यमेव मर गया, जाकर लाश उठा लाओ।

पहली बार प्रधान बने, सवर्णों को वर्चस्व स्वीकार नहीं

बांसगांव के दलित सत्यमेव जयते पहली बार ग्राम प्रधान बने थे। दलितों का आरोप है कि सत्यमेव हमेशा अपने अधिकारों की बात करते थे और दबंग सवर्णों के आगे नतमस्तक होने से इनकार कर देते थे। इसीलिए उसकी हत्या कर दी गई। आजमगढ़ के बांसगांव में ऊंची जातियों के मुकाबले दलितों की संख्या करीब 5 गुना ज्यादा है। गांव में करीब 300 घर दलितों के और लगभग 30 परिवार सवर्ण जातियों के हैं। लेकिन इन्हें कभी भी दलितों का वर्चस्व स्वीकार नहीं हुआ।

थानाध्यक्ष व चौकी इंचार्ज को निलंबित, सीओ तो हटाया

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आरोपितों के खिलाफ एनएसए और गैंगेस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। पुलिस उपद्रवियों की संपत्ति जब्त करने की तैयारी में है। आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए छह टीमों का गठन किया गया है। और 25-25 हजार रुपए का ईनाम घोषित किया गया है। लापरवाही के आरोप में थानाध्यक्ष व चौकी इंचार्ज को निलंबित कर दिया गया है। लालगंज सीओ अजय यादव को भी हटा दिया गया है। तनाव को देखते हुए गांव में पुलिस-फोर्स तैनात है।

सपा और बीजेपी सरकार में अंतर क्या हैः मायावती

बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने दलित ग्राम प्रधान सत्यमेव जयते की हत्या और एक अन्य की कुचलकर मौत की खबर पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने मामले की जांच करने और यूपी में दलितों पर हो रही जुल्म-ज्यादती और हत्या पर योगी सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए सवाल किया है कि पूर्व की सपा व बीजेपी की वर्तमान सरकार में फिर क्या अन्तर रह गया है?