Agra, Uttar Pradesh, India. आगरा मण्डल व्यापार संगठन के संस्थापक एवं वरिष्ठ काँग्रेस नेता गोविन्द अग्रवाल ने सरोजनी नायडू मेडीकल कॉलेज, आगरा (एनाटॉमी विभाग) को देहदान की घोषणा की है।उनका कहना है कि देहदान करना वास्तव में सबसे बड़ा दान है। इससे एक साथ कई लोगों को जिन्दगी मिल सकती है। इसलिए मैंने अपनी देहदान का फैसला अपनी मर्जी से खूब सोच-समझकर लिया है। पता नहीं यह नाशवान शरीर कब चला जाये और मैं चाहता हॅूं कि मेरा शरीर हमारे देश के नौनिहालों को चिकित्सा शिक्षा एवं शोध हेतु काम आए या कई लोगों को जिन्दगी मिल सके। श्री अग्रवाल ने कहा कि अभी हाल ही में कौन बनेगा करोड़पति के सेट पर देश के महान अभिनेता अमिताभ बच्चा ने भी देहदान की घोषणा की। उनके इस निर्णय से हमें काफी प्रसन्नता हुई है।

व्यक्तिगत परिचय
नाम गोविन्द अग्रवाल
पिता का नाम स्व॰श्री रामचरन लाल अग्रवाल
निवास वाई-30 कर्मयोगी एन्क्लेव, कमला नगर, आगरा।
शिक्षा मैकेनिकल इंजीनियर
कार्य समाज सेवा/राजनीति (इस समय)
मोबाइल 09412721295

राजनीति में प्रवेश व जिम्मेदारियाँ
1972 राजनीति में प्रवेश श्री डी.के. जोशी के माध्यम से
1974 छावनी युवक काँग्रेस का अध्यक्ष
1977 शहर युवक काँग्रेस का महामंत्री (आजाद)
1983 प्रदेश युवक काँग्रेस प्रदेश कार्यकारिणी में (निर्मल खत्री)
1987 नगर अध्यक्ष व्यापारी प्रकोष्ठ
1988 जिलाध्यक्ष व्यापारी प्रकोष्ठ
1995 उत्तर प्रदेश काँग्रेस कमेटी तिवारी का संयुक्त सचिव रहा
1998 पूर्वी क्षेत्र संख्या-358 का विधानसभा का उपचुनाव लड़ा
2000 उत्तर प्रदेश काँग्रेस कमेटी का सदस्य चुना गया
2001 श्री जयप्रकाश जयसवाल द्वारा झाँसी का पर्यवेक्षक बनाया गया
2002 पूर्वी क्षेत्र 342 से विधानसभा का चुनाव लड़ा।

सरकारी कमेटियों में सदस्य
1. रेलवे सलाहाकार समिति झाँसी मण्डल के सदस्य (स्व॰ रेलमंत्री केदार पाण्डे के समय)।
2. टेलीफोन सलाहाकार समिति का सदस्य रहा (डी.एम.टी. श्री एस.के. जैन के समय में)
3. 14.10.1986 से 03.10.1991 तक आगरा कॉलेज का ट्रस्टी।
4. 1989 में प्रदेश सरकार द्वारा औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान खादी एवं ग्राम उद्योग बोर्ड प्रसार प्रशिक्षण तथा पौलीटैक्निकल में प्रशिक्षण के लिए युवक-युवतियों का चयन हेतु सदस्य मनोनीत किया।
5. पूर्व में रेलवे का सदस्य आगरा मण्डल का रहा।
6. पूर्व में उत्तर मध्य रेलवे का सदस्य।

राजनैतिक जेल यात्रा
1977 प्रथम बार जनता पार्टी के शासन में जेल भरो आन्दोलन में भाग
लिया। काँग्रेस नेताओं व कार्यकत्र्ताओं के साथ आगरा जेल में रहा।
1990 श्री दर्शन सिंह यादव जब काँग्रेस में थे, उनके लिए हुये जेल
भरो आन्दोलन में अपने साथियों सहित मुरादाबाद जेल में रहा।
2003 ताज कारीडोर के आन्दोलन में आगरा जेल में रहा तथा
आन्देालन चलाया।

संस्थापक
1972 छावनी वेलफेयर सोसायटी का गठन मैंने किया जो आज भी
सक्रिय है।
1989 अखिल भारतीय विक्रयकर्ता प्रतिनिधि संस्था का गठन पटना
(बिहार) में किया जिसमें पंजाब, गुजरात, दिल्ली, यू.पी., महाराष्ट्र
के सदस्य थे।
1992 आगरा मण्डल व्यापार संगठन का गठन किया जिसे हर व्यापारी
ने मान्यता दी हुई है।
व्यापारिक संगठनों के पद पर कार्य किया
1975 आगरा मशीनरी व्यापारी संघ (महामंत्री)
1982 आगरा मशीनरी मर्चेन्ट एसोसियेशन (महामंत्री)
2000 पश्चिमी उत्तर प्रदेश संयुक्त उद्योग व्यापार मण्डल (उपाध्यक्ष)
भारतीय सेना में
इंजीनियरिंग करने के उपरान्त सन् 1962 में आर्मी ज्वाइन की तथा 1965 की पाकिस्तान लड़ाई में हिस्सा लिया। 1966 में बी.पी. ऑयल मिल की फैक्टरी कृष्णा इण्डस्ट्रियल कार्पोरेशन में प्रोडेक्शन इंजीनियर के रूप में कार्य किया। 1968 में अपना व्यापार बेलनगंज, आगरा में प्रारम्भ किया।

कुछ प्रमुख आन्दोलन
1986 : टेलीफोन उपभोक्ता संघर्ष समिति बनाकर काफी समय तक उपभोक्ताओं की समस्याओं का निस्तारण आन्दोलनों के माध्यम से किया।
1990 : ”तिरंगा बचाओ भारत माता का मंदिर बनाओ“ एक माह तक अनशन कर सुल्तानपुरा चौराहे पर चलाया।
फरवरी 1993 : थाना एत्माद्दौला में व्यापारियों-उद्योगपतियों पर लाठी चार्ज हुआ। तमाम व्यापारी उद्योगपति चुटैल हुये तब 6,7,8,9 फरवरी, 1993 को फुब्बारा अग्रसेन चौक पर आमरण अनशन बाबा हरदेव सिंह पूर्व अतिरिक्त जिलाधिकारी के विरोध में किया जिसमें आगरा चार दिन तक बंद रहा। यह आन्दोलन ऐतिहासिक था।
21 अप्रैल 1994: में मुलायम सिंह द्वारा प्रेस पर हल्ला बोल का आवाहन किया गया तब नगर के चौराहों पर समाचार पत्र आवाज लगाकर बेचे।
1994 : प्रदूषण के नाम पर उद्योगों को उजाड़ने के फरमान से ताज का घेराव उद्योगपतियों व व्यापारियों ने किया। उस समय बाबा हरदेव एडीएम सिटी थे, मैं बैरीकेडिंग तोड़कर झण्डा लेकर ताज की तरफ दौड़ लिया। उस समय इन्स्पेकटर एन.के. यादव थे, ने बाबा के आदेश से मेरे ऊपर लाठी चार्ज किया।
21 फरवरी 1995: को जनतंत्र बचाओ के लिए प्रतापपुरा चैराहे पर राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की प्रतिमा के समक्ष धरना दिया गया।
5 सितम्बर 1995: नारायन दत्त तिवारी द्वारा ताज का घेराव आयोजित किया गया था। जलूस को पुलिस ने किले के आगे नहीं जाने दिया तथा लाठी चार्ज कर दिया जिसमें मैं तिवारी के साथ ही चुटैल हुआ। पैर में फ्रैक्चर आज भी है जिसमें तमाम उद्योगपति व व्यापारी भी चुटैल हुये थे।
3 जनवरी,1996: आगरा में टैक्सी-टैम्पुओं का पुलिस द्वारा उत्पीड़न किया जाता था। उस समय आगरा कैण्ट पर सड़क पर लम्बा धरना दिया गया जिसका नेतृत्व मैंने व इंटक नेताओं द्वारा किया गया।
1999 : कमला नगर से सुभाष नगर होते हुए कर्मयोगी जाने वाली सड़क में घपला हुआ था। तब कमला नगर के चौराहे पर जाँच हेतु आमरण अनशन किया गया। उस समय जिलाधिकारी पीके मोहंती थे, उन्होने जाँच का आदेश दिया जिसमें दो जे.ई. सस्पेंड हुये थे।
2011 से लगातार: टोरंट पॉवर लिमिटेड के खिलाफ 2011 से सड़क व न्यायपालिका के माध्यम से आन्दोलन चला रहे हैं।

जीवन के निर्णय
1. शादियों में दहेज के लेन-देन के सख्त विरोधी – यहाँ तक कि अपने परिवार की शादियों में कभी भी लिफाफा एवं उपहार प्राप्त नहीं किया।
2. देहदान की प्रेरणा श्मशान घाट पर जलते हुए शवों को देखकर मिली। तब मैंने विचार किया कि अपना शरीर मेडीकल के छात्रों की शिक्षा एवं रिसर्च के लिए दान करूँगा।
3. 22 जनवरी, 2016 को अचानक लकवा की बीमारी से ग्रसित होकर डाक्टर की सलाह पर निवास पर आराम करना मजबूरी हो गया। बावजूद इसके आज भी घर, सामाजिक, राजनैतिक, सांस्कृतिक कार्यक्रमों कभी-कभी अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। आगरा मण्डल व्यापार संगठन के संस्थापक आज भी संगठन के पदाधिकारियों के सम्पर्क में रहते हैं व संगठन को सुचारु रूप से चलाने मे अपना सहयोग कर रहे हैं।
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