मथुरा। श्रीकृष्ण-जन्मभूमि पर रंगारंग लठामार होली के भव्य आयोजन को लेकर आज श्रीकृष्ण-जन्मस्थान सेवा-संस्थान के सचिव श्री कपिल शर्मा ने बताया कि लठामार होली का आयोजन 03 मार्च 2023 शुक्रवार को ब्रज की परंपराओं एवं मर्यादाओं के अनुरूप संपन्न कराने के लिए सभी तैयारियों पूर्ण कर ली गयी हैं।
उन्होंने आगे जानकारी देते हुए बताया कि इस वर्ष लठामार होली का आयोजन श्रीकृष्ण-जन्मभूमि परिसर में स्थित केशव वाटिका में ही किया जायेगा, जहां दुर्लभ एवं सघन वृक्षावली से अच्छादित प्रांगण में लठामार होली का आयोजन अद्भुत एवं अनूठा होगा।
श्री शर्मा ने आगे बताया कि केशव वाटिका में आयोजित होली की साज-सज्जा इस प्रकार की जा रही है जिससे इस आयोजन में सम्मिलित होने वाले श्रद्धालु परंपरागत होली का दर्शन प्राकृतिक वातावरण और आध्यात्मिक छटाओं के मध्य कर सकें। बसन्त पंचमी से प्रारम्भ यह फाग महोत्सव अपने चरम पर है। श्रीकृष्ण संकीर्तन मण्डल के रसिक भक्तजन एवं विशिष्ट भजन गायक जन्मभूमि पर विराजमान ठाकुर श्री केशवदेव जी महाराज के समक्ष नित्य होली गायन और पुष्प होली का दिव्य आयोजन कर रहे हैं।
संस्थान की प्रबंध समिति के सदस्य श्री गोपेश्वरनाथ चतुर्वेदी ने बताया कि इस वर्ष गुलाल और पुष्प वर्षा की छटा अद्भुत होगी। गुलाल की वर्षा करते समय ऐसा प्रयास रहेगा कि जन्मभूमि के पवित्र परिसर से आकाश इन्द्रधनुषीय दिखाई दे। लठामार होली में ग्राम रावल के सिद्ध हुरियारे-हुरियारिनों के साथ-साथ श्रीकृष्ण जन्मभूमि के हुरियारे-हुरियारिनें भी इस दिव्य लठामार होली लीला में अपनी सहभागिता करेंगे।
इस वर्ष हुरियारे-हुरियारिनों की पोशाक भव्य होगीं। इन पोशाकों के निर्माण का कार्य जोर-शोर से चल रहा है। इस वर्ष विशेष रूप से टेसू पुष्प के रंग भक्तों को प्रिया-प्रियतम के रंग से सराबोर कर होली के आनन्द में विशिष्ट रस को प्राप्त करायेंगे। रंग एवं गुलाल वर्षा के लिए स्वचालित यंत्रों का उपयोग भी किया जायेगा, जिससे अधिक से अधिक श्रद्धालुजन इस होली के विषिष्ट प्रसाद को प्राप्त कर सकेंगे।
श्री चतुर्वेदी ने आगे बताया कि श्रद्धालुओं की सुविधा एवं सुरक्षा को देखते हुऐ सामान घरों पर कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई जायेगी। इस अवसर पर जन्मभूमि के तीनों द्वार से प्रवेश एवं निकास रहेगा साथ ही उन्होंने श्रद्धालुओं से अनुरोध किया है कि कोई भी इलैक्ट्रॉनिक सामान एवं प्रतिबंधित सामान साथ लेकर न आयें जिससे उनका प्रवेश शीघ्रता से हो सके।
श्री किशोर भरतिया ने बताया कि प्रिया-प्रियतम ने इस पवित्र लीला का दर्शन स्वयं कराकर ब्रजवासियों को परमानन्द प्राप्त कराया था। विगत लगभग 42 वर्ष से उसी आनन्द के दर्शन ब्रजवासियों के साथ-साथ देश-विदेश के असंख्य कृष्ण भक्त प्राप्त कर कर रहे हैं। ब्रज में होली के अवसर पर आयोजित होने वाली अधिकांश लीलाओं के दर्शन जन्मभूमि की रंगारंग लठामार होली में भक्तों को दर्शनीय हैं।
इस वर्ष लठामार होली के आयोजन को भव्य बनाने के लिए श्री अनिलभाई ड्रेसवाले, श्री नन्दकिशोर स्टील वाले, श्री कन्हैया लाल रंगवाले, श्री राजीव गुप्ता एवं श्रीकृष्ण-जन्मस्थान सेवा संस्थान के सभी अधिकारी एवं कर्मचारीगण बड़े भाव एवं तन्मयता से लगे हुऐ हैं।
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