Datia (Madhya Pradesh, India)। मध्य प्रदेश में 24 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है। 22 सीटें कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे के कारण रिक्त हुई हैं, क्योंकि यहां के विधायक भारतीय जनता पर्टी में शामिल हो गए हैं। ये सभी विधायक सिंधिया समर्थक थे। इनके सहयोग से भाजपा ने मध्य प्रदेश में सत्ता परिवर्तन किया है। दतिया जिले की भान्डेर विधानसभा सीट पर भी उपचुनाव होना है। भाजपा जहां इस सीट पर कब्जा करने के लिए आतुर है, वहीं कांग्रेस सीट को बचाए रखना चाहती है। दोनों बड़े दलों के बीच राष्ट्रीय वंचित पार्टी ने अपना पांव फँसा दिया है। ऐसे वादे कर दिए हैं कि भाजपा और कांग्रेस के लिए मुश्किल हो सकती है।
गैस संयंत्र लगवाएंगे
राष्ट्रीय वंचित पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुशील कुमार यादव का कहना है कि भांडेर निवासियों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए यहां गैस संयंत्र लगाया जाएगा। पार्टी यह काम अपने स्तर पर भी कर सकती है। भांडेर में गैस संयंत्र लगाने की मांग जनता वर्षों से कर रही है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। राजनीतिक दल आश्वासन का झुनझुना थमाकर वोट हासिल कर लेते हैं और चुनाव जीतने गैस संयंत्र नहीं लगवाते हैं। हमारी पार्टी यह काम प्राथमिकता पर करेगी।
रोजगार की जिम्मेदारी
श्री यादव ने कहा कि कोरोना के कारण सैकड़ों मजदूर और वंचित रोजगार से वंचित हैं। इन्हें स्वरोजगार दिया जाएगा। इनके परिवारों के इलाज की पूरी जिम्मेदारी लेंगे। इनके परिवार की बेटियों की शादी भी पार्टी कराएगी।
कौन होगा उम्मीदार
उन्होंने कहा कि भांडेर उपचुनाव में वंचित परिवार की महिला को प्रत्याशी बनाया जाएगा। इस तरह सत्ता में मजबूर, मजदूर, शोषित, वंचितों के परिवारों की सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी। आप देखेंगे कि उपचुनाव में विजयश्री की नई इबारत लिखी जाएगी। अबकी बार वंचितों की सरकार बनकर रहेगी।
क्या है इतिहास
वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में भांडेर विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) प्रत्याशी रजनी प्रजापति और कांग्रेस प्रत्याशी रक्षा संतराम के बीच मुकाबला रहा। रक्षा संतराम ने जीत हासिल कर कांग्रेस का परचम फहराया था। इससे पहले इस सीट पर बीजेपी के घनश्याम पिरौनियां चुने गए थे। बीजेपी के घनश्याम पिरौनियां ने 2013 के चुनाव में 36878 वोटों के साथ जीत हासिल की थी। दूसरे स्थान पर कांग्रेस के अरुण कुमार थे, जिनको 29227 वोट मिले थे। इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी तीन बार जीत हासिल हुई है, लेकिन तीनों ही बार उसके प्रत्याशी अलग-अलग रहे हैं। उपचुनाव में भाजपा के घनश्याम पिरौनियां ने फिर से दावेदारी की है।
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