Birthday Special: Musician and Sarod maestro Ustad Ali Akbar Khan

जन्‍मदिन विशेष: संगीतज्ञ और सरोद वादक उस्ताद अली अक़बर

साहित्य


मैहर घराने के भारतीय शास्त्रीय संगीतज्ञ और सरोद वादक उस्ताद अली अक़बर ख़ाँ आज के ही दिन 1922 में अविभाजित भारत के शिबपुर कोमिला (बांग्‍लादेश) नामक स्‍थान पर हुआ था। अली अक़बर ख़ाँ का इंतकाल 19 जून 2009 के दिन सेनफ्रांसिसको (अमेरिका) में हुआ।
“बाबा” अलाउद्दीन खाँ और मदीना बेगम के यहां पैदा हुए अली अक़बर ख़ाँ ने गायन तथा वादन की शिक्षा अपने पिता के अलावा चाचा चाचा फ़कीर अफ़्ताबुद्दीन से ली थी।
अली अक़बर ख़ाँ अपनी पहली प्रस्तुति लगभग 13 वर्ष की आयु में दी। 22 वर्ष की आयु में वे जोधपुर राज्य के दरबारी संगीतकार बन गए।
अली अक़बर ख़ाँ ने पूरे भारत मे प्रस्तुतियां दीं, सराहे गये और भारतीय शास्त्रीय संगीत को व्यापक बनाने के लिये कई विश्व यात्राएं कीं।
भारतीय शास्त्रीय संगीत के अध्यापन और प्रसार के लिए 1956 में उन्होंने अली अकबर संगीत महाविद्यालय कोलकाता की स्थापना की।
मात्र दो साल बाद बर्कले कैलिफोर्निया (अमेरिका), में इसी नाम से एक और विद्यालय की नींव रखी।
सान रफ़ेल स्कूल की स्थापना के साथ ही अली अकबर खां संयुक्त राष्ट्र अमेरिका में ही बस गए थे, यद्यपि यात्राएं करते रहे। हालांकि अस्वस्थता के कारण उनका भारत आना कम हो गया था। 1985 में उन्होंने अली अकबर महाविद्यालय की एक और शाखा बेसिल, स्विट्ज़रलैंड में स्थापित की थी।
खाँ साहब ने कई शास्त्रीय जुगलबंदियों में भाग लिया। उसमें सबसे प्रसिद्ध जुगलबंदी उनके समकालीन विद्यार्थी एवं बहनोई सितार वादक रवि शंकर एवं निखिल बैनर्जी के साथ तथा वायलन वादक एल सुब्रह्मण्यम भारती जी के साथ है। विलायत ख़ान के साथ भी उनकी कुछ रिकार्डिंग उपलब्ध हैं। साथ ही उन्होंने कई पाश्चात्य संगीतकारों के साथ भी काम किया।
खाँ साहब को 1988 में भारत के सर्वोच्च पुरस्कारों में से एक पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। इसके अलावा भी उन्‍हें कई पुरस्कार दिए गए। 1997 में संयुक्त राज्य अमेरिका का कला के क्षेत्र में सबसे ऊँचा सम्मान नेशनल हैरिटेज फ़ेलोशिप दी गई। 1991 में उन्हें मैकआर्थर जीनियस ग्रांट से सम्मानित किया गया। खाँ साहब को कई ग्रामी पुरस्कारों के लिये नामांकित भी किया गया। फिर भी खाँ साहब अपने पिता द्वारा दी गई “स्वर सम्राट” की पदवी को बाकी सभी सम्मानों से ऊँचा दर्ज़ा देते रहे।
-Legend News

Dr. Bhanu Pratap Singh