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Agra, Uttar Pradesh, India, Bharat. आगरा के शाहगंज स्थित सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र मोक्षधाम में शव स्नान की व्यवस्था को साकार करने के लिए भगवान भोलेनाथ की पांच लाख रुपये की भव्य मूर्ति की स्थापना का शुभारंभ हो चुका है। इस पुण्य कार्य का भूमि पूजन समिति के उपाध्यक्ष और आगरा भीम नगरी के कोषाध्यक्ष श्री हीरा सिंह चंदेल द्वारा संपन्न किया गया। यह पहल न केवल धार्मिक महत्व की है, बल्कि अंतिम संस्कार की प्रक्रिया को और अधिक सुगम व पवित्र बनाने का एक अनुपम प्रयास है।
आशीष पाराशर का संकल्प: धार्मिक बाधाओं का समाधान
हरिश्चन्द्र मोक्षधाम समिति के सचिव और पूर्व पार्षद आशीष पाराशर ने बताया कि मोक्षधाम पर शव स्नान की व्यवस्था के अभाव में अंतिम संस्कार के दौरान धार्मिक रीति-रिवाजों को पूरा करने में कठिनाइयां आती थीं। इस कमी को दूर करने के लिए उन्होंने भोलेनाथ की मूर्ति स्थापना का संकल्प लिया। उनके इस प्रयास से न केवल धार्मिक परंपराओं का पालन सुनिश्चित होगा, बल्कि मोक्षधाम की गरिमा भी और बढ़ेगी।
भव्य आयोजन में गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति
भूमि पूजन के इस पावन अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के श्री अशोक कुलश्रेष्ठ, श्री केशव, श्री राजन, श्री वासुदेव, राकेश जाटव, डॉ. पार्थसारथी शर्मा, देवेश माहेश्वरी, अनिल सिसोदिया, छीतरमल गर्ग, रवि आर्य, रवि नारंग, योगेंद्र मिश्रा, नरेंद्र आर्या, चंद्रशेखर शर्मा, राहुल आर्या, और अरविंद रावत जैसे प्रमुख लोग उपस्थित रहे।
पूजन का कार्य कुणाल पंडित द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ संपन्न कराया गया, जिसने इस अवसर को और अधिक शुभ बनाया।
मोक्षधाम का उन्नयन: एक सामाजिक और धार्मिक पहल
यह मूर्ति स्थापना न केवल मोक्षधाम की सुविधाओं में वृद्धि करेगी, बल्कि यह सामाजिक और धार्मिक एकता का भी प्रतीक बनेगी। भोलेनाथ की मूर्ति के साथ शव स्नान की व्यवस्था से अंतिम यात्रा को और अधिक सम्मानजनक और पवित्र बनाया जा सकेगा। यह प्रयास समाज के लिए एक मिसाल है कि कैसे सामूहिक सहयोग और नेतृत्व से बड़े संकल्प पूरे किए जा सकते हैं।संपादकीय टिप्पणी: आशीष पाराशर का प्रशंसनीय योगदानपूर्व पार्षद आशीष पाराशर का यह प्रयास न केवल उनकी दूरदर्शिता और सामाजिक समर्पण को दर्शाता है, बल्कि धार्मिक और सामाजिक क्षेत्र में उनके नेतृत्व को भी रेखांकित करता है। सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र मोक्षधाम में शव स्नान की व्यवस्था के लिए भोलेनाथ की मूर्ति स्थापना का उनका संकल्प एक प्रेरणादायक पहल है। यह कार्य न केवल अंतिम संस्कार की प्रक्रिया को धार्मिक रूप से पूर्ण करेगा, बल्कि समाज में एकता और सहयोग की भावना को भी मजबूत करेगा। आशीष पाराशर का यह योगदान सराहनीय है और समाज के लिए एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत करता है। उनकी इस पहल के लिए हम उनकी हृदय से प्रशंसा करते हैं और उनके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं देते हैं।
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