bhagwat katha

भागवत कथाः श्रीकृष्ण जन्म होते ही छाई खुशियां, देखें तस्वीरें

NATIONAL PRESS RELEASE REGIONAL RELIGION/ CULTURE

Agra, Uttar Pradesh, India. अर्पण जन कल्याण सेवा संस्थान व विश्व मंगल परिवार के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के चतुर्थ दिवस अंतरराष्ट्रीय कथाव्यास देवी माहेश्वरी ‘श्री जी’ (वृंदावन धाम) ने भगवान के अवतारों का वर्णन किया। वाराह अवतार, मत्स्य, कच्छप, नरसिंह आदि अवतारों के बाद राम जन्म की कथा का संक्षेप में वर्णन किया। वामन अवतार, भक्त प्रह्लाद, ध्रुव, जड़ भरत, अजामिल, समुद्र मंथन, दधीच की कथा सुनाई। यदुवंश के प्राकट्य का वर्णन किया।

श्रीजी ने श्रीकृष्ण जन्म की कथा का विस्तार से वर्णन करते हुए बताया कि कंस ने अपने बहन देवकी का विवाह अपने मित्र वासुदेव से कर दिया। तभी आकाशवाणी होती है कि देवकी का सातवां पुत्र आपका काल होगा। तब कंस ने उन्हें जेल में डाल दिया और एक एक करके छः पुत्रों को मार दिया। सातवें गर्भ को रोहिणी के गर्भ में भेज दिया गया। अब श्रीकृष्ण का जन्म होता है तब आकाशवाणी के अनुसार जेल के दरवाजे खुल जाते है और वासुदेव जी उन्हें लेकर अपने मित्र नंद बाबा के घर छोड़ आते है और उनकी उसी दिन जन्मी बेटी को ले आते हैं। इस तरह से श्रीकृष्ण जन्मोत्सव को बड़े धूमधाम से झांकी के माध्यम से मनाया गया और बधाईयां गाई गयीं। भक्त झूमते रहे।

 इस अवसर पर मुख्य यजमान श्रीप्रकाश सिंह एवं सीमा सिंह, विशिष्ट अतिथि बाबूराम निषाद राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त उत्तर प्रदेश सरकार, जय किशन, सोनपाल दीनदयाल धाम, एपीएस तोमर एडवोकेट का स्वागत किया गया। व्यवस्था में मुकेश चन्द गोयल, मुकेश नेचुरल, मुनेन्द्र श्रोत्रिय, कमलेश कुमार पार्षद, विमलेश सारस्वत,  लालता प्रसाद सारस्वत, नरेश शर्मा, राकेश सिंह, लक्ष्मण, किशोर तिवारी, राजीव शर्मा, वीपी सिंह, दीपक तिवारी एडवोकेट, मंजू वार्ष्णेय पार्षद आदि की मुख्य भूमिका रही।