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भागवत कथा में शिवतांडव, ओम नमः शिवाय से गूंज उठा पांडाल

NATIONAL PRESS RELEASE REGIONAL RELIGION/ CULTURE

Agra, Uttar Pradesh, India. अंतरराष्ट्रीय कथाव्यास देवी माहेश्वरी ‘श्री जी’ (वृंदावन धाम) ने श्रीमद भागवत कथा के तीसरे दिन सृष्टि की संरचना, वाराह अवतार, हिरण्याक्ष का वध, मनु-शतरूपा, विदुर-कृष्ण, दक्ष कन्या, यज्ञ विध्वंश, शिव तांडव, शक्ति पीठ, शुकदेव-जनक, अश्वत्थामा का वध, परीक्षित का जन्म, कलयुग का प्रवेश, वैद्यनाथ आदि कथाएं सुनाईं। शिवतांडव हुआ तो श्रद्धालु ओम नमः शिवाय का गूंज करने लगे। उन्होंने इनके माध्यम से जीवन को सुंदर बनाने का संदेश भी दिया।

अर्पण जनसेवा संस्थान और विश्व मंगल परिवार सेवा संस्थान द्वारा आयोजित कथा शिव पैलेस में चल रही है। नौ अप्रैल तक चलने वाली कथा में छह अप्रैल को भगवान का जन्म होगा। देवी माहेश्वरी ‘श्री जी’ ने कहा कि राष्ट्र सुखी है तो हम सुखी हैं। राष्ट्र की कुंडली का प्रभाव हमारी कुंडली पर पड़ता है। राष्ट्र में शांति कायम रखने के निमित्त यह कथा है। इसलिए स्वार्थ से ऊपर होकर सुनें। कलयुग में जीव कल्याण के लिए भगवान ने भागवत के रूप में अवतार लिया है। भागवत सुनने से जीवन में बदलाव अवश्य आता है। भागवत सुनो तो बुद्धि और अहंकार बाहर रखो, स्थिर बुद्धि से आओ। हर पल भगवान का नाम लो। उन्होंने यह भी कहा कि वृंदावन में कभी प्रलय नहीं आती है। ध्यान करने की विधि भी बताई।

उन्होंने सीख दी- अन्न बर्बाद न करें। घर का मुखिया भोजन करे तो उससे एक रोटी मांग लें। फिर वह रोटी चुपचाप पक्षी को खिला दें। इसस घर में सर्वश्री मिलती है। यह शास्त्रोक्त विधि है, कोई टोटका नहीं है। शीतला अष्टमी का उल्लेख करते हुए कहा कि शीतला मां की सवारी गर्दभ है। हाथ में झाड़ू है। वे नीम के पेड़ पर रहती हैं। नीम औषधि है। नीम के पेड़ को जल से सिंचन करने पर दांपत्य जीवन के क्लेश मिट जाते हैं। 6-13 अप्रैल तक गाड़ी चलाते समय विशेष सावधानी बरतें क्योंकि ग्रहों का असर होता है। तुलसी माला गले में डाल लेने से जीते जी तर्पण हो जाता है।

पूर्णकांत त्यागी, विनोद गोयल, अशोक कुलश्रेष्ठ, देवेश वाजपेयी, मीतन सिंह, तेजपाल सिंह, अनीता सिंह, किशोर तिवारी, राजीव शर्मा, रेनु शर्मा, राजेन्द्र कुमार, डॉ. अजय यादव, मुन्नी यादव, गोपाल, नितेश शुक्ला, शेर सिंह राजपूत, योगेश शर्मा, लव अवतार, रामवीर, मनोज कुमार, मानवेन्द्र, पार्थ श्रोत्रिय, अजय प्रताप सिंह, घनश्याम मुकदम आदि का स्वागत किया गया। मुकेशचंद गोयल, मुकेश नेचुरल, दीपक तोमर एड., लालता प्रसाद, कुलकुलेन्द्र, नरेश शर्मा, अरुण सिंह, कमलेश जाटव पार्षद, विमलेश सारस्वत आदि व्यवस्थाओं में लगे हुए हैं। संचालन मुनेन्द्र श्रोत्रिय और प्रतिभा जिन्दल ने किया।