ramprapannacharya

प्रकृति के साथ मन का प्रदूषण भी देखिएः संत रामप्रपन्नाचार्य

NATIONAL PRESS RELEASE REGIONAL RELIGION/ CULTURE

Agra, Uttar Pradesh, India.बालाजीपुरम में श्रीमद भागवत कथा के चौथे दिन व्यासपीठ पर विराजमान पूज्य संत रामप्रपन्नाचार्य ने बलिवामन प्रसंग, श्रीराम चरित्र, श्रीकृष्ण चरित्र, श्रीकृष्ण जन्मोत्सव आदि कथाओं को भावपूर्ण प्रसंगों के साथ सुनाया। संत श्री राम प्रपन्नाचार्य जी ने कहा भगवान राम व कृष्ण के अवतार अपने चरित्र व दिव्य लीलाओं से समाज एवम अपने भक्तों को प्रेम व भक्ति की प्रेरणा देते हैं।

मन वश में करना है तो..

उन्होंने कहा जो व्यक्ति श्रीकृष्ण से सच्ची भक्ति करता है एवम नाम, रूप, लीला और धाम में निष्ठा रखता है। उसका कल्याण सुनिश्चित है। श्रीकृष्ण की लीलाएं किसी न किसी रूप में भगवान की भगवत्ता प्रकाशित करती हैं। यद्यपि उनके होने का उद्देश्य ऐसा करना नहीं है।मन वश में करना है तो श्रीकृष्ण के चरणों में मन लगाओ- जीवन आनन्द से भर जायेगा।

निधि वन से बिहारी जी का प्राकट्य हुआ

ब्रज के कण-कण में भगवान श्रीकृष्ण का निवास है, ब्रज भूमि की जितनी व्याख्या की जाये कम है। आज ही के दिन लगभग 450 वर्ष पूर्व निधि वन से बिहारी जी का प्राकट्य हुआ था। पृथ्वी और प्रकृति की रक्षा के लिये अधिक से अधिक पौधरोपण करें, ताकि मानव सभ्यता कोरोना जैसी आपदाओं से सुरक्षित रहे।

मन का प्रदूषण भी देखें

प्रकृति का प्रदूषण सबको दिखता है, लेकिन मन का प्रदूषण किसी को नहीं दिखता। मन के प्रदूषण से लोग हिसंक होते जा रहे हैं। कथा में आज  वरिष्ठ भाजपा नेता अरुण पाराशर, महावीर सिंह चाहर, डॉ. प्रभात कुलश्रेष्ठ, केके भारद्वाज, ठाकुर राजवीर सिंह ने आरती कर धर्मलाभ लिया।