मथुरा/वृंदावन। इन दिनों वृंदावन के संतों को न जाने क्या हो गया है, वह लगातार अपने बयानों से चर्चाओं में आ रहे हैं। अभी हाल में अनिरुद्धाचार्य के बयान से महिलाओं में आक्रोश पैदा हो गया था। यहां तक कि महिला आयोग को इस मामले में स्वतः संज्ञान लेना पड़ा। यह विवाद अभी शांत भी नहीं हुआ था कि अब संत प्रेमानंद महाराज का बयान का वायरल वीडियो सुर्खियों में है। उन्होंने भी अनिरुद्धाचार्य से मिलता जुलता बयान दिया है।
इस वायरल वीडियो में प्रेमानंद महाराज लड़के और लड़कियों के चरित्र पर टिप्पणी कर रहे हैं, जिसको लेकर एक तरफ जहां कुछ संत उनके समर्थन में हैं, तो वहीं कुछ संतों ने इसका विरोध किया है।
संत प्रेमानंद महाराज ने कहा था कि आज के समय में 100 में से मुस्किल से दो-चार लड़कियां ही पवित्र होती हैं, बाकी सभी ब्वॉयफ्रेंड-गर्लफ्रेंड के चक्कर में लगी हुई हैं। प्रेमानंद महाराज का ये वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है।
संत प्रेमानंद महाराज ने कहा था कि अगर कोई युवक 4 लड़कियों से संबंध बनाता है, तो वह अपनी पत्नी से संतुष्ट नहीं रह पाएगा, क्योंकि उसे व्यभिचार की आदत लग चुकी होती है। इसी तरह, जो लड़की चार पुरुषों से संबंध बना चुकी है, उसके अंदर एक पति को स्वीकार करने की हिम्मत नहीं रहती। इसके अलावा उन्होंने कहा कि 100 में से मुश्किल से दो-चार कन्याएं ही ऐसी होती हैं, जो पवित्र जीवन जीकर किसी एक पुरुष को समर्पित होती हैं।
महंत राजू दास ने बयान का किया समर्थन
हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने कहा,कि संत समाज को दिशा दिखाते हैं। संत समाज के लिए मार्गदर्शक होते हैं। संत के ज्ञान का समाज पालन करता है। प्रेमानंद जी महाराज के बयान का समर्थन करता हूं। उन्होंने सही कहा है। समाज में अभद्रता बढ़ रही है। समाज को आईना दिखाने का प्रेमानंद महाराज ने प्रयास किया है। विवादित बयान देते हुए राजू दास ने कहा कि समाज में अर्धनग्न घूम रहे हैं। यह उचित नहीं है। मातृशक्ति पूजा के योग्य है, लेकिन अर्धनग्नता नहीं है। यह समाज स्वीकार नहीं करेगा।
शशिकांत दास ने प्रेमानंद महाराज को दी सलाह
वहीं सरयू आरती स्थल के अध्यक्ष शशिकांत दास ने कहा कि वृंदावन के संतों में प्रेमानंद महाराज का विशेष स्थान है। प्रेमानंद जी महाराज का बयान चिंताजनक है। लाखों लोग प्रेमानंद महाराज को सुनते हैं। ऐसे बयान से बचना चाहिए। ऐसे बयान से सामाजिक पारीक्षेत्र पर असर पड़ता है। प्रेमानंद महाराज ने जो बयान दिया है वो चिंताजनक है।
‘ऐसे बयानों से बचना चाहिए’
वहीं इस बयान को लेकर युवाओं की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। युवाओं का कहना है कि आज की जनरेशन के विचार अलग हैं और समाज में ‘सिचुएशनशिप’ और ‘बेंचिंग’ जैसी आधुनिक अवधारणाएं बढ़ रही हैं, जो सनातन धर्म की परंपराओं से मेल नहीं खातीं।
वहीं कुछ लोगों का मानना है कि धर्मगुरुओं को इस तरह की टिप्पणी करने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे लड़कियों के खिलाफ नकारात्मक माहौल बनता है और उनके चरित्र पर सवाल उठते हैं। युवाओं का कहना है कि आज के दौर में लड़के-लड़कियों को साथ मिलकर समाज में आगे बढ़ना होता है और ऐसे बयानों से लैंगिक भेदभाव को बढ़ावा मिलता है।
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