विकास और आर्थिक तरक्की के लिए प्रथम पंक्ति में परिवहन व्यवस्था आती है। आज भारत के विकास में परिवहन व्यवस्था का बहुत महत्वपूर्ण योगदान है। परिवहन चाहे सड़क का हो, पानी का हो या वायु का हो, सभी परिवहन व्यवस्था की अपनी-अपनी उपयोगिता है। यही कारण है कि परिवहन के प्रति आम जनता को जागरूक करने के लिए 10 नवम्बर को परिवहन दिवस के रूप में मनाया जाता है।
आजादी के बाद से भारत के परिवहन व्यवस्था में लगातार तकनीक व सुरक्षा की दृष्टिकोण से मजबूत कदम उठाए गए हैं। भारत में परिवहन मंत्रालय बनाकर लोगों की यात्रा को सुगम, आरामदायक व गतिमान बनाई है| आज के दिन हम इसके विकास की चर्चा तो करते ही हैं साथ ही परिवहन से होने वाले प्रदूषण और दुर्घटनाओं को लेकर भी काफी चर्चा की जाती है। अनेक सेमिनार व जागरूकता कार्यक्रम किए जाते हैं जिससे दुर्घटनाओं को न केवल रोका जाए बल्कि पर्यावरण रहित व्यवस्था बने। सभी राज्यों के परिवहन विभाग द्वारा अनेक सामाजिक संस्थाओं के साथ मिलकर नुक्कड़ नाटक, सेमिनार, पैम्फ़्लेट व ट्रेनिंग देकर परिवहन दिवस की उपयोगिता बढ़ाई जाती है।
आज बिना परिवहन की दैनिक दिनचर्या के साथ उद्योग और व्यापार करना मुश्किल होता है| अतः सभी परिवहन चालकों से यह अपेक्षा है कि वह अपनी वाहन को हर संभव दुरुस्त रखें। उचित दूरी बनाकर चलने से ना केवल दुर्घटनाओं से बचा जा सकता है बल्कि पर्यावरण को भी बचा सकते हैं। किसी ने सच कहा है – सावधानी हटी दुर्घटना घटी। आज हम सभी परिवहन चालकों को सुरक्षित और सुखद यात्रा की शुभकामना देते हैं। साथ ही यह निवेदन भी करेंगे अगर हम हर व्यक्ति के हिसाब से वाहन ना खरीदें। परिवार की जरूरत के हिसाब से वाहन खरीदेंगे तो हो सकता है कि हमें भविष्य में पर्यावरण की समस्या से रूबरू ना होना पड़े।

राजीव गुप्ता ‘जनस्नेही’
लोक स्वर आगरा
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